Venus Transit in Aries: 124 दिन बाद मुक्त हुए शुक्र, 9 राशियों की चांदी, 3 पर संकट

Edited By Updated: 31 May, 2025 07:00 AM

Venus Transit in Aries: शुक्र की महादशा सबसे ज्यादा 20 साल चलती है। शुक्र विलासता, दौलत के कारक हैं। यदि यह शुक्र गोचर में पीड़ित हो जाते हैं तो आपको शुक्र से संबंधित जितनी भी चीजें हैं उसमें डिस्टरबेंस देखने को मिलती हैं क्योंकि हर व्यक्ति की...

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Venus Transit in Aries: शुक्र की महादशा सबसे ज्यादा 20 साल चलती है। शुक्र विलासता, दौलत के कारक हैं। यदि यह शुक्र गोचर में पीड़ित हो जाते हैं तो आपको शुक्र से संबंधित जितनी भी चीजें हैं उसमें डिस्टरबेंस देखने को मिलती हैं क्योंकि हर व्यक्ति की कुंडली में दो भाव ऐसे हैं, जहां पर वृषभ राशि पड़ी है या जहां पर तुला राशि पड़ी है। वह राशि का स्वामी जब पीड़ित हो गया गोचर में तो निश्चित तौर पर इन दोनों भावों से संबंधित फल जो है वह खराब हो जाते हैं। शुक्र 28 जनवरी को मीन राशि में आए थे, 124 दिन बाद 31 मई को मेष राशि में जाएंगे। आमतौर पर शुक्र का गोचर 27 दिन का होता है लेकिन यहां पर उच्च के होने के बावजूद शुक्र शनि के साथ फंस गए हैं। राहु के साथ फंस गए। तो यह स्थिति लगभग 124 दिन तक चलती रही। अब 124 दिन की स्ट्रगल के बाद शुक्र मुक्त होने जा रहे हैं और शुक्र मुक्त होंगे 31 मई को। 29 जून तक शुक्र मेष राशि में रहेंगे। जब मेष राशि में रहेंगे तो 12 राशियों के ऊपर। यानी कि आपकी राशि के ऊपर इसका क्या असर पड़ेगा ? यह देखते हैं -

मेष राशि: मेष राशि के ऊपर से शुक्र का गोचर हो रहा है। मेष राशि के ऊपर से शुक्र का गोचर अच्छा है। शुक्र यहां पर आपके लिए धन भाव के स्वामी हो जाए हो जाते हैं। आपके लिए सप्तम के स्वामी हो जाते हैं। जो लोग मैरिड हैं उनके लिए यह समय अच्छा रहेगा। अपनी वाइफ के साथ अपने पार्टनर के साथ
अच्छा समय बिता पाएंगे क्योंकि शुक्र सीधा सप्तम को देखेंगे। यहां पर सप्तम ने शुक्र की अपनी मूल त्रिकोण राशि पड़ी है। धन भाव के स्वामी का राशि के ऊपर से गोचर करना धन के मामले में वृद्धि कर सकता है। वैसे भी जब चंद्रमा के ऊपर से शुक्र जैसे ग्रह का गोचर होता है तो आप सामान्य तौर पर भी आपका एंथोरिज्म थोड़ा सा अच्छा रहता है। आप अच्छे मूड में रहते हो। शुक्र इच्छाओं के कारक हैं,  यह राक्षस गुरु हैं। तो जब चंद्रमा के ऊपर से शुक्र का गोचर होगा तो आपका मूड वैसे ही अच्छा रहेगा। तो शुक्र मेष राशि के जातकों के लिए काफी अच्छा है क्योंकि यहां पर धन भाव का स्वामी जो हैं वह चंद्रमा के ऊपर से गोचर करेगा। यह स्थिति आपके लिए अच्छी है। जिनकी शादी नहीं हुई है, उनकी शादी भी हो सकती है क्योंकि यहां पर शुक्र सीधा सप्तम भाव को दिखेगा। सप्तम को एक्टिव करेगा। सप्तम का कारक भी शुक्र होता है। इस राशि के लिए सप्तम का स्वामी भी शुक्र होता है। तो निश्चित तौर पर मेष राशि के जातकों के लिए यह गोचर अच्छा है। 

