Edited By Niyati Bhandari,Updated: 08 Jul, 2025 02:00 PM

Parad Shivling: भगवान शिव की पूजा सर्वदा फलदायक है लेकिन सावन माह में शिवलिंग पूजा का महत्व अन्य दिनों की तुलना में बढ़ जाता है। धार्मिक ग्रंथों में विभीन्न तरह की सामग्रियों से बने शिवलिंग की पूजा का विधान है। जिससे व्यक्ति आध्यात्म के बल पर तो आगे...
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Parad Shivling: भगवान शिव की पूजा सर्वदा फलदायक है लेकिन सावन माह में शिवलिंग पूजा का महत्व अन्य दिनों की तुलना में बढ़ जाता है। धार्मिक ग्रंथों में विभीन्न तरह की सामग्रियों से बने शिवलिंग की पूजा का विधान है। जिससे व्यक्ति आध्यात्म के बल पर तो आगे बढ़ेगा ही उसका लोक और परलोक भी कल्याणकारी हो जाता है। श्रावण के महीने में कुंवारी कन्याएं, शादीशुदा महिलाएं, अविवाहित-विवाहित पुरुष सभी यथा शक्ति पूजन करते हैं। भारत में विशिष्ट ज्योतिर्लिंगों का अपना अलग महत्व है। ये विशिष्ट शिवलिंग बारह माने गए हैं। इनमें से मात्र एक नेपाल में स्थित है। बाकी ग्यारह शिवलिंग भारत के विभिन्न प्रांतों में अवस्थित हैं।

पारद शिवलिंग (Mercury Shivling) को हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र और चमत्कारी माना गया है। यह शिवलिंग पारे से बना होता है, जिसे संस्कारित कर के कठोर रूप दिया जाता है। इसे घर या पूजा स्थान पर स्थापित करने से अनेक आध्यात्मिक, मानसिक और भौतिक लाभ प्राप्त होते हैं।

शिव पुराण के अनुसार पारद से निर्मित शिवलिंग का रुद्राभिषेक करने से उत्तम पुण्यों की प्राप्ति होती है। पारद शिवलिंग का अलग ही वजूद है क्योंकि पारे जैसी धातु को बांधना अत्यंत कठिन है। पारा स्वभाव से ही चंचल होता है। भारत देश में कई स्थानों पर पारद शिवलिंग हैं। पारद शिवलिंग का पूजन सामान्य से हजार गुना फल प्राप्त करने जैसा होता है। पारद शिवलिंग अत्यंत महत्वपूर्ण है जो सर्व कामप्रद, मोक्षप्रद, शिवस्वरूप बनाने वाला, समस्त पापों का नाश करने वाला माना गया है।

Benefits of keeping Parad Shivling at home पारद शिवलिंग को घर में रखने के लाभ:
आध्यात्मिक लाभ
शिव तत्व की उपस्थिति: पारद शिवलिंग को स्वयं शिव का स्वरूप माना जाता है, इससे घर में शिव की साक्षात उपस्थिति होती है।
तीव्र ऊर्जा और सकारात्मकता: इसे स्थापित करने से वातावरण में दिव्य ऊर्जा का संचार होता है।
सात्विकता में वृद्धि: मन, वचन और कर्म शुद्ध होते हैं।

धन और समृद्धि के लाभ
कुबेर का आशीर्वाद: पारद शिवलिंग को कुबेर का स्वरूप भी माना गया है, इससे धन में वृद्धि होती है।
व्यापार और करियर में उन्नति: इसे कार्यस्थल या दुकान में रखने से कारोबार बढ़ता है।

स्वास्थ्य लाभ
रोग नाशक प्रभाव: पारद की ऊर्जा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक मानी जाती है।
मानसिक शांति: चिंता, भय और तनाव से मुक्ति मिलती है।
दांपत्य और पारिवारिक जीवन में शांति
वैवाहिक जीवन में सामंजस्य: पति-पत्नी के संबंधों में प्रेम और समझ बढ़ती है।
पारिवारिक कलह दूर होता है: गृहक्लेश, आपसी मनमुटाव और नेगेटिविटी कम होती है।
पापनाशक और मोक्षदायक प्रभाव
पूर्व जन्मों के पापों का क्षय: नियमित पूजन से कर्म बंधन ढीले होते हैं।
मोक्ष का मार्ग प्रशस्त: आत्मा की शुद्धि और ऊर्ध्वगमन होता है।
कैसे करें पारद शिवलिंग की पूजा
प्रतिदिन जल, दूध या गंगाजल से अभिषेक करें।
"ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें।
सोमवार को विशेष पूजा करें।
इसे गोपनीय या शांत स्थान पर स्थापित करें।
पारद शिवलिंग का रखें ध्यान
पारद शिवलिंग को शयनकक्ष में न रखें।
इसे भूमि पर सीधे न रखें, चांदी, तांबे या संगमरमर के आसन पर रखें।
बिना विधिपूर्वक संस्कार किए पारद शिवलिंग को न स्थापित करें।
