Edited By Niyati Bhandari,Updated: 23 May, 2025 02:13 PM

Valley of Flowers National Park: उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में ‘वैली ऑफ फ्लावर्स’ यानी ‘फूलों की घाटी’ है, जहां तरह-तरह के फूल मन मोह लेते हैं। यहां तरह-तरह के फूल इतने खूबसूरत और आकर्षक लगते हैं कि आप इस फूलों वाली घाटी के मुरीद हो जाएंगे। यहां...
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Valley of Flowers National Park: उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में ‘वैली ऑफ फ्लावर्स’ यानी ‘फूलों की घाटी’ है, जहां तरह-तरह के फूल मन मोह लेते हैं। यहां तरह-तरह के फूल इतने खूबसूरत और आकर्षक लगते हैं कि आप इस फूलों वाली घाटी के मुरीद हो जाएंगे। यहां आपको 500 से ज्यादा तरह के फूल देखने को मिलेंगे। अगर आप यहां जाना चाहते हैं तो अभी से इसकी तैयारी कर सकते हैं। परियों का देश कितना सुंदर होता होगा इसकी झलक आप देवभूमि उत्तराखंड में देख सकते हैं। फूलों की घाटी यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की लिस्ट में शामिल है, जो नंदा देवी बायोस्फियर रिजर्व का हिस्सा है।
फूलों की घाटी क्यों खास है
फूलों की घाटी पश्चिमी हिमालय में स्थित है। पर्यटकों के बीच यह अपनी असाधारण जैव विविधता और विविध तरह के फूलों के लिए प्रसिद्ध है। इस घाटी में जाने पर आपको 600 से अधिक प्रजातियों के फूल देखने को मिलते हैं। इनमें हिमालयन ऑर्किड, ब्रह्म कमल, ब्ल्यू पॉपी, कोबरा लिली आदि खास हैं। यहां फूलों की कुछ ऐसी प्रजातियां भी हैं, जो केवल इसी घाटी में देखने को मिलेंगी। जैसे ब्रह्म कमल, जो उत्तराखंड का राज्य फूल है। यहां आप कुछ दुर्लभ वन्य जीवों को भी स्पॉट कर सकते हैं, जिनमें स्नो लैपर्ड, कस्तूरी मृग, काला भालू, लाल लोमड़ी आदि शामिल हैं।

कब खुलेगी फूलों की घाटी
फूलों की घाटी हर साल 1 जून को खुलती है और फिर 30 अक्तूबर को बंद होती है। इस साल भी इसके खुलने की तारीख 1 जून ही है।

कहां स्थित है फूलों की घाटी
फूलों की घाटी देखने के लिए आपको उत्तराखंड के चमोली जिले में पहुंचना होगा, जो लगभग 12,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है।
आकर्षण खूबसूरत घाटी में खिले रंग-बिरंगे फूल हैं, जिनको देखने के लिए प्रकृति प्रेमी दूर-दूर से पहुंचते हैं। यहां से हिमालय की गौरी पर्वत, रताबन और कुंथ खाल जैसी चोटियों का दीदार कर सकते हैं।
फूलों की घाटी में बहती है नदी
फूलों की घाटी से पुष्पावती नदी बहती है, जो आगे घांघरिया में लक्ष्मण गंगा से मिल जाती है। जब आप घांघरिया से आगे बढ़ेंगे तो इसी नदी के किनारे ट्रैक करते हुए फूलों की घाटी पहुंचेंगे।

फूलों की घाटी जाने का सर्वोत्तम समय
फूलों की घाटी एक परियों के देश जितनी खूबसूरत है। हिमालय की खूबसूरत चोटियों और झरनों का अलौलिक दीदार करना हो तो जुलाई से सितम्बर के बीच यहां जाने का प्लान बनाएं। हालांकि, मॉनसून सीजन होने की वजह से ट्रैक उतना आसान नहीं होता, इसलिए आने वालों को पूरी सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
सैर का रास्ता
फूलों की घाटी की यात्रा गोविंद घाट से शुरू होती है। यह एक छोटा गांव है जहां हरिद्वार या ऋषिकेश से सड़क मार्ग से आप आराम से पहुंच सकते हैं। गोविंदघाट से घांघरिया गांव के बीच करीब 13 किलोमीटर की चढ़ाई करनी होगी। ट्रैक के अगले चरण में घांघरिया से फूलों की घाटी तक 4 किलोमीटर की चढ़ाई शामिल है यानी आपको करीब 16-17 किलोमीटर लंबा ट्रैक यहां पहुंचने के लिए चढ़ना होगा। वैसे घांघरिया से 6 किलोमीटर आगे सिख तीर्थ स्थल हेमकुंट साहिब भी है। आप चाहें तो ट्रैक करके वहां भी जा सकते हैं।

ट्रैक पूरा करने में कितना समय लगता है
फूलों की घाटी का ट्रैक अगर आप गोविंद घाट से शुरू करते हैं तो वापस यहीं आने पर आपको 3 दिन का समय लगेगा। हरिद्वार से आप अपनी यात्रा शुरू करेंगे तो वापस हरिद्वार पहुंचने में आपको 5 दिन लगेंगे। हरिद्वार या ऋषिकेश से जोशीमठ में गोविंदघाट तक सड़क मार्ग से पहुंचने के लिए आपको 255 किलोमीटर यात्रा करनी होगी। आप देवप्रयाग, रुद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग, नंदप्रयाग से जोशीमठ होते हुए गोविंदघाट पहुंचेंगे। इसमें 8 से 10 घंटे का समय लगेगा। अगला पड़ाव गोविंदघाट से पुलना तक पहुंचना है। यहां आपको स्थानीय वाहन मिलेगा और पहुंचने में 15-20 मिनट लगेंगे। पुलना से घांघरिया का 9 किलोमीटर का ट्रैक असली चैलेंज है। इसे पूरा करने में आपको 4 से 5 घंटे लगेंगे। हालांकि, यहां आपको छोटे होटल मिलेंगे। वहीं कुली और खच्चर की सुविधा भी है। यह रास्ता पुष्पावती नदी के किनारे है और आप पत्थर के पक्के रास्ते से होते हुए जाते हैं। घांघरिया से फूलों की घाटी तक का सफर 4 किलोमीटर का है। आना-जाना मिलाकर आपको 7-8 घंटे का समय लगेगा।
प्रवेश शुल्क और समय
फूलों की घाटी में प्रवेश का समय सुबह 7 से दोपहर 2 बजे तक होता है। बंद होने का समय शाम 5 बजे है। तब तक घाटी से वापस आना ही होता है। घाटी में प्रवेश शुल्क भारतीय नागरिकों के लिए 150 रुपए और विदेशी पर्यटकों के लिए 600 रुपए है। एक बार फीस भरने पर यह 3 दिन के लिए वैध रहती है।

कहां ठहर सकते हैं
फूलों की घाटी में पर्यटकों और ट्रैकर्स को रात में रुकने की परमिशन नहीं है इसलिए रात्रि व्यवस्था आपको घांघरिया में मिलेगी।
कुछ जरूरी सुझाव
यह ट्रैक मध्यम कठिनाई वाला है तो इसके लिए आप मानसिक तौर पर तैयार होकर जाएं।
मॉनसून में रास्ते में फिसलन हो सकती है इसलिए जूते और कपड़े उसी लिहाज से पहनें।
ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी की वजह से थोड़ी परेशानी हो सकती है। थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहें।
