Edited By Tanuja,Updated: 13 Sep, 2025 11:33 AM

इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने कतर में हमास नेताओं को मारने के लिए गुप्त ऑपरेशन चलाने से इंकार कर दिया था। यह खुलासा अमेरिकी अख़बार वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट ...
International Desk: इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने कतर में हमास नेताओं को मारने के लिए गुप्त ऑपरेशन चलाने से इंकार कर दिया था। यह खुलासा अमेरिकी अख़बार वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, मोसाद के इनकार के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मजबूर होकर F-15 और F-35 लड़ाकू विमानों से हवाई हमला करने का आदेश दिया।
क्यों पीछे हटा मोसाद?
इजरायल की योजना थी कि दोहा (कतर की राजधानी) में गुप्त एजेंटों के जरिए हमास नेताओं की हत्या की जाए। लेकिन मोसाद प्रमुख डेविड बार्निया ने इस पर ऐतराज जताया। कारण था-कतर के साथ एजेंसी के रिश्ते बिगड़ सकते थे। बंधक रिहाई और युद्धविराम वार्ता पूरी तरह विफल हो सकती थी।
नेतन्याहू का इरादा
रिपोर्ट में बताया गया कि नेतन्याहू चाहते थे कि ऑपरेशन वैसा ही हो जैसा ईरान में हमास नेता इस्माइल हनिया पर किया गया था। उन्हें तेहरान में उनके कमरे में बम लगाकर मारा गया था।लेकिन कतर की जमीन पर ऐसा करने से मोसाद ने इनकार कर दिया। एक इजरायली सूत्र ने कहा-“हम इंतज़ार कर सकते हैं, चाहे 1 साल, 2 साल या 4 साल। मोसाद जानता है कि कैसे करना है।”
हवाई हमले में बच निकला हमास नेता
मंगलवार को इजरायल ने दोहा में हवाई हमला किया। निशाना था हमास का कार्यकारी नेता खलील अल-हय्या लेकिन वह सुरक्षित बच निकला। हालांकि हमले में उसका बेटा हम्माम मारा गया। अल-हय्या बेटे के अंतिम संस्कार में शामिल भी हुआ।
इजरायल के भीतर से उठी आलोचना
इजरायल के रक्षा प्रतिष्ठान के कई अधिकारियों ने इस हमले का विरोध किया। उनका मानना था कि यह हमला बंधक समझौते और युद्धविराम वार्ता को नुकसान पहुंचा सकता है। चैनल 12 से बातचीत में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा- “ज्यादातर रक्षा प्रतिष्ठान ने इस हमले को टालने की सलाह दी थी।”