चीन का तकनीक में नया चमत्कार, अपना 'कृत्रिम सूर्य' सफलतापूर्व किया चालू (Pics)

Edited By Tanuja,Updated: 05 Dec, 2020 11:40 AM

china turns on nuclear powered  artificial sun  for first time

चीन ने तकनीक और नई खोजों के मामले में अमेरिका, रूस, जापान जैसे विकसित देशों को पीछे छोड़ दिया है। चीन ने अपने "कृत्रिम सूर्य" परमाणु संलयन ...

बीजिंगः चीन ने तकनीक और नई खोजों के मामले में अमेरिका, रूस, जापान जैसे विकसित देशों को पीछे छोड़ दिया है। चीन ने अपने "कृत्रिम सूर्य" परमाणु संलयन रिएक्टर को सफलतापूर्वक संचालित कर   दुनिया में दूसरे सूरज के दावे को सच कर दिखाया है। चीनी मीडिया ने अपनी इस सफलता को देश की महान परमाणु ऊर्जा अनुसंधान क्षमताओं में चिह्नित किया।  HL-2M टोकामक रिएक्टर चीन का सबसे बड़ा और सबसे उन्नत परमाणु संलयन प्रायोगिक अनुसंधान उपकरण है और वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यह उपकरण एक शक्तिशाली स्वच्छ ऊर्जा स्रोत को संभावित रूप से अनलॉक कर सकता है।

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असली सूरज के मुकाबले ज्यादा पावरफुल

  • मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन का नकली सूरज असली सूर्य की तुलना में लगभग दस गुना अधिक गर्म है।
  • यह "कृत्रिम सूर्य" चीन के सिचुआन प्रांत में स्थित है। 
  • यह गर्म प्लाज्मा को फ्यूज करने के लिए एक शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र का उपयोग करता है ।
  • चीन के वैज्ञानिकों ने स्वच्छ ऊर्जा पैदा करने के मकसद से इस कृत्रिम सूरज को बनाया है।
  •  जहां असली सूरज का कोर करीब 1.50 करोड़ डिग्री सेल्सियस तक गरम होता है, वहीं चीन का यह नया सूरज 10 करोड़ डिग्री सेल्सियस तक की गरमी पैदा कर सकेगा।
  • यह सौर मंडल के मध्य में स्थित किसी तारे की तरह ही ऊर्जा का भंडार उपलब्ध कराएगा।
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कृत्रिम सूरज की टेस्टिंग सफल
चीन की एकेडमी ऑफ साइंस से जुड़े इंस्टीट्यूट ऑफ प्लाजमा फिजिक्स के मुताबिक, कृत्रिम सूरज की टेस्टिंग सफल रही है। इसे एक्सपेरिमेंटल एडवांस्ड सुपरकंडक्टिंग टोकामक (ईस्ट) नाम दिया गया है। इसे बिल्कुल असली सूरज की तरह डिजाइन किया गया है। दरअसल, ईस्ट को एक मशीन के जरिए पैदा किया जाता है। इस मशीन का साइज बीच में खोखले गोल बॉक्स (डोनट) की तरह है। इसमें न्यूक्लियर फ्यूजन (परमाणु के विखंडन) के जरिए गरमी पैदा की जा सकती है। हालांकि, इसे एक दिन के लिए चालू करने का खर्च 15 हजार डॉलर (करीब 11 लाख रुपए) है। फिलहाल इस मशीन को चीन के अन्हुई प्रांत स्थित साइंस द्वीप में रखा गया है।

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स्वच्छ ऊर्जा पैदा करने का अहम स्रोत 
पृथ्वी के लिए ऊर्जा स्रोत के विकल्प के तौर पर तैयार किया जा रहा ईस्ट को मुख्य तौर पर न्यूक्लियर फ्यूजन के पीछे का विज्ञान समझने और उसे पृथ्वी पर ऊर्जा के नए विकल्प के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए बनाया गया है। आने वाले समय में यह तकनीक स्वच्छ ऊर्जा पैदा करने का अहम स्रोत साबित हो सकती है। दरअसल, दुनिया मेें इस वक्त न्यूक्लियर फिजन (परमाणु संलयन) के जरिए ऊर्जा पैदा की जा रही है। हालांकि, इसकी वजह से पैदा होने वाला जहरीला न्यूक्लियर कचरा इंसानों के लिए काफी खतरनाक है।

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