50 वर्ष पहले चुराई ‘काल संहार’ की प्रतिमा क्रिस्टीज ने नीलाम की, भारत ने नोटिस भेजा

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 23 Sep, 2022 09:27 AM

shiva tripuravijaya

केंद्र सरकार के अपराध जांच विभाग के ‘आइडल विंग’ ने अमरीका के क्रिस्टीज में नीलाम की गई ‘काल संहार’ की मूर्ति पर राज्य के मालिकाना हक का दावा करने संबंधी कानूनी दस्तावेज भेजे

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चेन्नई (प.स.): केंद्र सरकार के अपराध जांच विभाग के ‘आइडल विंग’ ने अमरीका के क्रिस्टीज में नीलाम की गई ‘काल संहार’ की मूर्ति पर राज्य के मालिकाना हक का दावा करने संबंधी कानूनी दस्तावेज भेजे हैं। शिव त्रिपुराविजय की यह दुर्लभ और शानदार कांस्य मूर्ति लगभग 1050 ईस्वी के चोल काल की है। इसमें भगवान शिव त्रिभंग की मुद्रा में एक पैर पर खड़े और एक व्यक्ति के कंधे पर एक पैर रखे हुए हैं और उन्होंने धोती और कई आभूषण पहने हुए हैं। 

विंग ने कहा कि ये दस्तावेज इस मूर्ति पर तमिलनाडु के कानूनी अधिकार की पुष्टि करते हैं। उसके अनुसार इसे त्रिपुरांतक मूर्ति भी कहा जाता है जो लगभग 50 वर्ष पहले तंजावुर जिले में ओरथानाडु के मुथम्मल पुरम गांव में श्री काशी विश्वनाथ स्वामी मंदिर से चोरी हो गई थी जिसे नकली मूर्ति से बदल दिया गया था।  

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चोरी की गई 82.3 सैंटीमीटर लंबी मूर्ति का पता क्रिस्टीज डॉट कॉम पर चला। वैबसाइट के अनुसार चुराई गई इस मूर्ति की कीमत 43,50,000 अमरीकी डॉलर बताई गई है। मूर्ति चोरी होने की जानकारी 6 नवम्बर, 2020 को सामने आई थी।

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