Updated: 01 Nov, 2025 10:59 AM

परेश रावल अभिनीत आत्मा को झकझोर कर रख देनेवाले कोर्टरूम ड्रामा 'द ताज स्टोरी', आखिरकार सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। दर्शक इसे साल की सबसे सशक्त और सोचने पर मजबूर करने वाली फिल्मों में से एक बता रहे हैं।
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। परेश रावल अभिनीत आत्मा को झकझोर कर रख देनेवाले कोर्टरूम ड्रामा 'द ताज स्टोरी', आखिरकार सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। दर्शक इसे साल की सबसे सशक्त और सोचने पर मजबूर करने वाली फिल्मों में से एक बता रहे हैं। परेश रावल के करियर के सबसे प्रभावशाली अभिनय में से एक मानी जा रही यह फिल्म अपने बेबाक संवादों, तीखे सवालों और सच्चाई व न्याय के अडिग चित्रण के लिए सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बन गई है।
गौरतलब है कि तुषार अमरीश गोयल के निर्देशन और सीए सुरेश झा के निर्माण में बनी 'द ताज स्टोरी' दर्शकों को एक गहन सफर पर ले जाती है, जहां इतिहास, भावना और टकराव एक ही अदालत की दीवारों के भीतर खुलते हैं। यह फिल्म केवल एक कहानी नहीं सुनाती, बल्कि दर्शकों को सोचने, सवाल करने और आत्ममंथन करने पर मजबूर करती है।
फिल्म की रिलीज़ के बाद इंटरनेट पर दर्शकों की प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई, जिन्होंने इसके लेखन, निर्देशन और सबसे बढ़कर परेश रावल के प्रभावशाली अभिनय की जमकर प्रशंसा की। यह हैं 'द ताज स्टोरी' पर दर्शकों की प्रतिक्रियाएं
एक यूज़र ने लिखा, बहुत कम फिल्में इतनी ईमानदारी से इतिहास से सवाल करती हैं। #TheTajStory साहसी, प्रभावशाली और आख़िरी तक भावनाओं से भरी हुई है।
एक अन्य यूज़र ने कहा, #TheTajStoryReview – फिल्म के कोर्टरूम सीन आग हैं! हर बहस सच्ची लगती है, हर सन्नाटा मायने रखता है। यह कहानी भारत को देखनी ही चाहिए।
एक अन्य दर्शक ने लिखा, संवाद, कोर्टरूम की जंग, और छिपा हुआ संदेश – #TheTajStoryReview का हर पहलू क्वालिटी सिनेमा की पहचान है।
एक अन्य दर्शक ने लिखा, फिल्म की कहानी में गर्व और उद्देश्य की भावना इतनी खूबसूरती से बुनी गई है कि यह सिर्फ फिल्म नहीं, एक बयान की तरह महसूस होती है।
शक्तिशाली संवादों के साथ जो लंबे समय तक दिमाग़ में गूंजते रहते हैं, 'द ताज स्टोरी' को उन सभी के लिए ज़रूर देखने लायक बताया जा रहा है, जो अर्थपूर्ण सिनेमा की कद्र करते हैं। यह केवल एक और कोर्टरूम ड्रामा नहीं, बल्कि एक ऐसा अनुभव है जो सोचने का नज़रिया बदल देता है।
परेश रावल, ज़ाकिर हुसैन, अमृता खानविलकर, स्नेहा वाघ और नमित दास जैसे कलाकारों से सजी यह फिल्म एक सशक्त सामाजिक ड्रामा के रूप में उभरती है, जो बौद्धिक परंपराओं पर सवाल उठाती है और ऐतिहासिक आख्यानों को नए दृष्टिकोण से परखती है। रोहित शर्मा और राहुल देव नाथ के संगीत से सजी 'द ताज स्टोरी' विचारों को झकझोरने और चर्चा को जन्म देने का प्रयास करती है और भारत के सबसे प्रतिष्ठित स्मारकों में से एक ताजमहल और उससे जुड़ी अनेक व्याख्याओं को एक नए नज़रिए से प्रस्तुत करती है।