Edited By Mansa Devi,Updated: 15 Sep, 2025 02:50 PM

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में इंसानियत को झकझोर देने वाली एक बेहद दर्दनाक घटना सामने आई है। यहां जैतपुर इलाके में एक 20 दिन की नवजात बच्ची को उसके ही परिवार वालों ने कथित तौर पर जिंदा दफना दिया। हालांकि, बच्ची के रोने की आवाज सुनकर एक चरवाहे...
नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में इंसानियत को झकझोर देने वाली एक बेहद दर्दनाक घटना सामने आई है। यहां जैतपुर इलाके में एक 20 दिन की नवजात बच्ची को उसके ही परिवार वालों ने कथित तौर पर जिंदा दफना दिया। हालांकि, बच्ची के रोने की आवाज सुनकर एक चरवाहे ने उसे बचाया। बच्ची की हालत गंभीर है और उसका इलाज चल रहा है।
कैसे बची बच्ची की जान?
यह घटना रविवार सुबह गौहावर मार्ग पर बहगुल नदी के पुल के पास हुई। एक बच्चा अपनी बकरियां चराने नदी किनारे गया था, तभी उसे मिट्टी के नीचे से रोने की हल्की आवाज सुनाई दी। जब उसने पास जाकर देखा तो एक गड्ढे से खून से सना हुआ एक छोटा हाथ बाहर निकला हुआ था। यह देखकर वह डर गया और उसने तुरंत गांव वालों को बुलाया, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।
घायल बच्ची अस्पताल में
सूचना मिलते ही सब-इंस्पेक्टर इतेश तोमर की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने बच्ची को बाहर निकाला और तुरंत इलाज के लिए जैतपुर सीएचसी भेजा। बच्ची की नाजुक हालत को देखते हुए उसे शाहजहांपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया, जहां डॉक्टरों की एक टीम एसएनसीयू (SNCU) में उसका इलाज कर रही है। डॉक्टरों के मुताबिक, बच्ची को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है और उसकी हालत गंभीर है। उसे दफनाने के बाद मिट्टी और चींटियों ने उसके शरीर पर गहरे घाव कर दिए हैं, जो उसकी हालत को और भी खराब कर रहे हैं।
पुलिस जांच में जुटी
पुलिस का मानना है कि बच्ची को किसी शारीरिक विकृति के कारण बोझ समझकर जिंदा दफनाया गया है। पुलिस फिलहाल आस-पास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है और हाल ही में नवजात बच्चियों के जन्म की जानकारी जुटा रही है।