PM इमरान ने माना- पाक में धर्म की आड़ में हिंसा बढ़ी, ईशनिंदा के नाम पर गलत दिशा में जा रहा देश

Edited By Updated: 08 Dec, 2021 10:42 AM

violence in name of religion will not be tolerated pm imran

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार धर्म के नाम पर भीड़ की हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेगी और इसके लिए...

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार धर्म के नाम पर भीड़ की हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेगी और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को नहीं बख्शेगी। वह मारे गए श्रीलंकाई नागरिक प्रियंता कुमारा के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय में आयोजित एक शोक सभा को संबोधित कर रहे थे, जिनकी पिछले हफ्ते पंजाब प्रांत के सियालकोट में ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी और उसके शव को आग लगा दी थी। उन्होंने कहा, ‘‘धर्म की आड़ में हिंसा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।’’

 

खान ने कहा कि सियालकोट की घटना ने देश को "ऐसी घटनाओं को समाप्त करने" के लिए एक बिंदु पर ला खड़ा किया है। उन्होंने खेद व्यक्त किया कि पाकिस्तान में लोग पवित्र पैगंबर के नाम पर दूसरों की हत्या कर रहे हैं और ईशनिंदा के आरोपी जेलों में सड़ रहे हैं क्योंकि वकील और न्यायाधीश ऐसे मामलों में सुनवाई करने से डरते हैं। खान ने कहा कि पाकिस्तान एकमात्र ऐसा देश है जिसकी स्थापना इस्लाम के नाम पर हुई थी, लेकिन सियालकोट जैसी घटनाएं शर्म की बात हैं। उन्होंने कहा कि "हम पूरी तरह से अलग दिशा में जा रहे हैं" और राष्ट्र को पैगंबर के जीवन का अध्ययन करना चाहिए।

 

कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों सहित 800 से अधिक लोगों की भीड़ ने पिछले शुक्रवार को लाहौर से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित सियालकोट जिले में एक कपड़ा कारखाने पर हमला किया था और ईशनिंदा के आरोप में इसके महाप्रबंधक प्रियंता कुमारा दियावदनागे की हत्या कर दी थी तथा उनके शव को आग लगा दी थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, इस बर्बर घटना में दियावदनागे की लगभग सभी हड्डियां टूट गई थीं और उनका शरीर 99 फीसदी जल गया था। दियावदनागे का शव सोमवार को श्रीलंका भेज दिया गया था।

 

पाकिस्तान के फैसलाबाद में एक कारखाने में मैकेनिकल इंजीनियर की नौकरी मिलने के बाद दियावदनागे 2011 में पाकिस्तान पहुंचे थे। एक साल बाद, वह सियालकोट की राजको इंडस्ट्रीज में महाप्रबंधक के रूप में शामिल हो गए और वह इस कारखाने में काम करने वाले एकमात्र श्रीलंकाई नागरिक थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी निलुशी और 14 तथा नौ वर्षीय दो बेटे हैं। निलुशी ने पाकिस्तान सरकार से अपने पति की हत्या के मामले में न्याय और मुआवजे की अपील की है तथा पाकिस्तानी धरती पर सभी श्रीलंकाई लोगों की सुरक्षा का आग्रह किया है। खान ने कहा कि सियालकोट के व्यापारिक समुदाय ने मृतक श्रीलंकाई नागरिक के परिवार के लिए 100,000 डॉलर एकत्र किए हैं। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार को जीवनपर्यंत अवधि के लिए उनका (मृतक) मासिक वेतन मिलेगा।

 

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