Edited By Tanuja,Updated: 07 Dec, 2022 11:15 AM
चीन की गिद्ध दृष्टि अब खाड़ी देशों पर हैं। यही वजह है कि अमेरिका के साथ तनाव के बीच चीन अमेरिका के दोस्त से नजदीकियां बढ़ा रहा है। चीनी राष्ट्रपति...
दुबई: चीन की गिद्ध दृष्टि अब खाड़ी देशों पर हैं। यही वजह है कि अमेरिका के साथ तनाव के बीच चीन अमेरिका के दोस्त से नजदीकियां बढ़ा रहा है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग सऊदी अरब की यात्रा पर जाने वाले हैं। गुरुवार को शी जिनपिंग दो दिनों की आधिकारिक यात्रा पर सऊदी अरब पहुंचेंगे। जिनपिंग की इस यात्रा में चीन-अरब शिखर सम्मेलन और चीन- गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (GCC) की भी मीटिंग हो सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक कम से कम 14 खाड़ी देशों के राष्ट्राध्यक्षों की चीन-अरब शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने की उम्मीद है। यह यात्रा अरब-चीन संबंधों में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। दरअसल पिछले 8 दशकों से सऊदी अरब अमेरिका का एक मजबूत सहयोगी रहा है।
अगर चीन के साथ अमेरिका के संबंधों की बात करें तो ताइवान के मुद्दे पर दोनों देशों में हाल के दिनों कड़वाहट बढ़ी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बार-बार चीन के ताइवान पर हमले को लेकर सुरक्षा की गारंटी दी है। बाइडेन के इस बयान के बाद से ही चीन के साथ तनाव बढ़ा है। चीन अब इसी लिए मध्य पूर्व में अपना प्रभाव बढ़ाने में लगा हुआ है। खाड़ी में अमेरिका के सहयोगियों ने आरोप लगाया है कि अमेरिका सुरक्षा की गारंटी से पीछे हट रहा है। चीन इसी कारण सऊदी के साथ-साथ अमेरिका के दुश्मन ईरान और रूस से संबंध बढ़ा रहा है।
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों ने ये जानकारी दी है। सऊदी अरब मध्य पूर्व में अमेरिका का सबसे बड़ा सहयोगी है। सऊदी में शी जिनपिंग की यात्रा की अफवाहें महीनों से चल रही थीं, लेकिन दोनों ही सरकारों की ओर से अभी तक इसकी कोई पुष्टि नहीं की गई है। चीन ने आधिकारिक तौर पर अभी यह नहीं कहा है कि शी जिनपिंग सऊदी अरब जाएंगे। मंगलवार को विदेश मंत्रालय की ब्रीफिंग में प्रवक्ता माओ निंग से जब इससे जुड़ा सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में उनके पास कोई जानकारी नहीं है।
पिछले हफ्ते सऊदी सरकार ने तारीखों की सटीक जानकारी दिए बिना शिखर सम्मेलन कवर करने के लिए पत्रकारों को रजिस्ट्रेशन फॉर्म भेजे। लेकिन जब इस बारे में सऊदी अरब की सरकार से पूछा गया तो कोई भी जवाब नहीं दिया गया। लंबे समय से शी जिनपिंग की यात्रा की अटकलें लगाई जा रही थीं। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब सऊदी अरब और चीन दोनों के साथ ही अमेरिका की असहमतियां सामने आई हैं। तेल उत्पादन में कटौती करने के कारण सऊदी और अमेरिका के बीच विवाद देखने को मिला है।