थामा हमारे देश के सबसे सफल हॉरर-कॉमेडी यूनिवर्स की अगली कड़ी: आयुष्मान खुराना

Updated: 17 Oct, 2025 12:40 PM

thama starcast interview with punjab kesari

आयुष्मान खुराना, रश्मिका मंदाना और नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने पंजाब केसरी, नवोदय टाइम्स, जगबाणी और हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश...

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। मैडॉक फिल्म्स की हॉरर-कॉमेडी यूनिवर्स की अगली पेशकश थामा ट्रेलर रिलीज के बाद से ही सुर्खियों में है। आदित्य सरपोतदार द्वारा निर्देशित इस रोमांटिक हॉरर-कॉमेडी फिल्म में आयुष्मान खुराना, रश्मिका मंदाना और नवाजुद्दीन सिद्दीकी लीड रोल में नजर आएंगे। थामा न केवल रोमांस, कॉमेडी और हॉरर का अनूठा मेल है, बल्कि यह स्त्री, मुंज्या, भेड़िया और स्त्री 2 जैसी फिल्मों की कड़ी में अगला बड़ा नाम बनने जा रहा है। यह फिल्म 2025 की सबसे बहुप्रतीक्षित और मनोरंजक फिल्मों में से एक मानी जा रही है। फिल्म के बारे में आयुष्मान खुराना, रश्मिका मंदाना और नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने पंजाब केसरी, नवोदय टाइम्स, जगबाणी और हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश...

नवाजुद्दीन सिद्दीकी

सवाल: आपको हमेशा इंटेंस और रियलिस्टिक रोल्स में देखा गया है। इस बार हॉरर-कॉमेडी में एंट्री कैसी रही?
जब ऐसा कोई किरदार मिलता है जो आपके कम्फर्ट जोन से बाहर होता है, तो वो एक बड़ा चैलेंज होता है। और मुझे लगता है कि हर एक्टर को ऐसे चैलेंज लेना अच्छा लगता है। इसलिए मैं इस रोल को लेकर बहुत एक्साइटेड हूं। हालांकि शूटिंग के दौरान मैंने उस दुनिया की झलक देखी थी, लेकिन अब जब फिल्म तैयार हो रही है, तो देखना दिलचस्प होगा कि वह दुनिया कैसी दिख रही है। हमारी एक्साइटमेंट भी उतनी ही ज्यादा है।

सवाल: आपने इस रोल के लिए कोई हॉरर या वैम्पायर फिल्में देखीं?
नहीं, इस बार मैंने जानबूझकर कोई रेफरेंस नहीं लिया। मैंने अपने डायरेक्टर पर पूरा भरोसा रखा। उन्होंने हर सीन में बताया कि कैसे टोन रखना है, क्या एक्सप्रेशन चाहिए। इसलिए मेरा योगदान कम और डायरेक्टर का ज्यादा है।

सवाल: क्या अब भी आपको ऐसे रोल मिल रहे हैं जो दर्शकों को सरप्राइज करें और क्या आप अपने काम से संतुष्ट हैं?
हर एक्टर चाहता है कि हर फिल्म में कुछ नया करे, ताकि वो खुद भी बोर न हो। अगर बार-बार एक जैसा रोल मिलेगा तो एक्टर खुद ही ऊब जाएगा। हमेशा जरूरी नहीं कि हर फिल्म हिट हो या हर किरदार काम करे। लेकिन कोशिश यही रहती है कि कुछ अलग किया जाए। कभी फिल्म नहीं चलती, कभी टीम उस फिल्म को सही जगह तक नहीं पहुंचा पाती ये भी होता है। छोटी फिल्मों में खासकर ये दिक्कत आती है कि आपने अच्छा काम किया, लेकिन फिल्म को सही रिलीज़ या शो टाइम नहीं मिला। तब बहुत दुख होता है। लेकिन जब ऐसी टीम के साथ काम करते हैं जो अपने-अपने फील्ड में एक्सपर्ट हो, तो भरोसा रहता है कि हमने ईमानदारी से काम किया है बाकी चीज़ें संभाल ली जाएंगी।

आयुष्मान खुराना

सवाल: आपके लिए क्या ज़्यादा एक्साइटिंग था पहली दिवाली रिलीज या इस यूनिवर्स का हिस्सा बनना?
दोनों, यह मेरी पहली दिवाली रिलीज़ है, जो हर एक्टर की विश लिस्ट में होती है। मैडॉक के साथ ये मेरी दूसरी फिल्म है। ‘बाला’ के बाद फिर से उनके साथ काम करना बहुत अच्छा लगा। थामा हमारे देश के सबसे सफल हॉरर-कॉमेडी यूनिवर्स की अगली कड़ी है। इसमें हम दिखाएंगे कि ‘बेताल’ कैसे बनता है, और थामा शब्द अश्वत्थामा से प्रेरित है जो शक्ति और रहस्य का प्रतीक है। रश्मिका और नवाज भाई के साथ काम करना बहुत अच्छा अनुभव रहा। हॉरर के साथ साथ कॉमेडी ज्यादा है, रोमांस है, एक्शन है। 

