Edited By Niyati Bhandari,Updated: 02 Aug, 2022 10:50 AM
नाग पंचमी सावन महीने में शुक्ल पंचमी को मनाई जाती है। मान्यता है कि नाग देवता की पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सभी कष्ट दूर करते हैं इसलिए मंदिरों में नाग देवता का जलाभिषेक किया
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Nag Panchami 2022: नाग पंचमी सावन महीने में शुक्ल पंचमी को मनाई जाती है। मान्यता है कि नाग देवता की पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सभी कष्ट दूर करते हैं इसलिए मंदिरों में नाग देवता का जलाभिषेक किया जाता है और उन्हें दूध चढ़ाया जाता है। इस दिन शिवभक्त उपवास भी रखते हैं। नाग शिव भगवान के गले का आभूषण हैं। नाग पंचमी पर जीवन में सुख-समृद्धि, खेतों में फसलों की रक्षा के लिए नाग देवता की पूजा की जाती है। इस दिन नाग देवता के साथ भगवान भोलेनाथ की पूजा व रुद्राभिषेक करने से जीवन में कालसर्प दोष समाप्त होता है। नागों का अभिषेक कराने और उन्हें दूध चढ़ाने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
शास्त्रों के अनुसार, नाग पंचमी पर अगर घर के बाहर सांप का चित्र बनाया जाता है तो इससे नाग देवता की कृपा परिवार पर बनी रहती है। मान्यताओं के अनुसार नाग पंचमी पर उपवास रखना चाहिए। नाग देवताओं की पूजा करें, उनका जलाभिषेक करें, फूल व दूध चढ़ाएं। साथ ही नाग मंत्र का भी जाप करें।
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‘चंद्रमा मनसो जातक’
सपनों की दुनिया मन के साथ गहरी जुड़ी है। जिनकी कुंडली में चंद्र आठवीं अर्थात वृश्चिक राशि में नीच होता है, उन्हें अक्सर नींद कम आती है या सपने अस्पष्ट होते हैं। चंद्रमा के साथ बुध या केतु हो तो वे दिन में भी सपने देखते हैं और वे निरर्थक होते हैं। चंद्रमा-राहू का संगम भी मन विचलित रखता है। स्वप्न बहुत आते हैं, याद तक नहीं रहते। श्रावण मास में सांपों के दर्शन को भगवान शिव के साथ जोड़ कर देखा जाता है।