Edited By Tanuja,Updated: 06 Aug, 2025 05:06 PM

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बेटे याएर नेतन्याहू ने एक ऐसा ट्वीट कर दिया है, जिसने देश की राजनीतिक और सैन्य व्यवस्था में हलचल मचा दी है। याएर ने सेना प्रमुख एयाल जामिर पर...
International Desk: इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बेटे याएर नेतन्याहू ने एक ऐसा ट्वीट कर दिया है, जिसने देश की राजनीतिक और सैन्य व्यवस्था में हलचल मचा दी है। याएर ने सेना प्रमुख एयाल जामिर पर तख्तापलट की योजना ब नाने का गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया कि उन्होंने जानबूझकर सरकार की गाजा नीति का विरोध किया, जिससे सरकार कमजोर दिखे।
नेतन्याहू के बेटे का ट्वीट
सेना प्रमुख जामिर ने जानबूझकर गाजा पर पूर्ण नियंत्रण के प्रस्ताव का विरोध किया और इसके जरिए इज़रायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) को फंसाने का षड्यंत्र रचा। उन्होंने यहां तक कह दिया कि जामिर चाहते थे कि देश में सैन्य विद्रोह हो जाए। उनके इस विस्फोटक बयान ने इज़रायली मीडिया और संसद में घमासान मचा दिया है। हालांकि, याएर का इस मसले से कोई सरकारी संबंध नहीं है और वह किसी आधिकारिक पद पर नहीं हैं। इसके बावजूद, उनके इस राजनीतिक रूप से विस्फोटक बयान ने इज़रायली मीडिया और संसद दोनों में घमासान मचा दिया है।
सेना प्रमुख जामिर का जवाब
सेना प्रमुख एयाल जामिर ने इस बयान का कड़ा विरोध करते हुए कहा- "आप ऐसा कैसे कह सकते हैं? जंग के बीच में इस तरह के आरोपों का क्या मकसद है?"उन्होंने गाजा पर पूर्ण नियंत्रण के विरोध में कहा था कि यह एक "जाल" हो सकता है जो न सिर्फ सेना को उलझा देगा बल्कि हमास की कैद में 20 बंधकों की जान भी जोखिम में डाल सकता है।
PM नेतन्याहू ने तोड़ी चुप्पी
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस विवाद पर चुप्पी तोड़ते हुए सेना प्रमुख को ही घेरा और कहा: "आप मीडिया में पद छोड़ने की धमकी देना बंद करें। मैं हर बार ऐसी धमकी नहीं मान सकता। अगर आप हमारी योजनाओं का विरोध करते रहेंगे, तो आपको पद छोड़ना होगा।"उन्होंने अपने बेटे याएर की तरफदारी करते हुए कहा कि वह 33 वर्ष का है और अब बड़ा हो गया है और अपनी राय रखने का हक रखता है।
जामिर पहले भी जता चुके विरोध
जामिर पहले भी गाजा पर कब्जे की नीति को लेकर कैबिनेट के कई मंत्रियों से असहमति जता चुके हैं। मंगलवार को तीन घंटे लंबी कैबिनेट बैठक हुई थी, जिसमें गाजा नियंत्रण योजना पर गहन चर्चा हुई। जामिर ने साफ कहा कि इस योजना से सेना और बंधकों दोनों को भारी नुकसान हो सकता है।अब इस नीति पर कैबिनेट में वोटिंग की तैयारी हो रही है, और नेतन्याहू इसका समर्थन कर रहे हैं। यह मुद्दा इज़रायल में लंबे समय से गरमाया हुआ है।