Edited By Niyati Bhandari,Updated: 01 Jul, 2023 07:24 AM
प्रत्येक मास में दो पक्षों के आधार पर त्रयोदशी व्रत किया जाता है। यूं तो त्रयोदशी का प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है
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Shani Trayodashi 2023: प्रत्येक मास में दो पक्षों के आधार पर त्रयोदशी व्रत किया जाता है। यूं तो त्रयोदशी का प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है परंतु वार के अनुसार यदि प्रदोष की तिथि शनिवार को पड़े तो इसे शनि प्रदोष के नाम से जाना जाता है।
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ऐसे में प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव व शनि महाराज दोनों प्रसन्न होते हैं। यह व्रत किसी भी जातक के लिए हर पक्ष से लाभदायक सिद्ध होता है। एक और भगवान भोलेनाथ जहां हर मनोकामना पूरी करने वाले देव हैं। वहीं शनि देव के नाम से इस व्रत को करने से शनि से जुड़े दोषों से लाभ मिलता है। यदि आपकी कुंडली में शनि खराब फल दे रहा है तो आप समाज से विरक्त हो जाते हैं। आपके भाई-बंधु, रिश्तेदार सबसे आपके रिश्ते खराब होने शुरु हो जाते हैं। ऐसे में आप एकाकी जीवन व्यतीत करने पर मजबूर हो जाते हैं। यदि आपके साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा है तो आज आषाढ़ मास की त्रयोदशी तिथि है। जिसे शनि प्रदोष के व्रत के रुप में मनाया जाएगा। इस दिन व्रत व कुछ खास उपाय कर लेने भर से शनि शुभ फल देते हैं और आपके बिगड़ रिश्ते भी सुधरने लगते हैं।
स्नान आदि से फ्री होकर व्रत को प्रारंभ करने का संकल्प लें। गंगाजल से आचमन करते हुए भगवान शिव का ध्यान करें। इसके बाद शनि महाराज का यह प्रदोष व्रत सफल हो यह प्रार्थना करते हुए पीपल के पेड़ पर गंगा जल में काले तिल मिलाकर अर्पित करें।
संध्या के समय काले गुलाब जामुन का भोग शनिदेव को लगाकर गरीबों या छोटे बच्चों को बांटें।
रात्रि के समय घर की पश्चिम दिशा में सरसों के तेल का एक दीपक जलाकर, उड़द की दाल के पापड़ के ऊपर कुछ मुट्ठी काला उड़द उसके ऊपर रख दें। शनि देव से प्रार्थना करें की इस भोग को स्वीकार करें। जिसके भी साथ आपको अपने रिश्ते मधुर करने हैं, उसका नाम बोलकर रिश्ते की मधुरता की कामना करें। अगले दिन इस सामान को जल प्रवाह कर दें।
रात के समय खट्टे काल चने बनाकर गरीबों में बांटने से आपसी मतभेद दूर होते हैं और रिश्ते सुदृढ़ होते हैं।
रात के समय सरसों के तेल के 4 दिए जलाकर किसी भी चौराहे में चार मिठाई के टुकड़ों के साथ रख दें। ऐसा करने से चारों दिशाओं से आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं।
नीलम
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