Edited By Tanuja,Updated: 15 Apr, 2021 09:49 AM
अमेरिका के बाद अब दक्षिण अफ्रीका ने भी जॉनसन एंड जॉनसन ( J&J ) कोविड-19 टीके का इस्तेमाल रोकने का फैसला किया है...
इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिका के बाद अब दक्षिण अफ्रीका ने भी जॉनसन एंड जॉनसन ( J&J ) कोविड-19 टीके का इस्तेमाल रोकने का फैसला किया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कंपनी का टीका लगवाने वाली छह महिलाओं के शरीर में खून के थक्के जम गए और साथ ही प्लेटेलेट्स गिर गए। स्वास्थ्य मंत्री ज्वेली मिजे ने मंगलवार शाम को एक बयान में कहा, ‘‘इस परामर्श के पता चलने के बाद मैंने हमारे वैज्ञानिकों के साथ तत्काल विचार-विमर्श किया जिन्होंने सलाह दी कि यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) के फैसले को हल्के में नहीं लिया जा सकता।''
उन्होंने कहा, ‘‘उनकी सलाह पर हमने खून के थक्के जमने और जॉनसन एंड जॉनसन टीके के बीच संबंध का पता लगने तक इस टीके का इस्तेमाल रोकने का फैसला किया है।'' मिजे ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में टीका लगवाने के बाद खून के थक्के जमने की कोई खबर नहीं आयी है जबकि 289,787 स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों को यह टीका लग चुका है। खून के थक्के जमने के सभी मामले अमेरिका में आए हैं। जॉन्स हॉप्किन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के अनुसार, दक्षिण अफ्रीका में कोविड-19 से 1,561,559 लोग संक्रमित हो चुके हैं तथा 53,498 लोगों की मौत हो चुकी है।
उधर, अमेरिका में स्वास्थ्य अधिकारी J&J वैक्सीन लगवाने वाले लोगों में खून के थक्का जमने की घटना की जांच के बीच इस संबंध में अगले कदमों पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि अमेरिका में टीका लगवा चुके 70 लाख से अधिक लोगों में से खून के थक्के जमने के छह मामले वाकई में J&J टीके से जुड़े हैं। बहरहाल सरकार ने मंगलवार को जेएंडजे टीके का इस्तेमाल रोकने की सिफारिश की है।
इससे एक हफ्ते पहले यूरोपीय नियामकों ने कहा था कि खून का थक्का जमना दुर्लभ मामला है लेकिन इसका संबंध एस्ट्राजेनेका टीके से हो सकता है। एस्ट्राजेनेका टीका भी जेएंडजे की तरह बनाया गया है लेकिन अभी अमेरिका में इसके इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी गई है। रोग नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) ने अपने सलाहकारों को बुधवार को इस पर चर्चा करने के लिए कहा कि जेएंडजे टीके का इस्तेमाल कैसे किया जाए। बुधवार को सीडीसी ने कहा कि खून के थक्के जमने की शिकायत करने वाली छह में से चार महिलाओं का हेपेरिन नाम के ब्लड थिनर से इलाज किया जा रहा है जबकि सरकार ने डॉक्टरों को इसका इस्तेमाल करने से बचने की चेतावनी दी है।