भारत के बाद अब जापान में ब्रिटेन के F-35B फाइटर जेट की इमरजेंसी लैंडिंग, सवालों के घेरे में US मेड लड़ाकू विमान

Edited By Updated: 10 Aug, 2025 10:37 PM

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ब्रिटिश रॉयल नेवी के अत्याधुनिक F-35B फाइटर जेट को तकनीकी खराबी के चलते जापान के कागोशिमा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। यह घटना इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में ब्रिटिश नौसेना के एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स कैरियर स्ट्राइक ग्रुप की तैनाती के...

इंटरनेशनल डेस्कः ब्रिटिश रॉयल नेवी के अत्याधुनिक F-35B फाइटर जेट को तकनीकी खराबी के चलते जापान के कागोशिमा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। यह घटना इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में ब्रिटिश नौसेना के एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स कैरियर स्ट्राइक ग्रुप की तैनाती के दौरान हुई। एयरपोर्ट पर इस आकस्मिक लैंडिंग के कारण करीब 20 मिनट तक रनवे बंद रहा और निर्धारित छह उड़ानों में देरी हुई।

ब्रिटिश रॉयल नेवी ने बताया कि तकनीकी खराबी की वजह से विमान का तत्काल निरीक्षण किया जा रहा है और वह जल्द ही अपनी कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के साथ फिर से सेवा में लौटेगा। जापान के सरकारी न्यूज चैनल NHK के फुटेज में विमान रनवे के किनारे खड़ा दिखा, जिसमें किसी प्रकार की बड़ी क्षति नहीं थी। कागोशिमा एयरपोर्ट के अधिकारियों ने बताया कि पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल को मैकेनिकल समस्या के बारे में सूचना दी थी और सुरक्षित लैंडिंग की मांग की थी।

भारत में भी रह चुका है F-35B फाइटर ग्राउंडेड

यह ब्रिटिश F-35B लड़ाकू विमान में तकनीकी खराबी का दूसरा मामला है। इससे पहले 14 जून को ब्रिटेन से ऑस्ट्रेलिया जा रहे एक F-35B को केरल के तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर हाइड्रोलिक फेलियर के कारण इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी। तब यह विमान भारत में करीब 37 दिन तक ग्राउंडेड रहा, जिससे उड़ान भरे जाने में काफी देरी हुई।

इस घटना ने इस अमेरिकी निर्मित पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट की विश्वसनीयता को लेकर सवाल उठाए हैं। खासकर जब अमेरिका इस विमान को भारत को बेचने की कोशिश कर रहा है, लेकिन भारतीय वायुसेना ने इसे स्वीकारने में रुचि नहीं दिखाई है। इसके पीछे प्रमुख कारण हैं विमान की रखरखाव लागत और लॉजिस्टिक सपोर्ट में हो रही देरी।

भारत का आत्मनिर्भर रक्षा रणनीति पर जोर

भारत इस तरह के विदेशी विमानों पर निर्भर रहने के बजाय अपनी स्वदेशी तकनीक और उत्पादन को प्राथमिकता दे रहा है। भारतीय वायुसेना का फोकस वर्तमान में एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) प्रोजेक्ट पर है, जो कि देश का पहला पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट होगा। यह परियोजना भारत की रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और तकनीकी उन्नति की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

ब्रिटेन का इंडो-पैसिफिक में कड़ी सैन्य मौजूदगी

ब्रिटिश रॉयल नेवी के एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स स्ट्राइक ग्रुप ने हाल ही में भारतीय नौसेना के साथ संयुक्त समुद्री अभ्यास किया है। वर्तमान में यह समूह जापान सेल्फ डिफेंस फोर्स और अमेरिकी सेना के साथ मिलकर क्षेत्रीय सुरक्षा और रणनीतिक अभ्यास कर रहा है, जो 12 अगस्त तक जारी रहेगा। इस क्षेत्र में ब्रिटेन की बढ़ती सैन्य उपस्थिति को लेकर चीन और अन्य पड़ोसी देशों की नजरें भी बनी हुई हैं।

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