न कोई भूकंप और न कोई प्राकृतिक आपदा... इस देश में पिछले कुछ हफ्तों में अचानक ढही इमारतें

Edited By Updated: 19 Nov, 2025 06:54 PM

no earthquake no natural disaster buildings suddenly collapsed in this country

तुर्किये के कई शहरों में हाल के हफ्तों में कई इमारतें बिना भूकंप या तूफान के गिर गई हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, मुख्य कारण स्ट्रक्चर की कमजोरियां, पुराने निर्माण, मिट्टी की अस्थिरता और अनियंत्रित अंडरग्राउंड कंस्ट्रक्शन हैं। कई इमारतें बिना नियमित...

नेशनल डेस्क : तुर्किये के कई शहरों में पिछले कुछ हफ्तों से इमारतों के अचानक ढहने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। हैरानी की बात यह है कि इन हादसों के पीछे कोई भूकंप, तूफान या प्राकृतिक आपदा नहीं थी। सिर्फ दो महीनों में 30 से ज्यादा इमारतें पूरी या आंशिक रूप से ढह चुकी हैं। गेब्ज़े का पुराना कॉमर्शियल सेंटर, इस्तांबुल का खाली अपार्टमेंट और अंकारा की 1970 में बनी इमारत, ये सभी उदाहरण हैं जो देश में बढ़ते स्ट्रक्चरल खतरे को दिखाते हैं।

क्यों ढह रही हैं इमारतें?

विशेषज्ञ मानते हैं कि ये घटनाएं अलग-अलग नहीं, बल्कि एक बड़े स्ट्रक्चरल संकट का हिस्सा हैं। तुर्किये में पिछले कुछ सालों में अंडरग्राउंड डेवलपमेंट बहुत तेजी से हुआ जैसे मेट्रो लाइनें, सुरंगें, सीवेज और बिजली नेटवर्क। इसे बनाने में जितनी भारी मशीनरी और खुदाई हुई, उससे कई क्षेत्रों की मिट्टी की संरचना बदल गई। खासकर इस्तांबुल, कोकाइली और इज़मिर जैसे शहरों में मिट्टी कमजोर होती जा रही है।

पुरानी इमारतें सबसे ज्यादा खतरे में

पर्यावरण मंत्रालय की 2024 की रिपोर्ट बताती है कि पुराने जिलों में मिट्टी की स्थिरता लगातार घट रही है।

  • 1980 से पहले बनी ज्यादातर इमारतें बिना मिट्टी परीक्षण के खड़ी की गई थीं।
  • एसेन्युरत, बाग़्ज़िलार, अव्ज़िलार, गेब्ज़े और कराबागलार जैसे क्षेत्रों में जमीन में सूक्ष्म दरारें बढ़ते ढहाव का मुख्य कारण हैं।

निर्माण में मानकों की अनदेखी

तुर्किये की बड़ी संख्या में इमारतें 30 साल से ज्यादा पुरानी हैं और आधुनिक भूकंप मानकों के लागू होने से पहले बनाई गई थीं।

इनमें कई बड़ी खामियां पाई गईं—

  • मंज़िलें अवैध तरीके से बढ़ाई गईं
  • पिलर हटाए गए
  • दीवारों में बदलाव किया गया
  • रिहायशी इमारतों को व्यावसायिक उपयोग में बदला गया

इन बदलावों ने इमारतों पर अनियंत्रित दबाव बढ़ा दिया। कई मालिक आर्थिक तंगी के कारण जरूरी मरम्मत भी नहीं कराते, जिससे ऐसी इमारतें समय के साथ बेहद कमजोर होती जाती हैं।

कैसे सुधरेगी अब स्थिति?

विशेषज्ञों के अनुसार मिट्टी की कमजोरी, घटते भूजल स्तर और भारी कंस्ट्रक्शन ने जमीन और इमारतों दोनों को कमज़ोर बना दिया है। भारी मशीनरी से पिलरों में आने वाली सूक्ष्म दरारें समय के साथ स्ट्रक्चर को असुरक्षित बना देती हैं।

समाधान 'बिल्डिंग हेल्थ कार्ड'

तुर्किये में एक नए समाधान पर जोर दिया जा रहा है:

बिल्डिंग हेल्थ कार्ड, जिसमें शामिल होगा - 

  • हर साल इमारत का स्ट्रक्चरल निरीक्षण
  • कमजोर इलाकों में सरकारी फंडिंग
  • पुरानी इमारतों की मजबूती के लिए अनिवार्य मानक

विशेषज्ञ मानते हैं कि समय रहते कदम उठाए जाएं, तो भविष्य में ऐसे हादसों को काफी हद तक रोका जा सकता है।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!