ब्लिंकन ने अफगान मुद्दे पर भारत की तारीफ की, तालिबान को लेकर पाक को लगाई फटकार

Edited By Updated: 14 Sep, 2021 12:55 PM

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मेरिकी विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने अफगान मुद्दे पर जहां भारत के प्रयासों की तारीफ की वहीं तीलिबान को स्पोर्ट को लेकर पाकिस्तान की जमकर ...

वॉशिंगटनः अमेरिकी विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने अफगान मुद्दे पर जहां भारत के प्रयासों की तारीफ की वहीं तीलिबान को स्पोर्ट को लेकर पाकिस्तान की जमकर क्लास लगाई। ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका आने वाले हफ्तों में पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों पर विचार करेगा और सोचेगा कि अफगानिस्तान के भविष्य में अमेरिका पाकिस्तान को क्या भूमिका निभाते देखना चाहेगा।  उन्होंने  नाराज अमेरिकी सांसदों को स्पष्ट किया कि अमेरिका यह देखेगा कि बीते बीस वर्षों में पाकिस्तान की भूमिका क्या रही है। ब्लिंकेन ने इस दौरान अफगानिस्तान में भारत की मौजूदगी को भी सराहा। उन्होंने कहा कि भारत की मौजूदगी से अफगान में पाकिस्तान की नुकसानदेह गतिविधियों पर असर जरूर हुआ है।

 

दरअसल अमेरिकी सांसदों ने 9/11 हमले के बाद अफगानिस्तान में पाकिस्तान की ‘दोहरी नीति' वाली भूमिका पर नाराजगी जताई और मांग की कि वाशिंगटन इस्लामाबाद से रिश्तों पर पुन: विचार करे। अमेरिकी सांसदों ने बाइडेन प्रशासन से अनुरोध किया कि वह पाकिस्तान के मुख्य गैर नाटो सहयोगी के दर्जे के बारे पर भी फिर से विचार करे। अमेरिका के नाराज सांसदों ने अफगान सरकार के त्वरित पतन को लेकर प्रशासन की प्रतिक्रिया पर और अमेरिकियों तथा अन्य लोगों को निकालने के लिए विदेश विभाग के कार्यों पर सवाल उठाया।

 

टेक्सास से डेमोक्रेट सांसद जोकिन कास्त्रो ने ब्लिंकन से कहा कि तालिबान को पाकिस्तान द्वारा लंबे समय से समर्थन देने और वर्षों से समूह के नेताओं को शरण देने के बाद, अब यह समय अमेरिका के लिए पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों का पुनर्मूल्यांकन करने और इस्लामाबाद के एक मुख्य गैर-नाटो सहयोगी के रूप में दर्जे पर पुन: विचार करने का है। इस पर ब्लिंकन ने कहा, ‘‘जिन कारणों का आपने और अन्य लोगों का हवाला दिया है, यह उन चीजों में से एक है जिसे हम आने वाले दिनों और हफ्तों में देखेंगे, पाकिस्तान ने पिछले 20 वर्षों में जो भूमिका निभाई है और आने वाले वर्षों में जिस भूमिका में हम उसे देखना चाहते हैं।'' उनसे सवाल किया गया कि क्या उन्हें पता था कि अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी वहां से जाने की योजना बना रहे हैं।

 

इस पर ब्लिंकन ने कहा कि उन्होंने 14 अगस्त की रात को गनी से फोन पर बात की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि वह अंत तक लड़ेंगे। विदेश मंत्री ने कहा कि वह अफगानिस्तान छोड़ने की गनी की योजना से अवगत नहीं थे। तालिबान अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में प्रवेश कर गया था जिसके बाद गनी 15 अगस्त को देश छोड़कर चले गए थे। कांग्रेस सदस्य बिल कीटिंग ने कहा कि इस्लामबाद ने दशकों से अफगानिस्तान से संबंधित मामलों में नकारात्मक भूमिका निभाई है। आईएसआई के हक्कानी नेटवर्क से मजबूत संबंध है, पाकिस्तान ने 2010 में तालिबान को समूह पुन: गठित करने में मदद की और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने काबुल पर तालिबान के कब्जे का जश्न मनाया था।

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