Edited By Prachi Sharma,Updated: 28 Dec, 2025 09:26 AM

Paush Purnima 2026 : हिंदू धर्म में पौष पूर्णिमा का विशेष महत्व है। यह दिन दान-पुण्य, स्नान और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। साल 2026 में पौष पूर्णिमा का पर्व आध्यात्मिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यंत फलदायी...
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Paush Purnima 2026 : हिंदू धर्म में पौष पूर्णिमा का विशेष महत्व है। यह दिन दान-पुण्य, स्नान और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। साल 2026 में पौष पूर्णिमा का पर्व आध्यात्मिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यंत फलदायी होने वाला है। लेकिन अनजाने में की गई कुछ गलतियां आपकी आर्थिक स्थिति को बिगाड़ सकती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यदि इस दिन कुछ वर्जित कार्य किए जाएं, तो धन की देवी माता लक्ष्मी रुष्ट हो सकती हैं, जिससे व्यक्ति को पूरे साल आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं साल 2026 की पौष पूर्णिमा की तिथि, महत्व और वे 5 बड़ी गलतियां जिनसे आपको बचना चाहिए।
पौष पूर्णिमा तिथि
पौष पूर्णिमा तिथि: 3 जनवरी 2026
पूर्णिमा प्रारंभ: 3 जनवरी 2026 को दोपहर 02:40 बजे से
पूर्णिमा समाप्त: 4 जनवरी 2026 को दोपहर 03:15 बजे तक
उदयातिथि के अनुसार, व्रत और स्नान-दान 3 जनवरी को ही करना उत्तम रहेगा।
भूलकर भी न करें ये 5 गलतियां
शास्त्रों में पौष पूर्णिमा के दिन कुछ कार्यों को करना पूरी तरह वर्जित माना गया है। यदि आप चाहते हैं कि आपके घर में सुख-समृद्धि का वास रहे, तो इन 5 बातों का ध्यान रखें:
घर में कलह और अपशब्दों का प्रयोग
माता लक्ष्मी वहीं निवास करती हैं जहाँ शांति और प्रेम होता है। पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से घर के सदस्यों के साथ वाद-विवाद न करें। क्रोध करना या किसी को अपशब्द कहना माता लक्ष्मी को अप्रसन्न कर देता है। इस दिन घर का वातावरण भक्तिमय और शांत रखना चाहिए।
ब्रह्मचर्य का पालन न करना और तामसिक भोजन
पौष पूर्णिमा एक अत्यंत पवित्र तिथि है। इस दिन मांस, मदिरा, लहसुन और प्याज जैसे तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही, इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना अनिवार्य माना गया है। जो लोग इस दिन सात्विकता का पालन नहीं करते, उनके जीवन में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है और लक्ष्मी जी का आशीर्वाद प्राप्त नहीं होता।

देर तक सोना और साफ-सफाई की अनदेखी
पूर्णिमा की सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना चाहिए। जो लोग पूर्णिमा के दिन देर तक सोते हैं, उनके भाग्य में गिरावट आती है। इसके अलावा, माता लक्ष्मी को स्वच्छता प्रिय है। यदि आपके घर के मुख्य द्वार पर गंदगी है या घर के कोने गंदे हैं, तो लक्ष्मी जी प्रवेश नहीं करतीं। इस दिन शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर घी का दीपक जरूर जलाएं।
दान देने से मना करना या अपमान करना
पौष पूर्णिमा दान-पुण्य का दिन है। यदि इस दिन आपके द्वार पर कोई भिक्षु, जरूरतमंद या ब्राह्मण आए, तो उसे खाली हाथ न भेजें। अपनी सामर्थ्य के अनुसार अनाज, तिल या ऊनी कपड़ों का दान करें। किसी जरूरतमंद का अपमान करना या उसे दुत्कारना आपके संचित पुण्यों को क्षीण कर सकता है और आर्थिक बाधाएं उत्पन्न कर सकता है।
सूर्यास्त के बाद कर्ज का लेनदेन
ज्योतिष शास्त्र और लक्ष्मी पूजन की दृष्टि से पूर्णिमा के दिन शाम के समय न तो किसी को पैसा उधार देना चाहिए और न ही किसी से उधार लेना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दिन सूर्यास्त के बाद धन का लेनदेन करने से लक्ष्मी जी घर से बाहर चली जाती हैं और व्यक्ति कर्ज के जाल में फंस सकता है।
