Edited By Tanuja,Updated: 18 Dec, 2025 03:59 PM

अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने कांग्रेस में “किड्स डॉकेट” पर भावुक भाषण देकर आव्रजन सुनवाई को अमानवीय बताया। आलोचकों का कहना है कि उन्होंने तथ्यों से ज्यादा भावनात्मक चित्रण किया और कानूनी प्रक्रिया को नज़रअंदाज़ कर इसे राजनीतिक नाटक बना दिया।
Washington: अमेरिकी कांग्रेस में इमिग्रेशन नीति को लेकर एक बार फिर तीखी बहस देखने को मिली, जब डेमोक्रेट सांसद प्रमिला जयपाल ने तथाकथित “किड्स डॉकेट” (बच्चों से जुड़ी आव्रजन सुनवाई) को लेकर भावुक भाषण दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि बेहद कम उम्र के बच्चों को भी जटिल कानूनी प्रक्रियाओं में अकेले पेश होने के लिए मजबूर किया जा रहा है। जयपाल ने सदन में कहा कि “पांच साल तक के बच्चे, खिलौना पकड़े हुए, खुद का प्रतिनिधित्व करने की कोशिश कर रहे हैं”, और इस दृश्य को उन्होंने अमानवीय करार दिया।
उनके बयान के बाद यह मुद्दा सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया। हालांकि, उनके भाषण पर कड़ी आलोचना भी हुई। आलोचकों का कहना है कि जयपाल ने अपवादस्वरूप मामलों को सामान्य नियम की तरह पेश किया और तथ्यों की बजाय भावनात्मक चित्रण पर ज़ोर दिया। उनके अनुसार, आव्रजन सुनवाई का उद्देश्य बच्चों से जिरह करना नहीं, बल्कि कानूनी रूप से उनकी स्थिति दर्ज करना होता है।
विशेषज्ञों का तर्क है कि औपचारिक कानूनी प्रक्रिया, चाहे वह कठिन क्यों न लगे, मनमाने फैसलों की तुलना में अधिक पारदर्शी और सुरक्षित होती है। लेकिन आलोचकों का आरोप है कि इस महत्वपूर्ण अंतर को जानबूझकर नजरअंदाज कर, पूरे मुद्दे को राजनीतिक मंचन में बदल दिया गया। कुल मिलाकर, “किड्स डॉकेट” पर प्रमिला जयपाल का भाषण एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर रहा है कि अमेरिकी राजनीति में नीति चर्चा और भावनात्मक राजनीति के बीच संतुलन कहां तक कायम है।