Edited By Sarita Thapa,Updated: 22 Dec, 2025 08:22 AM

अयोध्या में प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण की लहर अब कैरिबियाई द्वीपों तक पहुंच गई है। भारत से हजारों किलोमीटर दूर स्थित देश त्रिनिदाद और टोबैगो ने अपनी राजधानी पोर्ट ऑफ स्पेन में एक विशाल 'राम मंदिर' बनाने का निर्णय लिया है, जिसे 'मिनी...
Ram Mandir Global impact : अयोध्या में प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण की लहर अब कैरिबियाई द्वीपों तक पहुंच गई है। भारत से हजारों किलोमीटर दूर स्थित देश त्रिनिदाद और टोबैगो ने अपनी राजधानी पोर्ट ऑफ स्पेन में एक विशाल 'राम मंदिर' बनाने का निर्णय लिया है, जिसे 'मिनी अयोध्या' या 'अयोध्या नगरी' के नाम से जाना जाएगा।
इस महत्वाकांक्षी परियोजना की शुरुआत इस साल मई 2025 में ही हो गई थी, जब अयोध्या के रामलला की एक हुबहू प्रतिकृति त्रिनिदाद पहुंची। इस प्रतिमा के स्वागत के लिए पोर्ट ऑफ स्पेन की सड़कों पर 10,000 से अधिक भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा था। इस मंदिर के निर्माण को त्रिनिदाद सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है। वहां के सार्वजनिक उपयोगिता मंत्री बैरी पदारथ ने इस पहल का स्वागत करते हुए इसे देश की सांस्कृतिक विरासत को संजोने वाला कदम बताया है।
न्यूयॉर्क स्थित ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ राम मंदिर के संस्थापक और जयपुर फुट USA के चेयरमैन प्रेम भंडारी ने इस परियोजना का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने हाल ही में अयोध्या आकर रामलला के दर्शन किए और इस 'मिनी अयोध्या' के बारे में विस्तार से जानकारी साझा की। इस भव्य मंदिर और आध्यात्मिक केंद्र के निर्माण में लगभग 40 स्थानीय हिंदू संगठन एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
इसका महत्व क्या है?
यह मंदिर अमेरिका, कनाडा और अन्य कैरिबियाई देशों में रहने वाले उन राम भक्तों के लिए एक बड़ा केंद्र होगा, जो किसी कारणवश भारत नहीं आ सकते। स्थानीय सरकार इसे न केवल पूजा स्थल, बल्कि एक सांस्कृतिक और पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करना चाहती है, जिससे वहां की अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक पहचान को मजबूती मिले। त्रिनिदाद और टोबैगो को लंबे समय से 'रामायण देश' कहा जाता है क्योंकि यहां की 18% से अधिक आबादी हिंदू है और वे अपनी परंपराओं को लेकर बहुत सजग हैं।
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