जो अनुशासन और इज्जत यूनिफार्म के साथ आती है, यही इसकी खूबसूरती है

Edited By Sonali Sinha,Updated: 23 Jan, 2023 01:36 PM

jaanbaaz hindustan ke interview

‘जांबाज हिंदुस्तान के’ की स्टारकास्ट सुमीत व्यास और रेजिना कैसेंड्रा से खास बातचीत

नई दिल्ली। हिंदी सिनेमा में देशभक्ति पर अब तक पर कई फिल्में बन चुकी है, जिन्हें लोगों ने अपना बेशुमार प्यार दिया है। इसी कड़ी में क्राइम थ्रिलर और जबरदस्त एक्शन से भरपूर एक नई वेब सीरीज ‘जांबाज हिंदुस्तान के’ आ रही है, जिसमें सुमीत व्यास और रेजिना कैसेंड्रा ने शानदार अभिनय किया है। बता दें कि यह वेब सीरीज सच्ची घटनाओं पर आधारित है, जो गणतंत्र दिवस के दिन यानी 26 जनवरी 2023 को ओ.टी.टी. प्लेटफॉर्म पर रिलीज होगी। इस खास मौके पर सुमीत व्यास और रेजिना कैसेंड्रा ने  पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/जगबाणी/हिंद समाचार से खास बातचीत की।

 

Regina Cassandra
Q. जब आपको यह फिल्म ऑफर हुई तो आपका क्या रिएक्शन था?
- मुझे शुरुआत से ही इस वेब सीरीज की कहानी बहुत मजेदार लगी, इसमें मेरा किरदार एक ऐसी महिला आई.पी.एस.  अफसर का है जो एक मां और बेटी होने के साथ-साथ कई किरदारों को निभा रही है। सबसे बड़ी बात कि यह सीरीज एक सच्ची घटना पर आधारित है।
सीरीज में आपका किरदार आपकी रियल लाइफ से कितना मिलता है?
-मेरे रियल लाइफ कैरेक्टर और सीरीज के किरदार से एक चीज बहुत मेल खाती है, वो यह है कि हम दोनों ही बहुत
स्ट्रांग हैं।

 

Q. आप कामयाबी और नाकामयाबी को किस तरह से देखती हैं?
-मैं ज्यादा सोचती नहीं हूं लेकिन मुझे इतना पता है कि कामयाबी और नाकामयाबी, दोनों को साथ लेकर चलना है। मुझे फेलियर इतना हर्ट नहीं करता है क्योंकि फेलियर ही ऐसी चीज है, जिससे आप बहुत कुछ सीखते हो। जब कभी मैं बुरे समय से गुजरती हूं तो मैं बैठ कर सोचती हूं कि ऐसा क्यों हुआ, मैं क्या कर सकती थी और क्या नहीं कर सकती थी। कुछ चीजें हमारे हाथ में होती हैं और कुछ नहीं।

 

Q. जब शूट पर आप यूनिफॉर्म पहनती थीं, तब कैसा महसूस होता था?
-जब हम यूनिफार्म पहनते थे तब एक खडक़ सी फीलिंग आती थी, बॉडी स्ट्रेट हो जाती थी, ऐसा लगता था कि आप ही के हाथ में पूरी कमान है। जब कभी लोग मुझे शूट के दौरान यूनिफॉर्म में देख लेते थे तो वो मुझे रियल पुलिस अफसर समझ लेते थे लेकिन एक बात है जो अनुशासन व इज्जत इस यूनिफॉर्म के साथ आती है मुझे वो अच्छी लगी और यही इस यूनिफार्म की खूबसूरती है।

 

Q. क्या आपने इसके लिए कोई खास तैयारी की?
-ये जो किरदार मैं निभा रही हूं वो मेरे करियर की बहुत अच्छी स्टेज पर मेरे पास आया। मैं मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग ले चुकी हूं और मैंने एक तेलुगु फिल्म में पुलिस ट्रेनी की भूमिका भी निभाई थी, जिस दौरान मैंने बहुत कुछ सीखा था। मेरी हर दिन ट्रेनिंग होती थी और इस रोल को मैंने इस लिए भी अच्छे से निभा लिया, क्योंकि मेरी बॉडी को इसकी आदत हो गई थी।

 

Q. किसके साथ शूट करने में सबसे ज्यादा मजा आया?
-सबके साथ काम करने में बहुत अच्छा लगा, लेकिन मिटा मैम, सुमीत और मेरा एक बहुत मजेदार सीन था और मुझे इनके साथ बैठना भी अच्छा लगता था क्योंकि इनसे बहुत कुछ सीखने को मिलता था।