वृष राशि: अगली राशि है शुक्र की अपनी राशि। शुक्र इकलौते ग्रह हैं जिनका 12वें का गोचर ठीक होता है। जब दो राशि बनाएंगे तो दो राशि से शुक्र 12वें चले जाएंगे। 12वां शुक्र काल पुरुष की कुंडली में 12 राशि में शुक्र उच्च का हो जाता है। इसलिए 12वें के शुक्र का गोचर भी अच्छा माना गया है। तो जब 12वें का शुक्र है तो 12वें का शुक्र विदेश से संबंधित कार्यों में सफलता दिला सकता है, यहां पर क्योंकि उस भाव में बैठा है। लग्नेश विदेश चला गया, विदेश यात्रा का योग बन सकता है। यह एक स्थिति बनेगी वृषभ राशि के जातकों के लिए। विदेश से संबंधित जिनका काम है, जो एक्सपोर्ट का काम करते हैं, इंपोर्ट का काम करते हैं, जिनका कोई ऐसी कंपनीज़ हैं जो विदेश से संबंधित है उनके लिए काफी अच्छी हो जाएंगी। शुक्र यहां पर जब 12 बैठेंगे तो सीधा देखेंगे छठे भाव को। यहां पर शुक्र की अपनी मूल त्रिकोण राशि तुला पड़ी हुई है। तो तुला राशि पर जब शुक्र देखेंगे तो छठे भाव से संबंधित फलों को थोड़ा सा अच्छा कर देंगे। छठा भाव रोग, ऋण, शत्रु का भाव है। यदि कोई फिजिकल प्रॉब्लम है तो वहां पर चीजें वह ठीक हो सकती हैं। यदि कोई कर्ज वाली स्थिति है तो वहां पर चीजें थोड़ी सी ठीक हो सकती हैं। यदि कोई कोर्ट केस चल रहा है तो वहां पर चीजें थोड़ी सी आपको इजी होती हुई नजर आएंगी क्योंकि शुक्र यहां पर अपने भाव को खुद प्रोटेक्ट करेंगे सीधी दृष्टि के साथ। लग्न के स्वामी हैं तो लग्न के फल तो अच्छे कर ही जाएंगे क्योंकि वह अच्छी स्थिति में है तो निश्चित तौर पर वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र का गोचर डेफिनेटली अच्छा होने जा रहा है।

मिथुन राशि: मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र यहां पर 11वें भाव में गोचर करेंगे। अब 11वां भाव में शुक्र का गोचर वह अच्छा हो जाना निश्चित तौर पर अच्छी स्थिति है क्योंकि जो मिथुन राशि होती है, उसके लिए शुक्र पंचम के स्वामी हो जाते हैं। जो इस राशि के सिंगल व्यक्ति हैं, उनके लिए पांचवां एक्टिव हो गया। यहां पर कोई न कोई लाइफ में आ जाएगा या जो ऑलरेडी रिलेशन में हैं तो उसके साथ अच्छा समय बिताने का मौका मिल जाएगा। फिफ्थ हाउस आपका स्टेट ऑफ माइंड होता है। शुक्र की सीधी दृष्टि आपके स्टेट ऑफ माइंड को पॉजिटिव करने का काम करेगी। पार्टनर के साथ अच्छा समय बिता सकते हैं। यहां पर शुक्र 12वें के स्वामी हो जाते हैं। 12वें के स्वामी होकर 11वें आकर बैठ जाएंगे। तो 12वें से संबंधित फल भी आपको अच्छे मिलेंगे क्योंकि शुक्र शुभ गोचर में है तो अपने 12वां भाव के फल भी करेंगे। 12वां भाव विदेश का भाव है, विदेश से संबंधित भाव है तो निश्चित तौर पर उसके फल भी आपको अच्छे मिलेंगे।

कर्क राशि: कर्क राशि के जितने भी जातक हैं जो पुष्य नक्षत्र में पैदा हुए हैं उनके ऊपर दशा ही शुक्र की चल रही है। लेकिन शुक्र का दशम का गोचर अच्छा नहीं होता इसलिए कर्क राशि के जातकों को थोड़ा सा संभलकर चलना चाहिए। यह गोचर उनके लिए शुभ नहीं है। कर्क राशि के लिए शुक्र 11वें के स्वामी हो जाते हैं। कर्क राशि के लिए शुक्र केंद्र भाव यानी कि चौथे भाव के स्वामी हो जाते हैं लेकिन गोचर दसवें भाव में है। 10वें का शुक्र का गोचर अच्छा नहीं होता।इसलिए यहां पर कार्यस्थल से संबंधित कोई न कोई परेशानी हो सकती है। इसलिए कर्क राशि के जातकों को थोड़ा सा कार्यस्थल पर संभलकर काम करना चाहिए। आय से संबंधित मामले हैं, जहां पर डिजायर से संबंधित मामले हैं, वहां पर चीजें थोड़ी सी पॉजिटिव होती हुई आ सकती हैं। शुक्र पीड़ित अवस्था से निकल गए हैं। यह राशि के स्वामी यह आपके लिए महादशा के स्वामी हैं। कर्क राशि के जातकों के लिए इसलिए भी विशेष है क्योंकि पुष्य नक्षत्र के जितने भी जातक हैं उनके ऊपर इस समय शुक्र की महादशा चल रही है। 

