Edited By Anu Malhotra,Updated: 15 Nov, 2025 12:35 PM

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने संगठन में अनुशासन का कड़ा संदेश देने के लिए अहम कदम उठाया है। पार्टी ने वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह को तत्काल प्रभाव से 6 साल के लिए अपनी प्राथमिक...
नेशनल डेस्क: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने संगठन में अनुशासन का कड़ा संदेश देने के लिए अहम कदम उठाया है। पार्टी ने वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह को तत्काल प्रभाव से 6 साल के लिए अपनी प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने बिहार में प्रचंड बहुमत दर्ज किया है, लेकिन कुछ सीटों पर आंतरिक मतभेद और बागी उम्मीदवारों के कारण पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा।
पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप
बीजेपी सूत्रों का कहना है कि आरके सिंह के खिलाफ यह कार्रवाई उनके द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान और उसके आसपास पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की शिकायतों के आधार पर की गई है। आरोप है कि उन्होंने पार्टी उम्मीदवारों और गठबंधन के हितों के खिलाफ काम किया और सार्वजनिक मंचों पर ऐसे बयान दिए, जो संगठन और गठबंधन की छवि के लिए नुकसानदेह साबित हो सकते थे।
अनुशासन का सख्त संदेश
बीजेपी के नेतृत्व ने इसे संगठनात्मक अनुशासन के उल्लंघन के रूप में लिया और इस कठोर कदम के माध्यम से स्पष्ट संदेश दिया कि पार्टी के भीतर कोई भी नेता चुनावी रणनीति और संगठन के निर्णयों के खिलाफ कार्य नहीं कर सकता।
वरिष्ठ नेता पर गाज
आरके सिंह पार्टी के वरिष्ठ और प्रभावशाली चेहरों में से रहे हैं। केंद्र सरकार में मंत्री के रूप में भी उन्होंने महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं। उनके निलंबन से यह संकेत मिलता है कि बीजेपी चुनाव परिणामों के बाद भी संगठनिक अनुशासन को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और किसी भी स्थिति में समझौता नहीं करेगी।