ह्यूमन राइट्स वाच की रिपोर्टः इमरान सरकार में बढ़े अल्‍पसंख्‍यकों पर अत्याचार, मीडिया को भी दबाया

Edited By Tanuja,Updated: 14 Jan, 2021 05:35 PM

pakistan failed to stem violence against minorities

पाकिस्‍तान का दोहरा चेहरा एक बार फिर  दुनिया के सामने बेनकाब हो गया  है। वैश्विक मंचों पर मानवाधिकारों की दुहाई देने वाली पाक सरकार के दोहरे ...

न्‍यूयॉर्कः पाकिस्‍तान का दोहरा चेहरा एक बार फिर दुनिया के सामने बेनकाब हो गया  है।  ह्यूमन राइट्स वाच की वर्ल्‍ड रिपोर्ट ने  वैश्विक मंचों पर मानवाधिकारों की दुहाई देने वाली पाक सरकार के दोहरे चहरे की पोल खोल दी है। रिपोर्ट  में कहा गया है कि पाकिस्‍तान की मौजूदा इमरान खान सरकार ने अपने कार्यकाल में जहां मीडिया पर जमकर अंकुश लगाया और विरोधियों को ठिकाने लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी वहीं महिलाओं और अल्‍पसंख्‍यकों के खिलाफ हिंसा को रोकने में  विफल रही है। इसमें कहा गया है कि मानवाधिकारों की बात करने वाले और उनका समर्थन करने वाले कार्यकर्ताओं, पत्रकारों को सरकार और प्रशासन ने जमकर प्रताडि़त किया है।

 

 ह्यूमन राइट्स वाच की रिपोर्ट के अनुसार इमरान सरकार ने मानवाधिकारों के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों को  ठिकाने लगाने के लिए नेशनल अकाउंटिबिलिटी ब्‍यूरो का  जमकर इस्‍तेमाल किया।  नेशनल अकाउंटिबिलिटी देश में होने वाले भ्रष्‍टाचार पर रोक लगाने और इस पर निगाह रखने के लिए है लेकिन इमरान सरकार ने इसका इस्‍तेमाल अपने विरोधियों को दबाने और मिटाने के लिए किया। इसकी चपेट में वो आए जिन्‍होंने इमरान सरकार के खिलाफ अंगुली उठाने और जुबान खोलने की कोशिश की। इसमें पाकिस्‍तान के के प्रमुख अखबार द डॉन के एडिटर मीर शकील उर रहमान  का नाम भी शामिल है ।  उन्‍हें बिना जमानत के छह माह तक  जेल में रखा गया।

 

ह्यूमन राइट्स वाच के एशिया के डायरेक्‍टर ब्रेड एडम का कहना है कि पाकिस्‍तान की सरकार लगातार अपने विरोधियों की जुबान बंद करने की कोशिश काम कर रही है। सरकार के खिलाफ बोलने वालों को खतरा बढ़ गया है। इमसें सरकार के विरोधी दलों के नेता, पत्रकार और हमेशा लोकतंत्र की बात करने वाले लोग शामिल हैं। इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि पाकिस्‍तान में रहने वाले अहमदिया समुदाय के लोगों पर वर्ष 2020 में हमले तेजी से बढ़े हैं। इसमें कम से कम चार की हत्‍या ईशनिंदा का आरोप लगाते हुए कर दी गई। सरकार इस तरह के मामलों में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम साबित हुई है। 

 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अगस्‍त में पाकिस्‍तान की महिला पत्रकारों ने एक बयान में पाकिस्‍तान की सरकार और समाज की कलई खोलते हुए कहा था कि पंजाब में एक हाईवे पर एक महिला के साथ कई लोगों ने दुष्‍कर्म किया था। इस मामले में उस महिला की ही गलती बताई गई और कहा कि वो अपने पति के बिना ही रात में सफर कर रही थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्‍तान में इस दौरान घरेलू हिंसा में भी बढ़ोतरी हुई है। ये करीब 200 फीसद तक बढ़ी है। बीते वर्ष जनवरी से मार्च के बीच और लॉकडाउन में भी हालात काफी खराब रहे।

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