चीन ने शिजियांग में 135 यातना गृहों को बनाया फैक्‍ट्री, उइगर मुस्लिमों से जबरन करा रहा काम

Edited By Updated: 29 Dec, 2020 03:28 PM

factories inside china s mass internment camps

चीन के शिंजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों पर हो रहे अत्‍याचार का सच अब पूरी दुनिया जान चुकी है। चीन की शी जिनपिंग सरकार बेशक इन दावों को

बीजिंगः चीन के शिंजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों पर हो रहे अत्‍याचार  का सच अब पूरी दुनिया जान चुकी है। चीन की शी जिनपिंग सरकार बेशक इन दावों को नकारती रहे लेकिन उइगरों पर जुल्म की खबरें अब सबूतों के सामने आ रही हैं। उइगरों पर जुल्मों का ऐसा ही  एक खुलासा  सैटलाइट तस्वीरों से  हुआ है। एक रिपोर्ट  के अनुसार चीन ने अपने मुस्लिम बहुल शिंजियांग प्रांत में 100 से ज्‍यादा नए यातना केंद्र बनाए हैं जिसमें न केवल उइगरों को कैद किया जा रहा है बल्कि उनसे वहां पर बनी फैक्‍ट्री में जबरन काम कराया जा रहा है। हैरानी और दुख की बात यह है कि कई घंटे तक जबरन काम कराने के बाद ऐसे बंदियों को हर महीने मात्र 100 रुपए दिए जा रहे हैं।

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यह खुलासा न्‍यूज वेबाइट बजफीड द्वारा सरकारी दस्‍तावेजों, इंटरव्‍यू और सैकड़ों सैटलाइट तस्‍वीरों में किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार चीन ने  शिंजियांग में 135 यातना गृहों  को फैक्‍ट्री में बदल  दिया है। इन फैक्‍ट्रियों में उइगरों से जबरन काम कराया जा रहा है। यही नहीं पूरे शिंजियांग में यातना केंद्रों के अंदर और बाहर मौजूद फैक्ट्रियों में जबरन काम करने का सिलसिला जारी है। कुछ फैक्ट्रियां इतनी विशाल हैं कि वहां हजारों की तादाद में लोग काम करते हैं। बजफीड  की रिपोर्ट के अनुसार  शिंजियांग में बनाई गई कुल फैक्ट्रियों का टोटल एरिया दो करोड़ 10 लाख वर्ग फुट तक फैला हुआ है और यह इलाका लगातार बढ़ता ही जा रहा है। यहां उइगरों को हिरासत में लेने का सिलसिला बहुत तेजी से  बढ़ रहा है।

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रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2016 के बाद से लेकर अब तक 10 लाख उइगर मुस्लिमों को हिरासत में डाला जा चुका है। केवल वर्ष 2018 में एक करोड़ 40 लाख वर्ग फुट का इलाका फैक्‍ट्री में बदल द‍िया गया। इन यातना केंद्रों में बंद रह चुकीं दो उइगर बंदियों ने बताया कि जब वे हिरासत में थीं तो उन्‍हें इन फैक्ट्रियों में काम करना होता था। उन्‍होंने बताया कि महिला बंदियों को बसों में भरकर फैक्‍ट्री तक ले जाया जाता था और वहां दस्‍ताने बनाने पड़ते थे। जब उनसे पूछा गया कि क्‍या इस काम के लिए उन्‍हें पैसा मिलता था, इस पर  उन्‍होंने कहा क‍ि यह चीनी प्रशासन द्वारा बनाया गया ऐसा  नरक है  जिसने  लोगों के जीवन को तबाह कर दिया। उधर, संयुक्त राष्ट्र  चीन में उइगर मुस्लिम समुदाय को बड़े पैमाने पर हिरासत में रखने की रिपोर्ट से वह चिंतित है और आतंकवाद से निपटने के बहाने हिरासत में रखे गए इन लोगों को रिहा करने का आह्वान किया है। 

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बता दें कि उइगुर मध्य एशिया में रहने वाले तुर्क समुदाय के लोग हैं जिनकी भाषा उइगुर भी तुर्क भाषा से काफी मिलती-जुलती है। उइगुर तारिम, जंगार और तरपान बेसिन के हिस्से में आबाद हैं। उइगुर खुद इन सभी इलाकों को उर्गिस्तान, पूर्वी तुर्किस्तान और कभी-कभी चीनी तुर्किस्तान के नाम से पुकारते हैं। इस इलाके की सीमा मंगोलिया, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत के साथ-साथ चीन के गांसू एवं चिंघाई प्रांत एवं तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र से मिलती है। चीन में इसे शिंजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र (एक्सयुएआर) के नाम से जाना जाता है और यह इलाका चीन के क्षेत्रफल का करीब छठा हिस्सा है।


  

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