World Heritage में शामिल हुआ तेलंगाना का 800 साल पुराना ये मंदिर

Edited By Jyoti,Updated: 29 Jul, 2021 11:54 AM

ramappa temple telangana

तेलंगाना का ये ख़ास मंदिर, पूरी दुनिया का इकलौता ऐसा मंदिर है जिसका नाम किसी देवी या देवता पर नहीं बल्कि शिल्पकार के नाम पर रखा गया है। आपको बता दें कि ये ऐतिहासिक मंदिर लोगों की चर्चा में ब

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तेलंगाना का रामप्पा मंदिर, पूरी दुनिया का इकलौता ऐसा मंदिर है जिसका नाम किसी देवी या देवता पर नहीं बल्कि शिल्पकार के नाम पर रखा गया है। आपको बता दें कि ये ऐतिहासिक मंदिर लोगों की चर्चा में बना हुआ है। क्योंकि इस मंदिर को विश्व धरोहर में शामिल कर लिया गया है। काकतीय रुद्रेश्व र मंदिर को यूनेस्कोद की वर्ल्डश हेरिटेज साइट में जगह मिली है। UNESCO ने इसकी जानकारी ट्वीट के ज़रिए दी।

UNESCO ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी देते हुए लिखा- 'यूनेस्कोा वर्ल्डए हेरिटेज साइट में काकतीय रुद्रेश्‍वर (रामप्पाक) मंदिर को शामिल किया गया है। बेहतरीन इंडिया।।'

यही नहीं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर सभी देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने लिखा 'शानदार! सभी देसवासियों खासकर तेलंगाना की जनता को बधाई। प्रतिष्ठित रामप्पा मंदिर महान काकतीय वंश के उत्कृष्ट शिल्प कौशल को प्रदर्शित करता है। मैं आप सभी से इस राजसी मंदिर परिसर की यात्रा और इसकी भव्यता का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने का आग्रह करता हूं।

चलिए अब आपको मंदिर की खासियत बताते हैं-
तेलंगाना के काकतिया वंश के महाराजा गणपति देव ने सन 1213 में इन मंदिर का निर्माण शुरू करवाया था। मंदिर के शिल्पकार रामप्पा के काम को देखकर महाराजा गणपति देव काफी प्रसन्न हुए थे और इसका नाम रामप्पा के नाम पर रख दिया था। रामप्पा मंदिर को बनने में 40 साल का समय लगा था। छह फीट ऊंचे प्लैटफॉर्म पर बने इस मंदिर की दीवारों पर महाभारत और रामायण के दृश्य उकेरे हुए हैं। मंदिर में भगवान शिव के वाहन नंदी की एक विशाल मूर्ति भी है, जिसकी ऊंचाई नौ फीट है। शिवरात्रि और सावन के महीने में यहां काफी श्रद्धालु पहुंचते हैं।

800 साल पुराने इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है इसकी मजबूती। क्योंकि उस वक्त के ज्यादा मंदिर जीर्ण-शीर्ण हो चुके हैं। जब इसकी चर्चा हुई तो पुरातत्व वैज्ञानिकों ने मंदिर की जांच की। जब कुछ पता नहीं चला तो उन्होंने इसके पत्थर की जांच की। जांच में पता चला कि इस मंदिर को तैरने वाले पत्थरों से बनाया गया है। इस वजह से इसके पत्थर हल्के हैं और कम टूटते हैं। लेकिन ये अभी भी रहस्य है कि पानी में तैरने वाले ऐसे पत्थर आये कहां से।
 

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