अमित शाह का भगोड़ों को सीधा संदेश: अब कोई नरमी नहीं बरती जाएगी, राज्यों को दिए ये सख्त आदेश

Edited By Updated: 16 Oct, 2025 08:07 PM

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत अब विदेशों में छिपे भगोड़ों के खिलाफ कोई नरमी नहीं दिखाएगा। उन्होंने राज्यों को अंतरराष्ट्रीय मानकों वाली जेलें बनाने के निर्देश दिए ताकि अपराधी प्रत्यर्पण से बच न सकें। शाह ने बताया कि 2018 से अब तक 12 अरब...

नेशनल डेस्क : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को साफ शब्दों में कहा कि विदेशों में बैठे भगोड़ों के खिलाफ अब कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। उन्होंने कहा कि चाहे आर्थिक अपराधी हो, साइबर अपराधी हो या आतंकवादी, हर अपराधी को समयबद्ध तरीके से भारतीय कानून के सामने लाया जाएगा। यह बयान उन्होंने CBI द्वारा आयोजित 'भगोड़ों के प्रत्यर्पण: चुनौतियां और रणनीति' कॉन्फ्रेंस में दिया।

शाह ने राज्यों को निर्देश दिया कि वे ऐसी जेलें बनाएं जो अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों के अनुरूप हों। उन्होंने कहा कि ललित मोदी और नीरव मोदी जैसे भगोड़े भारतीय जेलों की खराब स्थिति का बहाना बनाकर प्रत्यर्पण से बचते हैं। विदेशी कोर्ट अक्सर उनकी इस दलील को मान लेते हैं। शाह ने कहा कि अगर राज्यों ने आधुनिक जेलें बनाईं, तो यह बहाना खत्म हो जाएगा और भगोड़ों का प्रत्यर्पण आसान होगा।

जीरो टॉलरेंस की नीति लागू होगी
अमित शाह ने जोर देकर कहा कि भारत में अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनाई जा रही जीरो टॉलरेंस नीति को विदेशों में बैठे अपराधियों पर भी लागू किया जाएगा। उनका मकसद है कि भगोड़ों का यह भरोसा तोड़ा जाए कि वे भारतीय कानून की पहुंच से बाहर हैं। शाह ने कहा कि अपराधियों का कानूनी, वित्तीय और राजनीतिक नेटवर्क विदेशों में टिक नहीं पाएगा। इसके लिए राज्यों को कम से कम एक ऐसी जेल बनाने का निर्देश दिया गया है जो वैश्विक मानकों पर खरी उतरे। इससे न केवल प्रत्यर्पण में आने वाली कानूनी अड़चनें दूर होंगी, बल्कि भारत की अंतरराष्ट्रीय साख भी मजबूत होगी।

12 अरब डॉलर की संपत्ति जब्त
गृहमंत्री ने हाल के कानूनी सुधारों का जिक्र करते हुए कहा कि भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून 2018 के तहत सरकार ने लगभग 2 अरब डॉलर की संपत्ति जब्त की है। इसके अलावा, मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) को मजबूत करने के बाद 2014 से 2023 के बीच 12 अरब डॉलर की संपत्तियां जब्त की गई हैं। यह भारत की भगोड़ों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का सबूत है।

जल्द रद्द हो पासपोर्ट
शाह ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि CBI और राज्य पुलिस को नए कानूनों का पूरा लाभ उठाना चाहिए। जैसे ही किसी भगोड़े के खिलाफ इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस जारी हो, उसका पासपोर्ट तुरंत रद्द या रेड-फ्लैग किया जाना चाहिए ताकि वह विदेशों में स्वतंत्र रूप से घूम न सके। उन्होंने आधुनिक तकनीक और वैश्विक सहयोग के जरिए न्याय प्रणाली को और सशक्त बनाने की जरूरत बताई।

भगोड़ों को बख्शेगा नहीं भारत
अमित शाह का संदेश स्पष्ट था कि भारत अब किसी भी भगोड़े को बख्शने वाला नहीं है। चाहे वह आर्थिक अपराधी हो, साइबर अपराधी हो या आतंकवादी, सभी के लिए कानून एक समान होगा। आधुनिक जेलों का निर्माण, भगोड़ों के बहानों को खत्म करने की रणनीति और समयबद्ध तरीके से कानून लागू करने का दृष्टिकोण बड़े बदलाव की ओर इशारा करता है।

शाह की यह रणनीति न केवल अपराधियों के लिए चेतावनी है, बल्कि यह भारत की वैश्विक छवि को भी मजबूत करेगी। अब भगोड़े यह दावा नहीं कर पाएंगे कि भारतीय जेलों की स्थिति खराब है और उनका प्रत्यर्पण नहीं हो सकता। यह कदम दिखाता है कि भारत न्याय के मामले में किसी भी ढिलाई को बर्दाश्त नहीं करेगा और भगोड़ों के खिलाफ सख्त कार्रवाई में पीछे नहीं हटेगा।

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