Edited By Prachi Sharma,Updated: 06 Nov, 2025 07:00 AM

Smile please: बुरे कर्म कर आप अपना बैंक बैलेंस बिगाड़ रहे हो। धर्मराज के खाते में आपका सारा लेखा-जोखा लिखा जा रहा है। ऐसा कर आप अगले जन्म में भी दुखी रहने का लेखा-जोखा बना रहे हैं। कर्म भोग से कोई बच नहीं सकता। दूसरे को आगे बढ़ते देख दुखी न हो बल्कि...
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Smile please: बुरे कर्म कर आप अपना बैंक बैलेंस बिगाड़ रहे हो। धर्मराज के खाते में आपका सारा लेखा-जोखा लिखा जा रहा है। ऐसा कर आप अगले जन्म में भी दुखी रहने का लेखा-जोखा बना रहे हैं। कर्म भोग से कोई बच नहीं सकता। दूसरे को आगे बढ़ते देख दुखी न हो बल्कि आप सामने वाले से भी आगे बढ़ने की कोशिश करें।

पहले घर में सब इकट्ठे बैठ कर भोजन करते थे। सब एक-दूसरे को काम की जानकारी देते थे। अब हर कोई अपने मोबाइल में ही व्यस्त रहता है। पहले बड़े-बुजुर्गों की बातें ध्यान से सुनते थे और लाभ उठाते थे। परिवार में सबका प्रेम-प्यार बढ़ता था, घर में रौनक बनी रहती थी।
हम अपनी तरक्की में खुद रुकावट बने हुए हैं। अपने विचार ऊंचे बना लो, फिर देखना आपके जीवन में कैसा बदलाव आता है। विचार ऊंचे रखो। जैसा सोचोगे वैसे बन जाओगे। जो शिखर तक पहुंचे हैं, उन्होंने 20-20 घंटे काम किया है, तब जाकर ऊंचे मुकाम पर पहुंचे हैं। हाथ पर हाथ रख कर बैठने वाले कभी आगे नहीं बढ़ते।

सबसे उत्तम तीर्थ अपना मन है जो विशेष रूप से शुद्ध किया हुआ हो। —स्वामी शंकराचार्य तपस्या धर्म का पहला और आखिरी कदम है।
अपनी पीड़ा सह लेना और दूसरे जीवों को पीड़ा न पहुंचाना, यही तपस्या का स्वरूप है। —संत तिरुवल्लुवर
उठो जागो और लक्ष्य तक मत रुको। —स्वामी विवेकानंद
हजार योद्धाओं पर विजय पाना आसान है लेकिन जो अपने ऊपर विजय पाता है वही सच्चा विजयी है।—गौतम बुद्ध
अपने को संकट में डाल कर कार्य संपन्न करने वालों की विजय होती है, कायरों की नहीं। —जवाहरलाल नेहरू
विश्वास वह पक्षी है जो प्रभात के पूर्व अंधकार में ही प्रकाश का अनुभव करता है और गाने लगता है। —रबींद्रनाथ टैगोर
मेहनत करने से दरिद्रता नहीं रहती, धर्म करने से पाप नहीं रहता, मौन रहने से कलह नहीं होता। —चाणक्य
