Edited By Tanuja,Updated: 22 May, 2025 06:59 PM

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को हाल ही में देश के सर्वोच्च सैन्य पद “फील्ड मार्शल” के रूप में पदोन्नत किया गया है। यह पद पाकिस्तान में केवल प्रतीकात्मक नहीं, ...
Islamabad: पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को हाल ही में देश के सर्वोच्च सैन्य पद “फील्ड मार्शल” के रूप में पदोन्नत किया गया है। यह पद पाकिस्तान में केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि असाधारण सैन्य अधिकारों का प्रतीक माना जाता है। उनके समर्थकों ने इसे “राष्ट्र की रक्षा में सेवा” का सम्मान बताया, लेकिन आलोचकों के लिए यह एक *राजनीतिक सौदेबाज़ी और सैन्य वर्चस्व की मिसाल बन गया।
ऑपरेशन ‘सिंदूर’ की विफलता के बावजूद प्रमोशन
यह पदोन्नति ऐसे समय पर हुई है जब पाकिस्तान को भारत के खिलाफ “ऑपरेशन सिंदूर” में करारी हार झेलनी पड़ी थी। इस सैन्य ऑपरेशन में पाकिस्तान के कई सैनिक मारे गए और कश्मीर सीमा पर बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। इसके बावजूद जनरल मुनीर को प्रमोशन मिलना सामाजिक और राजनीतिक हलकों में तीखी आलोचना का कारण बन गया। सोशल मीडिया पर उन्हें “Failed Marshal” (फेल्ड मार्शल) कहकर मज़ाक उड़ाया गया।

सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का तूफान
ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब जैसे प्लेटफार्मों पर #FailedMarshal और #MullahMunir ट्रेंड कर रहे हैं। भारतीय गायक अदनान सामी ने व्यंग्य करते हुए एक वीडियो शेयर किया जिसमें कहा गया- “अब पाकिस्तान की सेना गधों की भी रक्षा करेगी।” लोगों ने सवाल उठाया कि क्या एक असफल सैन्य अभियान के बाद भी शीर्ष सैन्य पद देना उचित है? और क्या यह सेना का लोकतांत्रिक सरकार पर बढ़ता दबाव नहीं दर्शाता?
शहबाज शरीफ और सेना के बीच सौदा
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और जनरल असीम मुनीर के बीच गुप्त राजनीतिक समझौता हुआ है। इसका उद्देश्य इमरान खान को पूरी तरह से राजनीतिक रूप से खत्म करना, सेना की भूमिका को सरकार में और मजबूत करना और आगामी चुनावों पर पूर्ण नियंत्रण करना है। विश्लेषकों का दावा है कि यह वही रणनीति है जो पहले जनरल अय्यूब खान और जनरल परवेज़ मुशर्रफ ने अपनाई थी सत्ता में सीधी या परोक्ष दखल।