Edited By Parveen Kumar,Updated: 17 Sep, 2025 05:37 PM

दुनिया की सेनाएं आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल अपने हथियारों और ऑपरेशंस को तेज और ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए कर रही हैं। इसका ताजा उदाहरण जून में ईरान और इजराइल के बीच हुई लड़ाई में देखने को मिला, जहां इजराइल ने AI-संचालित हथियारों का...
नेशनल डेस्क: दुनिया की सेनाएं आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल अपने हथियारों और ऑपरेशंस को तेज और ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए कर रही हैं। इसका ताजा उदाहरण जून में ईरान और इजराइल के बीच हुई लड़ाई में देखने को मिला, जहां इजराइल ने AI-संचालित हथियारों का इस्तेमाल किया था। लेकिन अब चीन ने AI को लेकर एक गंभीर चेतावनी दी है, जो पूरी दुनिया के लिए खतरनाक हो सकती है।
चीन ने कहा है कि AI आतंकवादी समूहों को ऐसे घातक हथियार बनाने में मदद कर सकता है, जो पूरी दुनिया के लिए विनाशकारी साबित हो सकते हैं। इसमें न्यूक्लियर मिसाइलें भी शामिल हैं।
चीन की नेशनल साइबरसिक्योरिटी स्टैंडर्डाइजेशन टेक्निकल कमिटी और नेशनल कंप्यूटर नेटवर्क इमरजेंसी टीम ने सोमवार को एक नया AI सुरक्षा दस्तावेज जारी किया। इसमें बताया गया कि अगर AI पर सही नियंत्रण न हो, तो न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल, केमिकल और मिसाइल जैसे खतरनाक हथियारों की जानकारी आतंकवादियों तक पहुंच सकती है।
चीन ने इस खतरे की वजह AI की एक तकनीक ‘retrieval-augmented generation’ बताई है, जो इंटरनेट और डेटा बेस से भारी मात्रा में जानकारी लेकर उपयोगकर्ता को जवाब देती है। इसका गलत इस्तेमाल हथियार बनाने के सैद्धांतिक ज्ञान और डिजाइन तक आसानी से पहुंचा सकता है। चीन का कहना है कि अगर ऐसा हुआ, तो वर्तमान सुरक्षा व्यवस्था बेकार हो जाएगी और दुनिया भर में शांति और सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडराएगा।
यह नया दस्तावेज पिछले साल जारी ग्लोबल AI गवर्नेंस इनिशिएटिव का अपडेट है। इससे पहले भी चीन ने 2024 में AI की डुअल-यूज तकनीक (जिसका इस्तेमाल सामान्य कामों और हथियार दोनों में हो सकता है) को खतरनाक बताया था। नया संस्करण इससे भी आगे बढ़कर स्पष्ट रूप से बड़े विनाशकारी हथियारों (Mass Destruction Weapons) का जिक्र करता है।