Updated: 20 Apr, 2024 03:54 PM
![the legacy of jineshwar review](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_4image_15_52_166749549varsha-ll.jpg)
द लिगेशी ऑफ़ जिनेश्वर मूवी रिलीज की गयी है. जिसमें भगवान महावीर की शिक्षाओं को दर्शाया गया है.किस प्रकार भगवान आदिनाथ और भगवान महावीर की विरासत को वर्धमान सूरी ने आगे बढ़ाया है.
फिल्म-The legacy of Jineshwar
कलाकार: मनीष बिशला औसत,. सुरेंद्र पाल , शरद गोरे ,शुभम् व्यास ,स्वयं जोशी ,तुषार फुलके,अनिल लालवानी
पटकथा :प्रशांत बेबर,विवेक अय्यर
निर्माता : महावीर टाकिज , श्री खरतरगच्छ सहस्राब्दी महोत्सव
संगीत : संगीत विवियन रिचर्ड , विपिन पटवा
रेटिंग : 3.5
The legacy of Jineshwar: धर्म एक ऐसा विषय है जिस पर ज्यादातर निर्माता फिल्म या डॉक्यूमेंटरी रिस्क नहीं लेते, बावजूद इसके कई बार इन विषयों पर बनीं फिल्में मनोरंजन के लिहाज उतनी सफल न हुईं हो जितनी अन्य व्यवसायिक फ़िल्में होती हैं, लेकिन अपनी जगह जरुर बना लेतीं हैं. जी हां बड़े लम्बे अर्से बाद महावीर टाकिज और श्री खरतरगच्छ सहस्राब्दी महोत्सव द्वारा जैन धर्म को केन्द्रित करते हुए द लिगेशी ऑफ़ जिनेश्वर मूवी रिलीज की गयी है. जिसमें भगवान महावीर की शिक्षाओं को दर्शाया गया है.किस प्रकार भगवान आदिनाथ और भगवान महावीर की विरासत को वर्धमान सूरी ने आगे बढ़ाया है. संयम के लिए भौतिकवाद को त्याग दिया.उन्होंने दीक्षा ली और आत्म-नियंत्रण का उपदेश दिया.
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फिल्म की कहानी संवत 1080 के आसपास पर आधारित है ,जिसमें जैन मुनि आचार्य वर्धमान सूरी अपने दो शिष्यों जिनेश्वर सूरी और बुद्धिसागर के साथ मिलकर लोगों को धर्म का मार्ग सिखाते हैं.कहानी अभिषेक मालू की है जो जैन धर्म को केन्द्रित करते हुए लिखी गयी है. जिसे जैन समुदाय द्वारा बेहद पसंद किया जा रहा है, क्यूंकि इस विषय पर फिल्म इत्यादि सिनेमा जैसा मसाला कम है. लिहाजा फिल्म देखने न सिर्फ जैन धर्म बल्कि जिनकी अन्य धर्मों में रूचि है वे भी आ रहे हैं.
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फिल्म की पटकथा प्रशांत बेबर ने लिखी है, मनीष बिशला. सुरेंद्र पाल का अभिनय सराहनीय है. इसके अलावा फिल्म में सहायक किरदारों ने भी बेहतर अभिनय दिखाया है.
फिल्म का निर्देशन प्रदीप पी जाधव और विवेक अय्यर ने किया है. संगीत विवियन रिचर्ड और विपिन पटवा है जोकि फिल्म की प्रष्ठभूमि के हिसाब से बेहतर है.इसके अलावा स्वप्निल चौधरी का बेक ग्राउंड म्यूजिक भी बेहतर है. वहीँ उधर अमित मालवीय ने अपनी सिनेमैटोग्राफी की छाप दिखाई है. प्रोडक्शन डिजायन जिग्नेश यशवंत राठौर का है व एडिटिंग विजय पांचाल ने की है.
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