Edited By Harman Kaur,Updated: 10 May, 2025 03:36 PM

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। पाकिस्तान ने 7 से 10 मई 2025 के बीच श्रीनगर से लेकर नालिया तक 26 स्थानों पर ड्रोन, मिसाइल और लड़ाकू जेट्स से हमले किए, जिनमें फतेह-1 मिसाइल, JF-17, F-16 और DJI सैन्य ड्रोन शामिल थे। भारतीय आकाश-एनजी मिसाइल...
नेशनल डेस्क: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। पाकिस्तान ने 7 से 10 मई 2025 के बीच श्रीनगर से लेकर नालिया तक 26 स्थानों पर ड्रोन, मिसाइल और लड़ाकू जेट्स से हमले किए, जिनमें फतेह-1 मिसाइल, JF-17, F-16 और DJI सैन्य ड्रोन शामिल थे। भारतीय आकाश-एनजी मिसाइल सिस्टम ने इन हवाई खतरों को हवा में ही नष्ट कर पाकिस्तान के हमलों को पूरी तरह नाकाम कर दिया।
भारत का हवाई सुरक्षा कवच
आकाश भारत द्वारा विकसित मध्यम दूरी की सतह-से-हवा मिसाइल प्रणाली है, जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने बनाया है। यह 2014 से भारतीय सेना और वायुसेना में है, जबकि इसका उन्नत संस्करण आकाश-एनजी (नेक्स्ट जेनरेशन) 2021 में शामिल हुआ। यह सिस्टम कम और मध्यम ऊंचाई पर उड़ रहे लड़ाकू विमानों, ड्रोन और क्रूज मिसाइलों जैसे हवाई खतरों को मार गिराने में सक्षम है। पिछले साल ही आकाश मिसाइल ने एक साथ चार अलग-अलग हवाई लक्ष्यों को ध्वस्त कर अपनी क्षमता का लोहा मनवाया था, जिससे भारत ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया था। आकाश मिसाइल सिस्टम की एक यूनिट में चार मिसाइलें होती हैं, जो अलग-अलग टारगेट्स को निशाना बना सकती हैं।
Akash Defense System की विशेषताएं
रेंज: 45-70 किमी (आकाश-एनजी)
लक्ष्य: फाइटर जेट, ड्रोन, क्रूज मिसाइलें, बैलिस्टिक मिसाइलें
मार्गदर्शन: रडार-आधारित कमांड गाइडेंस और एक्टिव रडार होमिंग (आकाश-एनजी)
वॉरहेड: 60 किलोग्राम उच्च-विस्फोटक
सटीकता: 90-100% इंटरसेप्शन दर
तैनाती: मोबाइल लॉन्चर, टैंक और ट्रक पर आसानी से तैनात
इलेक्ट्रॉनिक काउंटरमेजर्स (ECCM): दुश्मन के जैमिंग को नाकाम करने की क्षमता
स्वदेशीकरण: 96% से अधिक भारतीय निर्मित
आकाश के 3 वैरिएंट मौजूद
1. आकाश एमके-1 (30 किमी रेंज)
2. आकाश एमके-2 (40 किमी रेंज)
3. आकाश-एनजी (80 किमी रेंज)
आकाश मिसाइल सिस्टम के ग्राउंड सिस्टम, रडार, EOTS और टेलीमेट्री स्टेशन को भी अपग्रेड किया गया है, जिससे इसकी ट्रैकिंग और सटीकता और बेहतर हुई है। आकाश-एनजी को मोबाइल प्लेटफॉर्म से भी लॉन्च किया जा सकता है और यह 60 किलोग्राम तक के हथियार ले जा सकता है। इसके पुराने संस्करण को चीन के साथ सीमा विवाद के दौरान LAC पर भी तैनात किया गया था। भारतीय वायुसेना ने इसे ग्वालियर, जलपाईगुड़ी, तेजपुर, जोरहाट और पुणे बेस पर भी तैनात किया है। पाकिस्तान द्वारा किए गए हमलों के बावजूद, भारतीय 'आकाश' एयर डिफेंस सिस्टम ने अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया और भारतीय सीमा को सुरक्षित रखा। यह प्रणाली भारतीय सेना और वायुसेना की ताकत को और मजबूत बनाती है।