Edited By Anu Malhotra,Updated: 15 Sep, 2025 12:19 PM

11 सितंबर 2001- यह तारीख अमेरिका ही नहीं, पूरी दुनिया के इतिहास में सबसे भयावह आतंकी हमलों में से एक के रूप में दर्ज है। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले में लगभग 3,000 मासूम लोगों की जान गई थी। इस हमले का मास्टरमाइंड था अल-कायदा का सरगना ओसामा बिन...
इंटरनेशनल डेस्क: 11 सितंबर 2001- यह तारीख अमेरिका ही नहीं, पूरी दुनिया के इतिहास में सबसे भयावह आतंकी हमलों में से एक के रूप में दर्ज है। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले में लगभग 3,000 मासूम लोगों की जान गई थी। इस हमले का मास्टरमाइंड था अल-कायदा का सरगना ओसामा बिन लादेन, जिसे एक दशक बाद अमेरिका ने एक गोपनीय सैन्य ऑपरेशन में ढूंढ निकाला और खत्म कर दिया। 2 मई 2011 को पाकिस्तान के एबटाबाद में अमेरिका के नेवी सील्स कमांडोज़ ने ओसामा को मार गिराया। इस मिशन को दुनिया भर में एक साहसिक सैन्य कार्रवाई के तौर पर देखा गया। लेकिन इस घटना के बाद एक सवाल आज भी लोगों के मन में बना हुआ है - ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद उसके बीवी-बच्चों का क्या हुआ?
ओसामा की मौत के बाद क्या हुआ उसके परिवार का?
अमेरिकी नेवी सील्स की टुकड़ी ने जब एबटाबाद में कार्रवाई की, तब उस मकान में ओसामा के कई परिजन -बीवियां और बच्चे भी मौजूद थे। ऑपरेशन पूरा होने के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तानी सेना मौके पर पहुंची और परिवार के सभी सदस्यों को हिरासत में ले लिया। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के तत्कालीन प्रवक्ता फरहतुल्ला बाबर ने अपनी किताब The Zardari Presidency: Now It Must Be Told में इस घटना की कई अंदरूनी बातें साझा की हैं।
क्या लिखा फरहतुल्ला बाबर ने?
बाबर के अनुसार, लादेन की मौत के कुछ ही समय बाद CIA एजेंट्स की एक टीम एबटाबाद कैंटोनमेंट में पहुंची और उसके परिवार की महिलाओं से सीधा पूछताछ करने लगी। यह सब पाकिस्तानी सेना की मौजूदगी में हुआ, लेकिन सरकार और सैन्य अफसरों में कोई प्रतिरोध नहीं दिखा। बाबर के मुताबिक यह घटना पाकिस्तान के लिए राष्ट्रीय अपमान की तरह थी। इससे न केवल देश की संप्रभुता पर सवाल उठे, बल्कि यह भी साबित हुआ कि अमेरिका को पहले से पता था कि लादेन पाकिस्तान में ही छिपा हुआ है।
पाकिस्तान को क्यों उठानी पड़ी शर्मिंदगी?
इस ऑपरेशन ने पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर आलोचना का पात्र बना दिया। फरहतुल्ला बाबर ने अपनी किताब में बताया कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के पास न केवल लादेन की लोकेशन, बल्कि उसके ठिकाने का निर्माण करने वाले ठेकेदार की भी जानकारी थी। हमले के बाद अमेरिका से कई बड़े नाम-हिलेरी क्लिंटन, सीनेटर जॉन कैरी जैसे नेता-पाकिस्तान पहुंचे। इन बैठकों में पाकिस्तानी सरकार ने अमेरिका से गुज़ारिश की कि भविष्य में ऐसा कोई एकतरफा सैन्य ऑपरेशन न किया जाए, लेकिन अमेरिका ने इस मांग को नकार दिया।
बीवी-बच्चों की पूछताछ और बाद में क्या हुआ?
पाकिस्तानी सेना ने ओसामा के परिवार को हिरासत में लिया और कुछ समय तक उन्हें पूछताछ के लिए रखा गया। अमेरिकी एजेंट्स ने भी उनसे जानकारी हासिल करने की कोशिश की। हालांकि, बाद में अंतरराष्ट्रीय दबाव और कानूनी प्रक्रियाओं के चलते परिवार के कुछ सदस्यों को उनके मूल देशों (जैसे सऊदी अरब) भेज दिया गया, लेकिन इस पूरी प्रक्रिया पर गोपनीयता बनाए रखी गई।
एक सवाल जो आज भी रह गया अधूरा...
हालांकि ओसामा को मारे जाने के साथ ही अमेरिका ने अपने 'जस्टिस' मिशन को पूरा माना, लेकिन उसके परिवार और बच्चों को लेकर आज तक बहुत सी जानकारियां पूरी तरह स्पष्ट नहीं हुई हैं। क्या वे आज़ाद हैं? क्या वे किसी निगरानी में हैं? क्या उन्होंने अल-कायदा से दूरी बनाई? इन सवालों पर अब भी पर्दा है।