 

Q. रेजिना ऐसा कहा जाता है कि साऊथ के एक्टर्स को बॉलीवुड का सहारा लेने की जरूरत नहीं होती है, आपका इस बारे में क्या कहना है?
-एक एक्टर का सपना पूरा तब होता है जब वो सब कुछ कर लेता है। ये मैटर नहीं करता कि आप कहां काम कर रहे हैं, मैटर ये करता है कि कैसा काम कर रहे हैं। इसके साथ ही मुझे बहुत खुशी हो रही है कि ग्लोबल लेवल पर साउथ इंडियन फिल्में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं।

 

Sumeet Vyas
Q. जब आपको ये फिल्म ऑफर हुई तो आपका कैसा रिएक्शन था?

-ये काफी अलग स्क्रिप्ट थी, जब मैंने इसे पढऩा शुरू किया तो इसे पूरी करके ही उठा और मुझे पसंद भी आई।


Q.  आपको अपने किरदार में सबसे अच्छा क्या लगा?
-मेरा किरदार सीरीज में विलेन का है, जो असल में आतंकवादी है और मैं खुद अपने आपको इस कैरेक्टर में देखने में हिचकिचा रहा था लेकिन मैं सोचता हूं कि इस तरह का किरदार मुझे जरूर करना चाहिए, क्योंकि यह मेरे लिए एक चैलेंज की तरह है जिसे प्ले करके बहुत कुछ सीखा और एक्सप्लोर किया है।


Q. किसी सीन में किसी तरह का डर या अजीब सी फीलिंग महसूस हुई?
-नहीं डर तो नहीं लगा था बल्कि मैंने ही कहा था कि मैं ये किरदार करूंगा, क्योंकि  इसे निभाना बिलकुल ही अलग चीज है, लेकिन मुझे ये नहीं पता कि दर्शकों को ये कैसा लगेगा, करने के बाद इसका रिजल्ट कैसा आएगा। मैंने अपना काम तो पूरी मेहनत से किया है उसकी जिम्मेवारी मैं लेता हूं।


Q. क्या आप अब अपनी स्क्रिप्ट को लेकर चूजी हो गए हैं?
-करियर की शुरुआत में तो मुझे इतने मौके मिलते नहीं थे फिर जब चीजें थोड़ी बेहतर होने लगी तो एक फेज ऐसा भी आता है जब इनसिक्योरिटी होने लगती है एक्टर होने को तो मैंने बहुत सारा काम ले लिया, बिना कुछ ज्यादा सोचे समझे, लेकिन अब मैं उस फेज से निकल चुका हूं। मुझे ये भी लगता है कि मुझे वो काम नहीं करना है, जहां मुझे बाद में पछतावा हो। इस बात में मैं चूजी हूं।


Q. आपके लिए शूटिंग का सबसे मुश्किल पार्ट कौन सा था?
- एक सीन में थोड़ी दिक्कत हुई थी लेकिन बाद में वो भी ठीक से शूट हो गया था। हुआ यह था कि मैं वेश बदल कर आया हूं, रेजिना मुझे चेज कर रही हैं और मैं भाग रहा हूं। पहले तो जो सजेस्ट किया गया था वो बहुत बड़ी ट्रे थी जो फाइट मास्टर ने कहा था कि यह उठाकर फेंक दो आप और वो पकड़ लेगी, मैंने कहा यार वो भाग कर आ रही है मान लो कि पकड़ा न गया और मुंह पर लग गया तो गड़बड़ हो जाएगी, तो उसको काम करते-करते बोला कि ये प्लेट छोटी ले लेते हैं तो मैंने कहा कि क्यों न कुछ और कोशिश करें लेकिन वो चाहते ही यही थे। शुक्र है कुछ हुआ नहीं।


Q. आपको क्या लगता है एक्टिंग का कोई शॉर्टकट है या केवल थिएटर से अच्छा एक्टर मिल सकता है?
- ऐसा भी नहीं है कि जो थिएटर करके आते हैं वही अच्छा काम करते हैं, बहुत सारे लोग हैं जिन्होंने कभी थिएटर नहीं किया है लेकिन वो बहुत अच्छा काम करते हैं। परफॉर्मेंस आपकी उतनी ही अच्छी होगी जितना आपने जिंदगी की चीजों को ऑब्जर्व किया है और कितना अच्छे से आप उसको अपने क्राफ्ट में ट्रांसलेट कर पाते हैं।

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