सिंह राशि:सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र का यह गोचर होगा नाइंथ हाउस में। नाइंथ हाउस आपके आध्यात्म का भाव होता है। किस्मत आपकी यहीं से देखी जाती है। तो यहां पर शुक्र का गोचर निश्चित तौर पर दो काम करेगा। एक तो सीधी दृष्टि देगा आपके तीसरे भाव को। भाई के साथ यदि कोई मनमुटाव है, किसी तरह की प्रॉब्लम है, कोई समस्या है तो वहां पर चीज़ें थोड़ी सी सेट होती हुई नज़र आ सकती हैं। डिटरमिनेशन आपका निश्चित तौर पर बढ़ा हुआ नज़र आएगा। यहां पर शुक्र सिंह राशि के जातकों के लिए दसवें भाव के स्वामी हो जाते हैं। दसवें भाव के स्वामी का भाग्य स्थान में आ जाना निश्चित तौर पर कार्य से संबंधित सफलता दिलाने का काम करेगा। यह आपके लिए बहुत अच्छा है। सिंह राशि के जातकों को शुक्र का यह गोचर बहुत फायदा देकर जाएगा। 


कन्या राशि: कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र का यह गोचर होगा अष्टम भाव में। शुक्र इकलौते ग्रह हैं जिनका अष्टम भाव का गोचर भी अच्छा होता है। हालांकि बुध का गोचर भी अच्छा होता है लेकिन शुक्र का गोचर अष्टम भाव में अच्छा है। तो अष्टम भाव से बैठकर शुक्र सीधी दृष्टि दे रहे हैं धन भाव को तो धन भाव के ऊपर शुक्र की दृष्टि का मतलब है कि कन्या राशि के जातकों के लिए धन में वृद्धि का काम शुक्र का गोचर कर सकता है। यहां पर कन्या राशि के जातकों के लिए कोई धार्मिक यात्रा भी आपकी हो सकती है लेकिन आप थोड़ा सा ड्राइविंग के वक्त थोड़ा सा जरूर सावधानी के साथ काम लें। 

तुला राशि: तुला राशि के जातकों के लिए सप्तम का गोचर अच्छा नहीं है। हालांकि शुक्र राशि का स्वामी है राशि को देखेगा लेकिन सप्तम क्योंकि भोग स्थान होता है। जितने भी तुला राशि के जातक हैं वह इस दौरान जब तक शुक्र का गोचर है यहां पर तब तक सावधान रहें कि आपका ध्यान न भटके। नॉर्मली शुक्र यहां पर जब आता है युवा अवस्था में यही करता है। सेवंथ हाउस में जब शुक्र आएगा गोचर में आएगा तो आपका ध्यान भटकाने का काम करता है। आपका ध्यान सांसारिक सुखों की तरफ ज्यादा हो जाता है। काम की तरफ आप ध्यान कम लगाते हैं तो कार्य में सफलता नहीं मिल पाती। चंचलता ज्यादा आ जाती है मन में जब क्योंकि राशि भी उसकी अपनी है उसको देख भी रहा है, सप्तम में भी बैठा है। तो यहां पर थोड़ा सा तुला राशि के जातकों को इस तरफ से बच के रहना पड़ेगा। यहां पर ध्यान भटकाने का काम शुक्र यहां पर कर सकते हैं। 

वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि के लिए शुक्र छठे में गोचर करेंगे। यह गोचर अच्छा नहीं है क्योंकि छठे भाव में काल पुरुष की पत्रिका में शुक्र नीच के हो जाते हैं। तो जब शुक्र छठे भाव में आ जाते हैं तो यहां पर अच्छा फल नहीं करते। अब सप्तम के स्वामी का छठे में आ जाना आपके पार्टनर की हेल्थ को लेकर इशू खड़ा कर देगा। 12वें भाव के ऊपर से यहां पर शुक्र की दृष्टि अच्छी नहीं है। 12वें भाव से संबंधित फल आपके खराब हो सकते हैं। सप्तम भाव से संबंधित फल आपके खराब हो सकते हैं। वृश्चिक राशि के जातकों को इस गोचर के दौरान थोड़ा सा संभलकर रहना पड़ेगा। 

