कृत्रिम मेधा शोध गतिविधियों में भारत पीछे: कांत

Edited By Updated: 28 Jun, 2022 06:43 PM

pti maharashtra story

मुंबई, 28 जून (भाषा) नीति आयोग के निवर्तमान मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने मंगलवार को कहा कि देश कृत्रिम मेधा (एआई) शोध गतिविधियों में पीछे है और साथ ही ‘सुपरकंप्यूटिंग’ क्षमता बढ़ाने की जरूरत है।

मुंबई, 28 जून (भाषा) नीति आयोग के निवर्तमान मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने मंगलवार को कहा कि देश कृत्रिम मेधा (एआई) शोध गतिविधियों में पीछे है और साथ ही ‘सुपरकंप्यूटिंग’ क्षमता बढ़ाने की जरूरत है।

इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) के ‘ऑनलाइन’ कार्यक्रम में कांत ने कहा कि नीति आयोग 2018 में ही कृत्रिम मेधा पर रणनीतिक पत्र लाया था। इसका मकसद सामाजिक भलाई के लिये इस प्रौद्योगिकी के उपयोग पर गौर करना था और इस मामले में भारत गिने-चुने देशों में शामिल हो गया।

उन्होंने कहा कि दस्तावेज में कुछ चुनौतियों का जिक्र था और वे अब भी बनी हुई हैं।

कांत ने कहा, ‘‘हम महत्वपूर्ण और अनुप्रयोग को लेकर अनुसंधान में पीछे हैं। उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान के मामले में भारत अब भी अमेरिका तथा चीन से पीछे है तथा वहां तक पहुंचने के लिए प्रयास करने होंगे।’’
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘हमारी सुपरकंप्यूटिंग क्षमता को चीन के समकक्ष लाने की जरूरत है।’’
कांत छह साल नीति आयोग के सीईओ रहने के बाद इस महीने पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में कृत्रिम मेधा अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि 2018 के दस्तावेज में कृषि, स्मार्ट परिवहन व्यवस्था, स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों का निर्धारण किया गया था, जो इस प्रौद्योगिकी से लाभान्वित होते थे।

कांत के अनुसार, प्रौद्योगिकी के विकास के लिये सभी पक्षों को साथ आना होगा लेकिन अंततः बाजार तय करेगा कि उसमें से कौन लोकप्रिय होगा।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!