Edited By Prachi Sharma,Updated: 26 Dec, 2025 03:01 PM

Paush Putrada Ekadashi 2025 : हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है और जब बात पौष पुत्रदा एकादशी की हो, तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। वर्ष 2025 की शुरुआत में आने वाली यह एकादशी न केवल संतान प्राप्ति और उनकी लंबी आयु के लिए महत्वपूर्ण है...
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Paush Putrada Ekadashi 2025 : हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है और जब बात पौष पुत्रदा एकादशी की हो, तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। वर्ष 2025 की शुरुआत में आने वाली यह एकादशी न केवल संतान प्राप्ति और उनकी लंबी आयु के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि यह आपके आने वाले पूरे साल यानी 2026 के भाग्य को भी प्रभावित कर सकती है। शास्त्रों में जहां दान को पुण्य का कार्य बताया गया है, वहीं कुछ विशेष तिथियों पर कुछ विशिष्ट वस्तुओं का दान वर्जित माना गया है। यदि आप पौष पुत्रदा एकादशी पर अनजाने में गलत चीजों का दान करते हैं, तो इससे पुण्य मिलने के बजाय दोष लग सकता है।
इन 5 चीजों का दान भूलकर भी न करें
चावल का दान
एकादशी के दिन चावल का सेवन और दान दोनों ही वर्जित माना गया है। पौराणिक कथा के अनुसार, चावल का संबंध महर्षि मेधा के शरीर के अंश से है। इस दिन चावल दान करने से व्यक्ति के मानसिक सुख में कमी आती है और आने वाले समय में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। यदि आप 2026 में समृद्धि चाहते हैं, तो इस दिन चावल के दान से बचें।
स्टील या लोहे के बर्तन
दान हमेशा मिट्टी, तांबे, चांदी या सोने का श्रेष्ठ माना जाता है। एकादशी पर लोहे या स्टील के बर्तनों का दान करने से शनि और राहु का नकारात्मक प्रभाव बढ़ सकता है। इससे परिवार के सदस्यों के बीच कलह और करियर में रुकावटें आ सकती हैं।

पुराना या फटा हुआ कपड़ा
अक्सर लोग शुभ तिथियों पर पुराने कपड़े दान कर देते हैं लेकिन पुत्रदा एकादशी पर ऐसा करना आपके भाग्य को कमजोर कर सकता है। दान हमेशा नई या साफ-सुथरी वस्तु का होना चाहिए। पुराने कपड़ों का दान आपके शुक्र को खराब करता है, जिससे 2026 में आपकी सुख-सुविधाओं में कमी आ सकती है।
तीखी या चटपटी चीजें
एकादशी एक सात्विक व्रत है। इस दिन नमक, मिर्च या तेल से बनी तली-भुनी चीजों का दान नहीं करना चाहिए। ऐसा दान लेने वाले और देने वाले दोनों के स्वभाव में तामसिक गुणों की वृद्धि करता है, जिससे निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होती है।
झाड़ू का दान
झाड़ू को लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। एकादशी के दिन झाड़ू दान करने का अर्थ है अपने घर की लक्ष्मी को विदा करना। इससे आपके संचित धन का नाश हो सकता है और आने वाले वर्ष में फिजूलखर्ची बढ़ सकती है।