धनु राशि: धनु राशि के जातकों के लिए यहां पर शुक्र का गोचर होगा फिफ्थ हाउस में। फिफ्थ हाउस आपके स्टेट ऑफ माइंड, निश्चल प्रेम का भाव होता है।  इसका मतलब यह है कि धनु राशि के जितने भी जातक हैं, युवा हैं उनकी लाइफ में कोई न कोई आ सकता है। यहां पर शुक्र बैठेंगे तो सीधी दृष्टि देंगे आय भाव को यानी कि 11थ हाउस को, जहां पर शुक्र की मूल त्रिकोण राशि तुला पड़ी हुई है।  यहां पर कोई कोर्ट केस चल रहा है तो वहां पर आपके लिए यह हेल्पफुल हो सकते हैं। कोई आपको फिजिकल दिक्कत चल रही है तो वहां पर शुक्र का गोचर आपके लिए अच्छा हो जाएगा। धनु राशि के जातकों के लिए जो शनि की ढैया से गुजर रहे हैं उनके लिए शुक्र का यह गोचर महीने भर के लिए लगभग राहत लेकर आ रहा है। यह गोचर धनु राशि के जातकों के लिए अच्छा है। 

मकर राशि: मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र का गोचर फोर्थ हाउस में होगा। यानी कि मकर राशि के जितने भी जातक हैं, वह इस गोचर के दौरान नई प्रॉपर्टी बनाने का विचार कर सकते हैं, नई प्रॉपर्टी बन भी सकती है। आपके लिए यह गोचर निश्चित तौर पर बहुत अच्छा है। शुक्र उसको प्रोटेक्ट कर रहे हैं सीधी दृष्टि से तो निश्चित तौर पर यहां पर कारोबारी सफलता भी शुक्र दिलाएंगे।कि क्योंकि अपने भाव को खुद शुक्र प्रोटेक्ट कर रहे हैं। यदि आप नौकरी करते हैं, तो वहां पर आपका प्रभाव बढ़ सकता है। कारोबार में आपको वृद्धि देखने को मिल सकती है। पंचम के स्वामी होने के कारण मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र अच्छे ग्रह हैं क्योंकि वह मित्र ग्रह हैं, आपके लिए तो पंचम से संबंधित फल भी कराएंगे। स्टेट ऑफ माइंड आपका पॉजिटिव हो जाएगा। पार्टनर के साथ अच्छा समय आप बिता सकते हैं। 

कुंभ राशि: कुंभ राशि और मकर राशि दोनों के लिए शुक्र योगा कारक होते हैं क्योंकि कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र की वृषभ राशि है वह फोर्थ हाउस में आ जाती है। शुक्र की मूल त्रिकोण राशि तुला वह भाग्य स्थान में आ जाती है। भाग्य स्थान त्रिकोण का भाव है और चौथा भाव वह केंद्र का भाव होता है। यानी कि एक केंद्र और एक त्रिकोण के स्वामी होने के कारण कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र योगा कारक हो जाते हैं। अब ऐसा ग्रह जब आपके पराक्रम स्थान से गोचर करेगा, भाग्य स्थान को सीधा एक्टिव करेगा। जहां पर शुक्र की अपनी राशि पड़ी है तो निश्चित तौर पर वह आपके भाग्य को एक्टिव कर देगा। यानी कि कोई भी आप काम करना चाह रहे हैं, उसमें कहीं पर कोई अड़चन आ रही है तो निश्चित तौर पर वहां पर सफलता मिलती हुई आपको नजर आएगी।  यदि कोई कार, घर खरीदने का विचार कर रहे हैं तो वहां पर चीज़ एग्जीक्यूट होती हुई आपको नज़र आएंगी। 

मीन राशि: मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र तीसरे भाव के स्वामी हो जाते हैं। तीसरा आपके पराक्रम का भाव होता है, पराक्रम में थोड़ी सी वृद्धि होगी। आपके भाई के साथ ट्यूनिंग अच्छी नहीं है या भाई को कोई समस्या है तो वहां पर चीजें थोड़ी सी अच्छी होती हुई नजर आएंगी। तो कुल मिलाकर मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र का गोचर धन के लिहाज से अच्छा है। पराक्रम में वृद्धि के लिहाज से अच्छा है। यह जो है गोचर आपके लिए निश्चित तौर पर अच्छे फल लेकर आएगा। 

नरेश कुमार
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