Edited By Jyoti,Updated: 27 Feb, 2020 12:14 PM
कहा जाता है इस दुनिया में कोई ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जिसका कोई दुश्मन नहीं है। किसी के जीवन में सत्ता के चलते शत्रु पैदा होते हैं। तो किसी की लाइफ में ज़मीन-जायदाद को लेकर अपने ही दुश्मन बन जाते हैं।
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कहा जाता है इस दुनिया में कोई ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जिसका कोई दुश्मन नहीं है। किसी के जीवन में सत्ता के चलते शत्रु पैदा होते हैं। तो किसी की लाइफ में ज़मीन-जायदाद को लेकर अपने ही दुश्मन बन जाते हैं। तो वहीं कार्यक्षेत्र में कंपीटिशन के चलते या व्यापार में अधिक बढ़ोतरी के कारण भी जिंदगी में बहुत से दुश्मन बन जाते हैं। कहने का भाव यही है कि चाहे किसी की भी उदाहरण ले जाई, शत्रु तो हर किसी की लाइफ में होते ही है। अब ज़ाहिर सी बात है कि अगर हमारी लाइफ में शत्रु होंगे तो वो परेशानियां तो आएंगी। इन परेशानियों व समस्याओं से हर कोई छुटकारा पाना चाहता है, इसी के चलते प्रत्येक व्यक्ति हर समय इसके समाधान के बार में सोचता रहता है। मगर अफसोस अधिक प्रयासों के बाद भी वो असफल होते हैं। तो ऐसे में ऐसा क्या करना चाहिए जिससे लाइफ के सभी शत्रु मित्र बन जाएं। ये सवाल हर किसी के मन में आता है। आज अपने इस आर्टकिल के माध्यम से हम आपको इस मुसीबत से हल लेकर आएं।
दरअसल ज्योतिष शास्त्र की मानें तो इसमें कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं, जिन्हें अपनाने से दुश्मन दोस्त बन जाता है। जी हां, आपको शायद हमारी इस बात पर विश्वास न हो। अगर ऐसा है, तो हमारी आपको ये राय है कि एक बार ये उपाय आप अपने दुश्मन पर आजमा कर ज़रूर देखें।
उपाय करने से पहले जान लें इसके लिए आवश्यक सामग्री-
एक काले रंग का कपड़ा, दो पीले नींबू, एक सफ़ेद कागज और थोड़ा सा सिंदर एकत्रित कर लें।
शनिवार के दिन सुबह स्नान करके काली मां के मंदिर जाकर लेटकर माथा टेके। इसके बाद मंदिर से सीधे किसी सुनसान स्थान पर जाकर एक नींबू, पर उस स्त्री या पुरूष का नाम लिखें (जिसको अपना मित्र बनाना चाहते हैं) और दूसरे नींबू पर अपना नाम लिखें।
अब एक सफ़ेद कागज पर उस स्त्री या पुरूष का नाम हरे रंग के पेन से 251 बार लिखें। फिर दोनों नीबूं को सफ़ेद कागज में लपेट दें। अब इसे अपने दाहिने हाथ में लेकर 251 बार निम्न दिए गए मंत्र को पढ़ें।
मंत्र।। ॐ ज्ञानी न मपि चेतांसि देवी भगवती हिंसा ग्रहा बलादा कृष्य मोहाय महामाया परयकस्टी ।।
मंत्र पूरा पड़ने के बाद उन दोनों नींबुओं को कागज़ से निकल लें। जिस नीबूं पर उस 251 बार का नाम लिखा है उसे काट कर उसका रस पी जाएं।
इसके ठीक अगले दिन कागज़ और दूसरे वाले नीबूं को काले कपड़े में बांधकर किसी बहते हुए पानी में प्रवाहित करे दें।
इतना करने के बाद अगले 11 दिनों तक हर रोज़ सुबह शुद्ध होकर 111 बार उपरोक्त दिए गए मंत्र का जप करें।
उपाय करते समय इन बातों का रखें ध्यान-
ये उपाय शनिवार वाले दिन ही शुरू करें, इस बात का खास ध्यान रखें ये उपाय करते समय कोई आपको देखे नहीं और न ही कोई आपके साथ हो।
उपाय में उपयोग किए जाने वाले दोनों नीबूं केवल पीले रंग के ही होने चाहिए। नीबूं को वहीं से काटें जहां आपने नाम लिखा है। मंत्र के शब्दों का उच्चारण शुद्ध और सही तरीके से करें।
(नोट: ये उपाय ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है, पंजाब केसरी इस तरह के किसी भी उपाय की पुष्टि नहीं करता।)