Edited By Tanuja,Updated: 10 Jun, 2020 12:54 PM
ताइवान के आसमान में अमेरिका का सैन्य प्लेन उड़ान भरता देख चीन तिलमिला उठा । मंगलवार 9 जून को ताइवान द्वीप के ऊपर अमेरिकी ...
इंटरनेशनल डेस्कः ताइवान के आसमान में अमेरिका का सैन्य प्लेन उड़ान भरता देख चीन तिलमिला उठा । मंगलवार 9 जून को ताइवान द्वीप के ऊपर अमेरिकी ट्रांसपोर्ट प्लेन के उड़ान भरने के कुछ घंटे बाद ही चीन ने पूरे ताइवान में लड़ाकू विमान भेज दिया। इससे क्षेत्र में कूटनीतिक और सैन्य तनाव काफी बढ़ गया है। रक्षा मंत्रालय के हवाले से ताइवान ने जारी की रिपोर्ट में बताया किइसके जवाब में ताइपे ने भी अपने जेट के जरिए पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के एयर फोर्स को चेतावनी दी। रक्षा मंत्रालय के हवाले से ताइवान ने यह रिपोर्ट जारी की है। इसके साथ ही ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रूस निर्मित सुखोई-30 लड़ाकू विमानों को इलाका छोड़ने की चेतावनी दी गई और बाद में ताइवान एयर फोर्स के जेट ने घुसपैठियों (चीनी विमान) को दूर भागने पर मजबूर कर दिया।
मंत्रालय ने कहा, "सेना ने आज सुबह कई सुखोई-30 लड़ाकू विमानों को दक्षिण-पश्चिम ताइवान में उड़ान भरते हुए पकड़ा। इसके तुरंत बाद ही हमारे एयर फोर्स के जेट ने उनका रास्ता रोक दिया और फिर रेडियो चेतावनी के द्वारा उन्हें भगा दिया गया।" मंत्रालय ने आगे बताया, "हमारी सेना ताइवान के समुदी और हवाई इलाकों की हमेशा निगरानी करती है और यह पूरी तरह से हमारे नियंत्रण में है। इसके साथ ही जनता इस बात को लेकर हमारा भरोसा कर सकती है कि राष्ट्रीय क्षेत्र की सुरक्षा बनाए रखने में हम सक्षम हैं।" मंगलवार सुबह को एक अमेरिकी सी-40 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट को ताइवान के पश्चिम तटीय इलाके के ऊपर उड़ान भरते देखा गया था।
इसने जापान के ओकीनामा एयर फोर्स बेस से उड़ान भरी थी और बिना लैंड किए ताइवान के ऊपर उड़ान भरता रहा। ताइवान में दिनभर चले इस घटनाक्रम के बारे में चीन ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। बीजिंग दावा करता है कि ताइवान में स्वशासित लोकतंत्र ने क्षेत्र में संबंधों को तोड़ने का काम है। उसने कभी भी इस बात से इनकार नहीं किया है कि वो इस द्वीप को हासिल करने के लिए सेना का इस्तेमाल नहीं करेगा। हाल ही में वॉशिंगटन का ताइपे के साथ टॉरपीडो बेचने का सौदा हुआ है, जिसके बाद क्षेत्र में चीन, ताइवान और अमेरिका के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है।