Pradosh Vrat 2025: मई का पहला प्रदोष व्रत आज, इस विशेष दीपक द्वारा पाएं शिव कृपा

Edited By Updated: 09 May, 2025 06:52 AM

pradosh vrat 2025

प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित एक विशेष व्रत है, जो प्रत्येक माह के त्रयोदशी तिथि को किया जाता है। मई 2025 का पहला प्रदोष व्रत 9 मई यानि आज रखा जाएगा इस व्रत में भगवान शिव की पूजा-अर्चना और दीप प्रज्वलन का विशेष महत्व है।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Pradosh Vrat 2025:  प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित एक विशेष व्रत है, जो प्रत्येक माह के त्रयोदशी तिथि को किया जाता है। मई 2025 का पहला प्रदोष व्रत 9 मई यानि आज रखा जाएगा इस व्रत में भगवान शिव की पूजा-अर्चना और दीप प्रज्वलन का विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन सही प्रकार का दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना गया है। प्रदोष व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने का एक प्रमुख साधन है। इस व्रत में शिवलिंग के समक्ष दीपक जलाने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। प्रदोष व्रत के दिन रात्रि काल में दीपक जलाना अधिक शुभ माना जाता है। प्रदोष व्रत वाले दिन दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है। 

दीया जलाने का महत्व
पूजा में दीपक जलाना अत्यंत शुभ और आवश्यक माना गया है। दीपक से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दीपक भगवान के समक्ष ज्ञान और प्रकाश का प्रतीक होता है। प्रदोष व्रत में दीप प्रज्वलन विशेष फलदायी होता है क्योंकि इससे भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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किस प्रकार का दीया जलाएं ?

मिट्टी का दीया
 मिट्टी का प्राचीन काल से ही मिट्टी के दीपक का महत्व धार्मिक स्थलों और पूजा विधियों में रहा है। मिट्टी का दीया सबसे पारंपरिक और शुभ माना जाता है।  इसे जलाने से घर में सुख-समृद्धि आती है और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। यह खासतौर पर प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के आशीर्वाद को आकर्षित करने के लिए सर्वोत्तम विकल्प माना जाता है।

देसी घी का दीपक
घी का दीया धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। घी से बना दीपक विशेष रूप से शुभ माना जाता है। यह दीपक घर में समृद्धि और खुशी का संचार करता है। घी का दीपक जलाने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सौभाग्य बढ़ता है। यदि आप प्रदोष व्रत के दिन घी का दीया जलाते हैं तो यह आपके व्रत को और भी अधिक फलदायी बनाता है।

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तांबे या पीतल का दीया
तांबे और पीतल के दीये भी विशेष महत्व रखते हैं। इन धातुओं से बने दीपक शुद्धता और शक्ति का प्रतीक माने जाते हैं। तांबा और पीतल के दीयों का प्रयोग करने से व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक स्थिति में सुधार होता है। इसके अलावा, ये दीये आर्थिक समृद्धि के लिए भी उपयोगी होते हैं। प्रदोष व्रत पर इनका उपयोग घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और धार्मिक दृष्टि से यह अत्यंत शुभ माना जाता है।

तेल का दीपक
तेल का दीया, खासकर सरसों के तेल या तिल के तेल का दीपक, नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने के लिए उपयोगी माना जाता है। इस प्रकार के दीये का प्रयोग घर में सुख-शांति लाता है और दरिद्रता को दूर करता है। प्रदोष व्रत के दिन तेल का दीया जलाने से व्यक्ति के जीवन में नकारात्मक विचार समाप्त होते हैं और सकारात्मकता का वास होता है। इसके अलावा, इस दीये से वातावरण में शुद्धता और संतुलन आता है।
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