Edited By Prachi Sharma,Updated: 24 Dec, 2025 10:13 AM

Premanand Maharaj Padyatra : प्रेमानंद महाराज को आम जनता के साथ-साथ कई बड़े सेलिब्रिटी भी बेहद सम्मान और श्रद्धा की दृष्टि से देखते हैं। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके दर्शन के लिए भक्त अलग-अलग समय पर आश्रम पहुंचते हैं,...
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Premanand Maharaj Padyatra : प्रेमानंद महाराज को आम जनता के साथ-साथ कई बड़े सेलिब्रिटी भी बेहद सम्मान और श्रद्धा की दृष्टि से देखते हैं। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके दर्शन के लिए भक्त अलग-अलग समय पर आश्रम पहुंचते हैं, वहीं कई लोग उनकी रात में होने वाली पदयात्रा का बेसब्री से इंतजार करते थे। अब श्रद्धालुओं के लिए यह इंतजार खत्म हो गया है क्योंकि प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा का समय बदल दिया गया है।
नया समय और मार्ग
अब प्रेमानंद महाराज रात के 2 बजे नहीं बल्कि शाम 5 बजे पदयात्रा करेंगे। इससे भक्तों के लिए दर्शन करना और भी आसान हो गया है। यह पदयात्रा वृंदावन में श्रीकृष्ण शरणम् फ्लैट से शुरू होकर श्री राधा केलिकुंज आश्रम तक जाती है और लगभग दो किलोमीटर लंबी होती है। इस दौरान भक्त उनकी एक झलक पाने के लिए कतार में खड़े रहते हैं।
प्रेमानंद महाराज के जीवन की झलक
संत प्रेमानंद का जन्म कानपुर, उत्तर प्रदेश में एक ब्राह्मण परिवार में अनिरुद्ध कुमार पांडे के रूप में हुआ। उनके परिवार में बचपन से ही भक्ति और धार्मिकता का माहौल रहा, जिसने उनके जीवन पर गहरा असर डाला। उन्होंने घर छोड़कर वाराणसी में संन्यास का मार्ग अपनाया और वहीं अपना आध्यात्मिक जीवन शुरू किया।
प्रेमानंद महाराज ने अपने गुरु सद्गुरु देव की सेवा दस वर्षों से अधिक समय तक पूरी निष्ठा से की। गुरु के आशीर्वाद और श्री वृंदावन धाम की दिव्यता से उनका जीवन पूर्णतः भक्ति भाव में समाहित हो गया। उन्होंने श्री राधा रानी के चरणों में अटूट भक्ति विकसित की और उनके जीवन में दिव्य शक्ति का अनुभव हुआ।