कीमोथेरैपी से बच्चों, नाती/पोतों को कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है : अध्ययन

Edited By Updated: 29 Nov, 2022 01:57 PM

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वाशिंगटन, 29 नवंबर (भाषा) कीमोथेरैपी की एक सामान्य दवा किशोर कैंसर पीड़ितों के बच्चों और नाती/पोतों में बीमारी के खतरे को बढ़ा सकती है। चूहों पर किए गए एक अध्ययन में यह पाया गया है।

वाशिंगटन, 29 नवंबर (भाषा) कीमोथेरैपी की एक सामान्य दवा किशोर कैंसर पीड़ितों के बच्चों और नाती/पोतों में बीमारी के खतरे को बढ़ा सकती है। चूहों पर किए गए एक अध्ययन में यह पाया गया है।

पत्रिका ‘आईसाइंस’ में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया है कि किशोरावस्था के दौरान आइफोस्फामाइड दवा लेने वाले नर चूहों के बच्चों और बच्चों के बच्चों में इस बीमारी की घटनाएं बढ़ गयी।

अध्ययन के लेखक वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के माइकल स्किनर ने कहा, ‘‘निष्कर्ष दिखाते हैं कि अगर कोई मरीज कीमोथेरैपी लेता है और बाद में उसके बच्चे होते हैं तो उनके पोते/नाती और यहां तक कि पड़पोते तक में उनके पूर्वजों के कारण बीमारी की चपेट में आने की आशंका बढ़ जाती है।’’
बहरहाल, स्किनर ने इस बात पर जोर दिया कि इन निष्कर्षों के बाद कैंसर मरीजों को कीमोथेरैपी लेने से परहेज नहीं करना चाहिए क्योंकि यह बहुत प्रभावी इलाज है। कीमोथेरैपी की दवाएं कैंसर ग्रस्त कोशिकाओं को खत्म करती है तथा उन्हें फैलने से रोकती है लेकिन इसके प्रजनन तंत्र समेत पूरे शरीर पर कई नकारात्मक असर होते हैं।

इस अध्ययन के निष्कर्षों को देखते हुए अनुसंधानकर्ताओं ने बाद में बच्चों को जन्म देने की योजना बनाने वाले कैंसर मरीजों को कीमोथेरैपी से पहले अपने शुक्राणु या अंडाणु सुरक्षित कराने जैसी एहतियात बरतने की सलाह दी ।




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