Edited By Tanuja,Updated: 29 Dec, 2025 05:12 PM

बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। पीरोजपुर जिले में कट्टरपंथियों ने हिंदू परिवारों के घरों में आग लगा दी और एक व्यक्ति को जिंदा जलाने की कोशिश की। इस घटनाक्रम ने यूनुस सरकार की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए...
International Desk: बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। ताजा मामला पीरोजपुर जिले के डुमरिया गांव का है, जहां कट्टरपंथियों ने कई हिंदू परिवारों के घरों में आग लगा दी। यह घटना 27 दिसंबर को हुई बताई जा रही है। स्थानीय लोगों के अनुसार, हमलावरों ने पलाश कांति साहा को घर के अंदर बंद कर जिंदा जलाने की कोशिश की। कट्टरपंथियों ने एक कमरे में कपड़े ठूंसकर आग लगा दी, जिससे आग तेजी से पूरे घर में फैल गई। इस हमले में पलाश कांति साहा, शिव साहा, दीपक साहा, श्यामलेंदु साहा और अशोक साहा के मकान बुरी तरह जलकर राख हो गए।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस आगजनी में घरों का सारा सामान नष्ट हो गया, जिसमें फर्नीचर, नकदी, जमीन के दस्तावेज, शैक्षणिक प्रमाणपत्र और अन्य जरूरी कागजात शामिल हैं। पीड़ित परिवारों के सामने अब सिर छुपाने और रोजमर्रा की जिंदगी दोबारा शुरू करने का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। इससे एक दिन पहले पश्चिम डुमरियातला गांव में भी दो हिंदू परिवारों के पांच घरों को आग के हवाले कर दिया गया था, जिससे इलाके में भय और आक्रोश का माहौल है। घटना के बाद बांग्लादेश की प्रसिद्ध लेखिका तस्लीमा नसरीन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर तीखी प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने लिखा कि पीरोजपुर के डुमरितोला गांव में साहा परिवार के पांच कमरों को हिंदू-विरोधी जिहादियों ने जला दिया। उन्होंने कहा कि हमलावरों ने तड़के सुबह आग लगाई, जब सभी लोग सो रहे थे। तस्लीमा नसरीन ने सवाल उठाया, “क्या देश के बाकी हिंदू घरों को भी इसी तरह जला दिया जाएगा? वे हिंदुओं को जिंदा जलाना चाहते हैं, इसलिए सोते वक्त आग लगाते हैं। क्या यूनुस सिर्फ बांसुरी बजा रहा है?” गौरतलब है कि इससे पहले चट्टोग्राम के पास भी एक हिंदू परिवार के घर में आग लगाई गई थी। उस घटना में परिवार के सदस्य बाहर से दरवाजे बंद होने के कारण फंस गए थे, लेकिन किसी तरह टीन की चादरें और बांस काटकर जान बचाने में सफल रहे।
हालांकि उनका सारा सामान जलकर राख हो गया और पालतू जानवरों की मौत हो गई। बांग्लादेश में हालिया दिनों में हालात और बिगड़े हैं। 12 दिसंबर को छात्र नेता उस्मान हादी की गोली मारकर हत्या के बाद देशभर में हिंसा फैल गई। इस दौरान मीडिया संस्थानों पर हमले हुए और मयमनसिंह में ईशनिंदा के आरोप में हिंदू मजदूर दीपू चंद्र दास की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई, बाद में शव को जला दिया गया। इन घटनाओं के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूनुस सरकार की कड़ी आलोचना हो रही है और बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।