Edited By Prachi Sharma,Updated: 22 Dec, 2023 12:29 PM
शनि एक राशि में ढ़ाई साल गोचर करते हैं। 2022 में शनि के कुम्भ राशि में गोचर किया था अप्रैल में। इसी बीच मकर राशि में वक्री होकर शनि आ गए थे। अब
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Saturn effects on Aries 2024: शनि एक राशि में ढ़ाई साल गोचर करते हैं। 2022 में शनि के कुम्भ राशि में गोचर किया था अप्रैल में। इसी बीच मकर राशि में वक्री होकर शनि आ गए थे। अब शनि कुम्भ राशि में गोचर कर रहे हैं और ये गोचर 2025 तक चलेगा। मकर राशि के ऊपर शनि की साढ़ेसाती का आखिरी फेज चल रहा है। मीन राशि के ऊपर शनि की साढ़ेसाती का पहला फेज चल रहा है।
2024 में मेष राशि पर शुरू होगी शनि की साढ़ेसाती
मेष राशि के जातक जो अश्विनी नक्षत्र में पैदा हुए है उनके ऊपर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। शनि अगर केंद्र या त्रिकोण के स्वामी हो जाते हैं तो ये शुभ हो जाते हैं। यदि कुंडली में अष्टम या बारहवें भाव में आ जाए तो अशुभ फल देते हैं। शनि मेष राशि के लिए दो भावों के स्वामी होते हैं। एक दसवें के और एक ग्यारहवें के। ग्यारहवें भाव को अशुभ भाव कहा जाता है। इसमें सारे ग्रह चले जाए तो ये बहुत शुभ होता है। चूंकि ये छठे भाव से छठा होता है। मूलत्रिकोण राशि शनि की कुम्भ है। शुक्र हमेशा तुला राशि के ज्यादा फल करेंगे। शनि कुम्भ और गुरु धनु राशि में बढ़िया फल करेंगे। बुध हमेशा कन्या राशि के फल ज्यादा करेंगे। शनि मेष राशि के लिए इसलिए बढ़िया नहीं है। मेष राशि का स्वामी मंगल है। ये दोनों आपस में शत्रु भाव रखते हैं। मेष राशि के लिए शनि वैसे भी ज्यादा बढ़िया फल नहीं करते। तीन राशियां ऐसी हैं जिनके लिए शनि ज्यादा बढ़िया फल नहीं करते एक है सिंह और धनु।
जब ये बारहवें बैठेंगे तो दूसरे भाव को प्रभावित करेंगे। तीसरी दृष्टि दूसरे भाव के ऊपर जाएगी, ये धन भाव है। एक दृष्टि छठे भाव के ऊपर जाएगी। एक दृष्टि जाएगी नौवें स्थान के ऊपर। भाग्य का साथ कम मिलेगा, धन में कमी भी देखने को मिल सकती है। संतान को कष्ट देखने को मिल सकता है। गोचर शुभ है लेकिन उन लोगों को ज्यादा नुकसान होगा जो अश्विनी नक्षत्र में पैदा हुए हैं।
उपाय: शनि देव के मंत्रों का जाप करें- ॐ शं शनैश्चराय नमः
शनि का दान करें। ये दान शाम के समय करना है। काली दाल या फिर तेल का दान भी कर सकते हैं।
नरेश कुमार
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