Edited By Tanuja,Updated: 02 Dec, 2025 12:29 PM

ताजिकिस्तान में 3.9 तीव्रता का भूकंप 75 किमी गहराई में दर्ज किया गया। 26 नवंबर को भी 4.2 तीव्रता का भूकंप आया था। पर्वतीय ताजिकिस्तान भूकंप, भूस्खलन और बाढ़ जैसी आपदाओं के उच्च जोखिम में है। जलवायु परिवर्तन के कारण 2050 तक इसके 30% ग्लेशियर पिघलने...
International Desk: मंगलवार को ‘नेचर हॉटस्पॉट’ देश ताजिकिस्तान में रिक्टर स्केल पर 3.9 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार यह भूकंप 75 किलोमीटर की गहराई पर आया। NCS ने एक्स (X) पर पोस्ट कर बताया “2 दिसंबर 2025, 04:35:14 IST, तीव्रता 3.9, स्थान: ताजिकिस्तान।” इससे पहले 26 नवंबर को भी 4.2 तीव्रता का भूकंप 90 किलोमीटर गहराई में दर्ज किया गया था।
ताजिकिस्तान का ज़्यादातर हिस्सा पर्वतीय होने के कारण यह देश लगातार प्राकृतिक आपदाओं भूकंप, बाढ़, सूखा, हिमस्खलन, भूस्खलन और मडस्लाइड्स की चपेट में रहता है। वर्ल्ड बैंक रिपोर्ट के अनुसार, जलवायु परिवर्तन ने ताजिकिस्तान की कमजोरियों को और बढ़ा दिया है, क्योंकि 2050 तक देश की 30% ग्लेशियर बर्फ पिघलने की आशंका जताई गई है। ग्लेशियरों पर निर्भर नदी घाटियां, हाइड्रोपावर, सिंचाई तंत्र और पहाड़ी पारिस्थितिकी तंत्र सबसे ज्यादा जोखिम में हैं।
इसके अलावा भूस्खलन, मलबा बहाव और अचानक आई बाढ़ कई बार सड़कों और पुलों को नष्ट कर देश को दुनिया से और अलग-थलग कर देती हैं। देश का 60% से अधिक हिस्सा उच्च भूकंपीय जोखिम वाले क्षेत्र में आता है। ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों का पुराना बुनियादी ढांचा लगातार प्राकृतिक आपदाओं से कमजोर हो रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार भविष्य में जोखिम कम करने के लिए नए निर्माण में स्थानीय जानकारी, जलवायु परिवर्तन डेटा और खतरों का आकलन शामिल करना बेहद ज़रूरी है।