Edited By Mehak,Updated: 20 Nov, 2025 06:53 PM

वृंदावन-मथुरा के बाबा प्रेमानंद महाराज ने शादी के कार्ड पर भगवान की तस्वीरें छपवाने को लेकर चेतावनी दी है। उनका कहना है कि कार्ड केवल सीमित समय के लिए उपयोग होते हैं और बाद में फेंके या रखे जाते हैं, जिससे भगवान की छवि का अनादर हो सकता है। महाराज ने...
नेशनल डेस्क : शादी-ब्याह के सीजन में लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को आमंत्रित करने के लिए कार्ड छपवाते हैं। पारंपरिक हिंदू परिवारों में आज भी आमतौर पर इन कार्डों पर भगवान या देवी-देवताओं की तस्वीरें छपवाने की प्रथा है। हालांकि, वृंदावन-मथुरा के बाबा प्रेमानंद महाराज ने कहा है कि यह प्रथा अब अनजाने में भगवान का अनादर कर रही है।
कार्ड पर भगवान की तस्वीर क्यों नहीं होनी चाहिए
बाबा प्रेमानंद का कहना है कि शादी का कार्ड केवल एक सीमित समय के लिए उपयोग होता है। शादी के बाद यह कागज अक्सर फेंक दिया जाता है या कहीं रख दिया जाता है। ऐसे में कार्ड पर छपी भगवान या देवी-देवताओं की तस्वीर का अपमान हो सकता है। भगवान का सम्मान हमेशा होना चाहिए और किसी भी रूप में उनका अपमान नहीं होना चाहिए। इसलिए, कार्ड पर उनकी छवि का प्रयोग उचित नहीं है।
क्या छपवाना चाहिए कार्ड पर
महाराज ने यह भी बताया कि कार्ड पर केवल जरूरी जानकारी होनी चाहिए जैसे कि दूल्हा-दुल्हन के नाम, विवाह की तिथि और स्थान। कई लोग आजकल कार्ड पर भगवान शिव-पार्वती, राधा-कृष्ण या सिया-राम के विवाह रूप की छवियां लगाते हैं। लेकिन कार्ड का इस्तेमाल केवल एक बार होता है और इसके बाद यह रद्दी में फेंक दिया जाता है। इस वजह से, पवित्र छवियों का सम्मान नहीं हो पाता और यह हमारी परंपरा के विपरीत माना जाता है।