नेपाल की राजनीति में उभरा नया चेहरा: काठमांडू के मेयर बालेन शाह बने जेनरेशन-Z की उम्मीद

Edited By Updated: 10 Sep, 2025 02:13 PM

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काठमांडू के मेयर और पूर्व रैपर बालेन शाह नेपाल की जेनरेशन ज़ेड के लिए एक भरोसेमंद नेता बनकर उभरे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन का समर्थन किया, जिससे युवाओं में उनकी लोकप्रियता और बढ़ी। 2022 में स्वतंत्र उम्मीदवार...

इंटरनेशनल डेस्क : नेपाल की राजनीति एक ऐतिहासिक मोड़ पर खड़ी है, और इस बदलाव की अगुवाई कर रहे हैं काठमांडू के मेयर और पूर्व रैपर बालेन शाह। भ्रष्टाचार, राजनीतिक अस्थिरता और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ सड़कों पर उतरी जेनरेशन ज़ेड अब शाह को राष्ट्रीय नेतृत्व सौंपने की मांग कर रही है। 2022 में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में मेयर चुने गए बालेन शाह न केवल नेपाल के युवाओं के आदर्श बनकर उभरे हैं, बल्कि उनकी छवि देश में एक नए राजनीतिक अध्याय की शुरुआत का संकेत भी देती है।

बालेन शाह ने किया युवाओं का समर्थन

हाल ही में देशभर में सोशल मीडिया प्रतिबंध और व्यापक भ्रष्टाचार के खिलाफ हुए प्रदर्शन में बालेन शाह ने युवाओं का समर्थन किया। हालांकि "आयु सीमा" के कारण वे प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सके, लेकिन फेसबुक पर उन्होंने लिखा "यह रैली स्पष्ट रूप से जेनरेशन ज़ेड का एक स्वतःस्फूर्त आंदोलन है, जिनके लिए मैं भी बूढ़ा लग सकता हूँ। मैं उनकी आकांक्षाओं, उद्देश्यों और सोच को समझना चाहता हूँ।"

एक अन्य पोस्ट में उन्होंने अपील की "कृपया शांत रहें। राष्ट्रीय संसाधनों का नुकसान हमारी सामूहिक क्षति है। अब हम सभी के लिए संयम बरतना ज़रूरी है। अब से, आपकी पीढ़ी को ही देश का नेतृत्व करना होगा।" उनके इन बयानों को युवाओं से बड़ी सराहना मिली और सोशल मीडिया पर “प्रिय बालेन, अभी नहीं तो फिर कभी नहीं” जैसे संदेश वायरल होने लगे।

रैपर से मेयर तक बालेन शाह की यात्रा

बालेन शाह की राजनीतिक यात्रा पारंपरिक राजनीति से एकदम अलग रही है। काठमांडू की छतों पर रैप करने वाले इस युवा ने संगीत के माध्यम से गरीबी, भ्रष्टाचार और असमानता के खिलाफ आवाज़ उठाई। उनका लोकप्रिय गीत "बलिदान" YouTube पर 70 लाख से अधिक बार देखा गया है। सिर्फ एक कलाकार ही नहीं, शाह एक प्रशिक्षित सिविल इंजीनियर भी हैं। उन्होंने कर्नाटक स्थित विश्वेश्वरैया प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (VTU) से स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में एमटेक किया है। 2022 के स्थानीय चुनावों में उन्होंने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में भाग लिया और भारी मतों से जीत दर्ज की। उन्होंने किसी भी राजनीतिक पार्टी से गठबंधन करने से इनकार करते हुए साफ संदेश दिया कि वे एक नई राजनीति के प्रतिनिधि हैं।

चुनाव प्रचार के दौरान उनका विशिष्ट अंदाज़ काला ब्लेज़र, जींस, चौकोर चश्मा और कंधों पर लिपटा नेपाली झंडा युवाओं में चर्चा का विषय बना रहा। झंडा लपेटने पर शिकायतें भी हुईं, लेकिन उनकी लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई।

नेपाली राजनीति में पीढ़ीगत बदलाव

बालेन शाह की जीत को नेपाली राजनीति में पीढ़ीगत बदलाव का संकेत माना जा रहा है। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, उनकी सफलता ने डॉक्टरों, इंजीनियरों, ई-कॉमर्स उद्यमियों और कलाकारों जैसी विभिन्न पृष्ठभूमियों से आए युवाओं को राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया है। 2022 के संसदीय चुनावों में बड़ी संख्या में युवा उम्मीदवार मैदान में उतरे, और एक नवगठित पार्टी संसद में चौथी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। डॉक्टर तोशिमा कार्की जैसी युवा नेताओं ने भी चुनाव जीतकर इस बदलाव को मजबूती दी। उन्होंने कहा, "बालेन की सफलता ने सचमुच बहुत से युवाओं को प्रभावित किया है। इससे पता चला है कि बदलाव संभव है, यहाँ तक कि लंबे समय से चली आ रही सत्ता व्यवस्था के ख़िलाफ़ भी।"

बालेन टॉप 100 उभरते नेताओं में शामिल

बालेन शाह की लोकप्रियता केवल नेपाल तक सीमित नहीं रही। उन्हें टाइम मैगज़ीन ने 2023 के टॉप 100 उभरते नेताओं की सूची में शामिल किया। न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे वैश्विक मीडिया संस्थानों ने भी उन्हें व्यापक कवरेज दी। जहाँ आमतौर पर मेयरों की पहचान शहरों तक सीमित रहती है, वहीं बालेन ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी पहचान बनाई है।

बालेन शाह का उदय सिर्फ एक नेता की लोकप्रियता नहीं, बल्कि एक पूरे राजनीतिक परिवर्तन की कहानी है। नेपाल, जो दशकों तक राजशाही, माओवादी विद्रोह और राजनीतिक अस्थिरता से जूझता रहा है, अब एक ऐसे दौर में प्रवेश कर रहा है जहाँ नेतृत्व की परिभाषा बदल रही है।


 

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