Vijayadashami Aparajita Puja: विजयदशमी के दिन अपराजिता पूजा से करें अपने दुश्मनों का खात्मा

Edited By Updated: 01 Oct, 2025 06:53 AM

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Vijayadashami Aparajita Puja 2025: अपराजिता देवी को मां दुर्गा का ही एक शक्तिरूप माना जाता है। पुराणों में वर्णन है कि जब देवताओं और असुरों में विजय का संकट हुआ, तब देवी ने अपराजिता रूप में प्रकट होकर असुरों का संहार किया। अपराजिता पूजा से साधक को...

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Vijayadashami Aparajita Puja 2025: अपराजिता देवी को मां दुर्गा का ही एक शक्तिरूप माना जाता है। पुराणों में वर्णन है कि जब देवताओं और असुरों में विजय का संकट हुआ, तब देवी ने अपराजिता रूप में प्रकट होकर असुरों का संहार किया। अपराजिता पूजा से साधक को भय, रोग और शत्रु बाधाओं से मुक्ति मिलती है। आत्मविश्वास और मानसिक स्थिरता प्राप्त होती है।

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When to perform Aparajita Puja अपराजिता पूजा कब करें?
नवरात्रि, विजयदशमी या किसी भी शुभ तिथि पर अपराजिता पूजा करना अत्यंत लाभकारी है। नए घर में प्रवेश, भूमि पूजन, दुकान या ऑफिस के उद्घाटन से पहले यह पूजा करनी चाहिए। अमावस्या या पूर्णिमा के दिन भी यह पूजा विशेष फल देती है।

Materials required for Aparajita Puja अपराजिता पूजा के लिए आवश्यक सामग्री
मां अपराजिता की प्रतिमा या चित्र, स्वच्छ आसन (लाल/पीला कपड़ा), गंगाजल, कलश, नारियल, रोली, हल्दी, चावल, मौली, फूल, माला, अक्षत, धूप, दीपक, अगरबत्ती, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल), फल, मिठाई और प्रसाद

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Precautions during Aparajita Puja अपराजिता पूजा में सावधानियां
पूजा हमेशा शुद्ध मन और नियमपूर्वक करें। स्थान की स्वच्छता और दिशा का विशेष ध्यान रखें। पूजा के समय किसी का अपमान या क्रोध न करें। प्रसाद को शुद्ध और सात्विक रखें। 

अपराजिता पूजा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि वास्तु शास्त्र का एक शक्तिशाली उपाय है। यह साधना साधक को विजय, शक्ति और आत्मविश्वास प्रदान करती है। घर में वास्तु दोष, अशांति या असफलता का अनुभव हो रहा हो तो अपराजिता पूजा करना अत्यंत शुभ है।

देवी अपराजिता का स्मरण हमें यह संदेश देता है कि– “सच्ची भक्ति, शुद्ध मन और सही दिशा में साधना करने से कोई भी शक्ति हमें पराजित नहीं कर सकती।”

स्थान: घर में ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) या मंदिर में पूजा करना सर्वोत्तम।

टिप: यदि घर में नया निर्माण हो या वास्तु दोष हो तो अपराजिता पूजा तुरंत किया जा सकता है।

Aparajita Puja

Benefits of Aparajita Puja अपराजिता पूजा के लाभ
अपराजिता पूजा न केवल धार्मिक अनुष्ठान है बल्कि वास्तु और आध्यात्मिक दृष्टि से भी बहुत लाभकारी है। प्रमुख लाभ निम्न हैं:
विजय और सफलता प्राप्ति
अपराजिता देवी का अर्थ ही है – अपराजित।
यह पूजा करने से जीवन में सभी संघर्षों और बाधाओं पर विजय मिलती है।
घर में शांति और समृद्धि
घर में नकारात्मक ऊर्जा और वास्तु दोष समाप्त होते हैं।
परिवार में सुख, शांति और ऐश्वर्य बढ़ता है।
व्यापार और करियर में उन्नति
व्यापारियों और कर्मचारियों के लिए यह पूजा विशेष रूप से लाभकारी है।
पदोन्नति, सफलता और लाभ में वृद्धि होती है।

Aparajita Puja gives relief from enemy obstacles शत्रु बाधा से मुक्ति देती है अपराजिता पूजा
घर या व्यवसाय में किसी प्रकार की शत्रुता, कोर्ट-कचहरी या विवाद होने पर इस पूजा से शत्रु बाधा कम होती है।
स्वास्थ्य और मानसिक शांति
मानसिक तनाव, भय और रोगों में कमी आती है।
साधक आत्मविश्वास और मानसिक स्थिरता प्राप्त करता है।

Spiritual Benefits of Aparajita Puja अपराजिता पूजा के आध्यात्मिक लाभ
साधक को देवी अपराजिता का आशीर्वाद मिलता है।
जीवन में सुख, सिद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

Materials required for Aparajita Puja अपराजिता पूजा के लिए आवश्यक सामग्री
मां अपराजिता की प्रतिमा या तस्वीर
स्वच्छ लाल या पीला कपड़ा (आसन के लिए)
कलश, गंगाजल, नारियल, रोली, हल्दी, अक्षत (चावल), फूल, पुष्पमाला, दीपक, धूप, अगरबत्ती, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल), फल, मिठाई, पूड़ी और चना, मौली/कलावा

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