CBI ने नियुक्ति घोटाले में कसा शिकंजा, बंगाल के मंत्री और उनकी बेटी के खिलाफ दर्ज किया मामला

Edited By rajesh kumar,Updated: 19 May, 2022 08:23 PM

bengal cbi tightens its noose in appointment scam

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पश्चिम बंगाल के मंत्री परेश चंद्र अधिकारी और उनकी बेटी के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

 

नेशनल डेस्क: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पश्चिम बंगाल के मंत्री परेश चंद्र अधिकारी और उनकी बेटी के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। राज्य सरकार से सहायता प्राप्त एक स्कूल में अध्यापिका के तौर पर अपनी बेटी की कथित अवैध नियुक्ति के मामले में सीबीआई अधिकारियों के समक्ष मंत्री के उपस्थित होने के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एक समय सीमा निर्धारित की थी, लेकिन वह (मंत्री) उपस्थित होने में नाकाम रहें। इसके बाद, उनके खिलाफ जांच एजेंसी ने प्राथमिकी दर्ज की। मंत्री को सीबीआई के समक्ष दोपहर तीन बजे तक उपस्थित होना था।

जांच एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि शिक्षा राज्य मंत्री अधिकारी और उनकी बेटी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के अलावा भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया, “कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार मंत्री को दोपहर तीन बजे तक हमारे अधिकारियों के समक्ष उपस्थित होना था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। हमने उनके और उनकी बेटी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है।”

उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को अधिकारी को दोपहर तीन बजे तक सीबीआई के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया था, लेकिन उनके वकील ने कहा कि वह कूचबिहार में हैं और शाम को विमान से कोलकाता जाएंगे। न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने तब बिधाननगर पुलिस से कहा कि जैसे ही वह कोलकाता हवाई अड्डे पर उतरें, उन्हें सीबीआई कार्यालय ले जाएं। अदालत ने यह भी कहा कि अगर अधिकारी उड़ान में नहीं पाए जाते हैं, तो इसे अदालत और सीबीआई से बचने के लिए उनका झांसा माना जाएगा और ऐसा होने पर मामले से उसके मुताबिक ही निपटा जाएगा।

सीबीआई अधिकारी के अनुसार, अधिकारी ने एजेंसी को पत्र भेजकर कर उसके सामने पेश होने के लिए और समय मांगा था। उन्होंने कहा, “उन्होंने हमें पत्र लिखकर जारी जांच के सिलसिले में उपस्थित होने के लिए और समय मांगा है। हम उनसे सवाल करने के लिए तैयार हैं।” अदालत ने शुरू में मंत्री को 17 मई को सीबीआई के सामने पेश होने का निर्देश दिया था। एक याचिका में दावा किया गया है कि याचिकाकर्ता से कम अंक पाने के बावजूद अधिकारी की बेटी को एक अध्यापिका तौर पर नियुक्त कर दिया। तृणमूल कांग्रेस के नेता बुधवार को भी एजेंसी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए थे।

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