महाराष्ट्र में "संविधान और आरक्षण" के मुद्दे पर फेल हुए अघाड़ी, भाजपा का “एक हैं तो सेफ हैं” नारा कर गया काम

Edited By Updated: 27 Nov, 2024 10:52 AM

aghadi failed on the issue of constitution and reservation in maharashtra

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति ने दलित और एस.सी.-आरक्षित सीटों पर जबरदस्त जीत हासिल की, जहां एम.वी.ए. का प्रदर्शन खराब रहा। महायुति ने 29 एस.सी.-आरक्षित सीटों में से 20 जीतीं और 67 सामान्य सीटों पर भी दबदबा बनाया। इसके परिणामस्वरूप एम.वी.ए....

नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र में "संविधान और आरक्षण को खतरा" जैसा मुद्दा भी महाविकास अघाड़ी (एम.वी.ए.) की नैय्या पार नहीं लगा पाया। इसी मुद्दे पर लोकसभा चुनाव में महायुति गठबंधन दलित वोटों से महरुम हो गया था, लेकिन हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ गठबंधन ने उन सीटों पर फिर से कब्जा कर लिया है, जहां अनुसूचित जाति (एस.सी.) की अहम भूमिका रहती है। संविधान और आरक्षण की रक्षा के इर्द-गिर्द विपक्ष का अभियान विधानसभा चुनावों में सिरे नहीं चढ़ पाया, जबकि महायुति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दलित, आदिवासी और ओ.बी.सी. समुदायों को एकजुट करने का  “एक हैं तो सेफ हैं” नारा जमीनी स्तर पर काम कर गया। वोट शेयर डाटा भी इन सीटों पर महायुति के प्रभुत्व को दर्शाता है। इसने एस.सी.आरक्षित सीटों पर कुल वोटों में से 49.48 फीसदी और 67 सामान्य सीटों पर 48.14 फीसदी वोट हासिल किए हैं। जबकि एम.वी.ए. को इसी क्रम में क्रमशः 39.43 फीसदी और 48.14 फीसदी वोट मिले हैं।

एस.सी.-आरक्षित सीटों किसे क्या हुआ हासिल
महायुति ने इस बार राज्य की 29 एस.सी.-आरक्षित सीटों में से 20 पर शानदार जीत हासिल की है। एक विश्लेषण के मुताबिक   उसने 67 ऐसी सामान्य सीटों में से 59 पर भी जीत दर्ज की है, जहां एस.सी. की आबादी कम से कम 15 फीसदी है। भाजपा ने 10 एस.सी.-आरक्षित विधानसभा सीटों पर कब्जा जमाया है, जबकि अजित पवार के नेतृत्व वाली एन.सी.पी. को 5, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को 4 और 1 सीट उसके छोटे सहयोगी दल को मिली है। दलित मोर्चे पर एम.वी.ए. ने खराब प्रदर्शन करते हुए 9 सीटों पर जीत हासिल की है। कांग्रेस ने 4 एस.सी. सीटें जीतीं हैं, जबिक उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सेना (यू.बी.टी.) ने 3 और शरद पवार के नेतृत्व वाली एन.सी.पी. ने 2 सीटों पर जीत दर्ज की।

दलित आबादी वाली सामान्य सीटों पर भाजपा का दबदबा
महायुति ने आरक्षित सीटों पर दबदबा ही नहीं बनाया है, बल्कि इस साल के लोकसभा चुनावों में अपने खराब प्रदर्शन से महत्वपूर्ण वापसी भी की है। राज्य की कम से कम 15 फीसदी वाली दलित आबादी वाली 67 सामान्य सीटों में भाजपा ने अकेले 42 सीटों पर जीत का परचम लहराया है। यहां अजित पवार की एन.सी.पी. 8 और शिंदे शिवसेना 6 सीटों पर काबिज हुई है। हालांकि एम.वी.ए. ने इनमें से सिर्फ 8 सीटें जीतीं। इनमें से 3 कांग्रेस , 2-2 सेना (यू.बी.टी.) और शरद पवार की एन.सी.पी. की 1 सीट शामिल है। एक सीट पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी की झोली में भी गई है।

चुनावों में दलित सीटों पर एम.वी.ए. का पतन
इस साल हुए लोकसभा चुनाव में एम.वी.ए. ने राज्य के सभी 5 एस.सी.आरक्षित संसदीय क्षेत्रों में जीत हासिल की थी। विधानसभा क्षेत्र-स्तर पर भी एम.वी.ए. ने एस.सी. के लिए आरक्षित 18 क्षेत्रों में जीत के साथ काफी बढ़त हासिल की थी। महायुति ने 10 एस.सी. विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त हासिल की थी, जिसमें एक निर्दलीय ने जीत दर्ज की थी। लोकसभा चुनावों में कम से कम 15 फीसदी एस.सी. आबादी वाली 67 विधानसभा सामान्य सीटों पर एम.वी.ए. ने 37 क्षेत्रों में जीत हासिल की थी, जबकि महायुति ने 26 सीटें जीतीं थी। शेष 4 सीटें ए.आई.एम.आई.एम. और निर्दलीय उम्मीदवारों के बीच बराबर-बराबर बंटी रहीं थी। विधानसभा चुनावों में इन सीटों पर एम.वी.ए. का पतन हुआ, जबकि महायुति ने अपनी संख्या दोगुनी से भी अधिक बढ़ाकर 59 कर ली है।

एम.वी.ए. को 237 सीटों पर वोट शेयर का नुकसान
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन ने जहां 288 सीटों वाली विधानसभा में 234 सीटें जीतकर विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी को बड़ा झटका दिया है, वहीं दूसरी ओर भाजपा के स्ट्राइक रेट में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है। एक रिपोर्ट के मुताबिक यह साल 2019 में 64 फीसदी था, जो हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में बढ़कर 88.6 फीसदी पर पहुंच गया है। 80 के दशक में कांग्रेस द्वारा जीती गई सीटों पर पार्टी का स्ट्राइक रेट 50 फीसदी रहता था। 2019 में यह 30 फीसदी पर पहुंच गया और 2024 में अब यह करीब 16 फीसदी तक आ पहुंचा है। विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनाव के वोट शेयर की तुलना करते हुए कहा गया है कि एम.वी.ए. को 237 विधानसभा सीटों पर वोट शेयर का नुकसान हुआ है।

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का स्ट्राइक रेट था 76 फीसदी
छह महीने पहले लोकसभा चुनाव में राज्य की 48 सीटों में 30 पर एम.वी.ए. ने जीत हासिल की थी। इनमें कांग्रेस ने 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें पार्टी ने 76 फीसदी के प्रभावशाली स्ट्राइक रेट के साथ 13 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, शरद पवार की एन.सी.पी. ने 10 सीटों में से 8 पर जीत दर्ज की थी, जबकि उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने 21 सीटों पर चुनाव लड़ा और 9 सीटें जीती थी। इस जीत को अगर विधानसभा क्षेत्रों में बदल दिया जाए, तो ये 153 सीटें होती हैं, मगर इस विधानसभा चुनाव के दौरान महाविकास अघाड़ी सिर्फ 41 सीटें ही बरकरार रख सका। 

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