सवाल: क्या आपने अपने किरदार के लिए कोई रेफरेंस लिया?
ये वाकई दिलचस्प रहा क्योंकि जैसे मेरे किरदार के लिए वो एक 'बेताल' है लेकिन हमने पहले कभी बेताल को देखा नहीं है। तो उस किरदार को निभाने के लिए कोई रेफरेंस नहीं था। ऐसे में हमने डायरेक्टर्स आदित्य सर और अमर सर की मदद ली। मैंने खुद को पूरी तरह से उनके विज़न के हवाले कर दिया जैसे, 'सर, अब आप बताइए कैसे करना है'। बस फिर उसी भरोसे के साथ आगे बढ़े। मैं ज़्यादा नॉन-फिक्शन पढ़ता हूं। बायोग्राफी, न्यूज, रियल लाइफ से इंस्पिरेशन लेता हूं। वही चीज मुझे अपने किरदारों को और रियल बनाने में मदद करती है।

सवाल: आपकी फिल्मों में हमेशा कोई न कोई नया सामाजिक एंगल या अनोखी कहानी होती है। क्या थामा उसी कड़ी का हिस्सा है?
थामा एक डिसरप्टिव फिल्म है, क्योंकि जैसा कि मैंने पहले भी कहा हिंदी सिनेमा में 'बेताल' की अवधारणा को आज तक कभी एक्सप्लोर नहीं किया गया है। यह पहली बार है जब इस विषय को छुआ जा रहा है। मेरे लिए भी यह नया है क्योंकि अब तक मैंने ज़्यादातर रियलिस्टिक फिल्में की हैं। यह पहली बार है जब मैं किसी फैंटेसी और सुपरनैचुरल वर्ल्ड का हिस्सा बना हूं। इसके अलावा, यह मेरे करियर की अब तक की सबसे बड़ी फिल्म है, और वो भी दिवाली पर रिलीज़ हो रही है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि यह फिल्म ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे और मैं मानता हूं कि थामा वही फिल्म है।

रश्मिका मंदाना

सवाल:  आपका किरदार बहुत अलग और आकर्षक लग रहा है। हॉरर-कॉमेडी में पहली बार काम करने का अनुभव कैसा रहा?
बहुत मज़ेदार। ये मेरी पहली हॉरर-कॉमेडी फिल्म है और सच कहूं तो किरदार किस तरह का है, इसका पूरा अंदाज़ा तो फिल्म देखने के बाद ही लगेगा। लेकिन जब इस किरदार की तैयारी कर रही थी, तो यह जॉनर मेरे लिए बिल्कुल नया था। न कोई रेफरेंस था, न कोई तय फ्रेम। ऐसे में यह काफी इंट्रेस्टिंग और चैलेंजिंग रहा। पहले दिन ही हमारी पूरी टीम परेश सर, नवाज सर, आयुष्मान और मैं एक ही सेट पर शूट कर रहे थे और हमारी केमिस्ट्री तुरंत क्लिक कर गई। कोई फोर्स्ड एफर्ट नहीं था। किरदार की तैयारी में हमने बहुत डिस्कशन किए क्योंकि हमारे पास कोई रेफरेंस नहीं था। ‘बेताल’ जैसा किरदार पहले कभी नहीं दिखाया गया, तो सबकुछ स्क्रैच से क्रिएट करना था।

सवाल: आपके लुक को लेकर भी काफी चर्चा है। क्या आपने खुद उसमें इनपुट दिया?
जब हमने लुक टेस्ट किया, तो उस दौरान काफी डिस्कशन हुए कपड़े, हेयर, मेकअप वगैरह पर और ये बहुत ज़रूरी भी था क्योंकि हमें किरदार को ज़ीरो से बनाना था। ऐसे में मेरा इन्वॉल्वमेंट रहा, लेकिन मैं खुद को एक मैनिक्विन की तरह देखती हूं जो तैयार है, कुछ नया अपनाने के लिए। मैं अपने मेकअप आर्टिस्ट और स्टाइलिस्ट पर भरोसा करती हूं।

सवाल: आपकी हर फिल्म सुपरहिट रही है पुष्पा से एनिमल तक। अब जब आप हिंदी सिनेमा के टॉप पर हैं, अगला लक्ष्य क्या है?
सच कहूं तो मुझे कभी भी नंबर वन होने की अवधारणा समझ नहीं आई। आखिर 'नंबर वन' होता कौन है? वो जो सबसे ज्यादा कलेक्शन लाता है? या जो बेहतरीन फिल्में चुनता है? या जिसकी परफॉर्मेंस सबसे दमदार होती है? मुझे नहीं लगता कि ऐसा कोई फिक्स्ड पैमाना होता है। मैं हमेशा अपने रास्ते पर चली हूं। मेरा मानना है कि अगर आज मैं एक फिल्म कर रही हूं, तो कल मुझे कुछ ऐसा करना है जो ऑडियंस को सरप्राइज कर दे। कभी परफॉर्मेंस-बेस्ड रोल, कभी सिर्फ एंटरटेनमेंट, कभी कोई हल्का-फुल्का किरदार, तो कभी कोई ताकतवर रोल मेरा मकसद यही है कि दर्शकों को ये अंदाज़ा न हो कि मैं आगे क्या करने वाली हूं। यही मेरे लिए भी सबसे एक्साइटिंग है और मेरे दर्शकों के लिए भी। हर फिल्म सबको पसंद आए, ये जरूरी नहीं। कोई फिल्म कुछ लोगों के लिए होती है, तो कोई फिल्म किसी और ऑडियंस के लिए। मैं चाहती हूं कि हर तरह की फिल्में करूं ताकि मैं टाइपकास्ट न हो जाऊं। मेरी कोशिश है कि मैं हर बार कुछ नया करूं, अलग करूं।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!