अदाणी को लगा एक और बड़ा झटका, केन्या ने एयरपोर्ट प्रोजेक्ट समेत 700 मिलियन डॉलर का डील किया रद्द

Edited By Utsav Singh,Updated: 22 Nov, 2024 06:10 AM

after allegations against adani kenya canceled a deal worth 700 million

अमेरिका में अदानी समूह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए थे, जिसके बाद अब केन्या ने अदानी ग्रुप के साथ किया गया एक बड़ा करार रद्द कर दिया है। यह करार लगभग 700 मिलियन डॉलर (करीब 5,800 करोड़ रुपये) का था और इसका उद्देश्य केन्या में एक एयरपोर्ट का निर्माण और...

नेशनल डेस्क : केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिसमें उन्होंने भारतीय कंपनी अडानी ग्रुप के साथ किए गए सभी समझौतों को रद्द करने की बात कही। इन समझौतों में बिजली ट्रांसमिशन और एयरपोर्ट विस्तार जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाएं शामिल थीं।

  1. पावर ट्रांसमिशन डील रद्द
    केन्या सरकार ने अडानी ग्रुप के साथ हुए 700 मिलियन डॉलर के पावर ट्रांसमिशन समझौते को रद्द कर दिया है। इस समझौते के तहत केन्या में बिजली के ट्रांसमिशन के लिए बुनियादी ढांचा तैयार किया जाना था, जो अब पूरी तरह से स्थगित कर दिया गया है।

  2. एयरपोर्ट विस्तार डील रद्द
    इसके अलावा, अडानी ग्रुप का 1.8 बिलियन डॉलर का प्रस्ताव भी रद्द कर दिया गया है, जो एक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के विस्तार के लिए था। यह प्रस्ताव केन्या के एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए था, जिसे अब केन्या सरकार ने रद्द कर दिया है।

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अडानी ग्रुप पर अमेरिकी आरोपों का असर
केन्या द्वारा इन समझौतों को रद्द किए जाने का कारण अडानी ग्रुप पर अमेरिका में लगाए गए वित्तीय धोखाधड़ी के आरोप माने जा रहे हैं। हाल ही में अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद गंभीर आरोप लगे थे, जिसके बाद कई देशों में कंपनी की परियोजनाओं को लेकर संशय उत्पन्न हुआ है।

केन्या का निर्णय
केन्या सरकार ने अडानी ग्रुप के साथ रद्द किए गए समझौतों के बारे में स्पष्ट किया कि ये फैसले कंपनी पर लगे आरोपों और संबंधित मुद्दों को ध्यान में रखते हुए लिए गए हैं। इस कदम से अडानी ग्रुप के अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स पर प्रभाव पड़ने की संभावना है, जो पहले से ही विवादों में घिर चुके हैं। यह स्थिति अडानी ग्रुप के लिए एक और झटका है, जो पहले से ही कई देशों में अपने प्रोजेक्ट्स और निवेशों को लेकर आलोचना का सामना कर रहा है।

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रिश्वतखोरी के आरोप और केन्या सरकार का निर्णय
अडानी ग्रुप पर हाल ही में अमेरिका में रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप लगे हैं, जिनके बाद केन्या सरकार ने अडानी के साथ किए गए बड़े समझौतों को रद्द करने का निर्णय लिया। केन्या सरकार ने अडानी ग्रुप के साथ $700 मिलियन का पावर ट्रांसमिशन डील और $1.8 बिलियन का एयरपोर्ट विस्तार प्रस्ताव रद्द कर दिया। केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो ने इस फैसले को पारदर्शिता और ईमानदारी के सिद्धांतों पर आधारित बताया।

राष्ट्रपति रूटो का बयान
राष्ट्रपति रूटो ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनकी सरकार किसी भी ऐसे अनुबंध को स्वीकार नहीं करेगी, जो देश की नीतियों और मूल्यों के खिलाफ हो। उनका कहना था, "हम किसी भी ऐसे अनुबंध को मंजूरी नहीं देंगे जो हमारे देश की छवि और हितों के खिलाफ हो।" उन्होंने यह भी कहा कि केन्या सरकार पूरी तरह से पारदर्शिता और ईमानदारी के सिद्धांतों का पालन करती है, और ऐसी परियोजनाओं को मंजूरी नहीं दी जाएगी जो इन मानकों से मेल न खाती हों।

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अडानी ग्रुप की प्रतिक्रिया और अगला कदम
इस कदम के बाद सभी की नजर अब अडानी ग्रुप की प्रतिक्रिया पर है। क्या वे इस निर्णय का विरोध करेंगे या कोई कदम उठाएंगे, यह देखना बाकी है। साथ ही, यह भी देखना दिलचस्प होगा कि केन्या सरकार के इस फैसले का देश की विकास योजनाओं पर कितना प्रभाव पड़ता है। यह कदम वैश्विक व्यापार और निवेश के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हो सकता है, क्योंकि अब अन्य देशों में भी इस तरह के फैसले और जांच के बाद कंपनियों के साथ किए गए समझौते पर सवाल उठ सकते हैं।

अडानी ग्रुप के खिलाफ उठे आरोपों ने न केवल केन्या बल्कि अन्य देशों में भी उनकी प्रतिष्ठा को प्रभावित किया है। अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि अडानी ग्रुप का अगला कदम क्या होगा और केन्या सरकार इस विवाद से कैसे निपटेगी।

 

 

 

 

 

 

 

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