Edited By Diksha Raghuwanshi,Updated: 07 Nov, 2022 11:54 AM
अभिनय के अनुभव को साथ लिए त्रिशला पटेल एक सशक्त अभिनेत्री और रंगकर्मी हैं।
मुंबई। दो दशकों से अधिक, अभिनय के अनुभव को साथ लिए त्रिशला पटेल एक सशक्त अभिनेत्री और रंगकर्मी हैं। ज़ी थिएटर के टेलीप्ले, 'आज रंग है' में उनकी एक ख़ास भूमिका है और वो कहती हैं की ये कहानी शांति और प्रेम का सन्देश देती है। त्रिशला ने फिल्म और टेलीविजन में कई तरह की भूमिकाएँ निभाई हैं, लेकिन पूर्वा नरेश निर्देशित नाटक 'आज रंग है' के लिए उनके दिल में एक विशेष स्थान है। यह टेलीप्ले टाटा प्ले थियेटर पर 6 नवंबर, रात 8 बजे प्रसारित होगा और इसमें त्रिशला ने एक बैठक गायिका बेनी बाई की भूमिका निभाई, जो अपने पड़ोसियों को सलाह देते समय भारतीय शास्त्रीय संगीत के इतिहास के उदाहरण देती है। चाहे वह फन्ने और शारदा की अंतर-धार्मिक प्रेम कहानी हो, या नन्ही अमीना और विद्या जो उससे अल्लाह के बारे में सवाल पूछती हैं और जानना चाहती हैं कि, होली केवल हिन्दू ही क्यों मानते हैं, बेनी के पास हर बात का जवाब है। उसकी सोच में हज़रत अमीर खुसरो के काव्य और मानवता की सुगंध है, जो नफरत के बीच भी, प्रेम, शांति और सांप्रदायिक सदभाव की कल्पना करती है।
टेलीप्ले के बारे में चर्चा करते हुए, त्रिशला कहती हैं, "प्यार और नफरत अनादि काल से हमारे बीच मौजूद हैं और इसीलिए यह कहानी हमेशा प्रासंगिक रहेगी। कहानी का मूल संदेश है कि, मानवता नफरत से बेहतर है और यह हमें समझाती है कि, प्यार जाति, पंथ और धर्म से भी सर्वोपरि है। इस नाटक ने मुझे सिखाया की वास्तव में भारत क्या है और हमारी संस्कृति कितनी समृद्ध है। मैंने किसी सूफी कविता पर शोध नहीं किया, लेकिन पूर्वा ने मुझे इस कहानी की महीन परतों को समझने में बेहद मदद की। मेरे लिए, बेनी बाई एक काल्पनिक चरित्र नहीं है और मैंने पूरे आत्मसमर्पण से उसे अभिनीत किया है।"
त्रिशला के लिए, इस नाटक का सबसे प्रेरक पहलू उसकी प्रेम कहानी थी, जो धार्मिक विभाजनों के परे परवान चढ़ती है और वे कहती है, "मुझे लगता है कि, यह टेलीप्ले आने वाली पीढ़ियों के लिए है और उन्हें भी प्रेरणा देती रहेगा।"
पूर्वा नरेश के साथ काम करने के बारे में वह कहती हैं, " पूर्वा जब रिहर्सल रूम में प्रवेश करती हैं, तो किसी को भी पता नहीं होता है कि वह क्या करने जा रही हैं। लेकिन जिस क्षण वे काम करना शुरू करती हैं, कुछ बहुत ही सुंदर और अनूठा उभर कर सामने आता है। उनकी सोच और शैली में बहुत भारतीयता है पर फिर भी वो कालातीत है। उनका लेखन और काम करने का तरीका सबसे अलग है।"
सौरभ श्रीवास्तव द्वारा फिल्माए गए इस नाटक में सारिका सिंह, प्रेरणा चावला, प्रीतिका चावला, पूर्वा नरेश, इमरान रशीद, सुकांत गोयल, निशि दोशी और राजश्री देशपांडे भी हैं।